Should be very challenging and much above the learning level of students / बेहद चुनौतीपूर्ण होना चाहिए जिससे वह विद्यार्थियों की सीखने के स्तर से बहुत ज्यादा हो।
Should be connected to the real life experiences of the students. / विद्यार्थियों के निजी जीवन के अनुभवों से जोड़ा जाना चाहिए।
Should be delivered via lecture method / व्याख्यान विधि से प्रस्तुत किया जाना चाहिए ।
Should be presented in disconnected chunks. / विभाजित टुकड़ों में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
सीखने को प्रभावशाली बनाने के लिए विषयवस्तु को विद्यार्थियों के निजी जीवन के अनुभवों से जोड़ा जाना चाहिए। ऐसा करने से विद्यार्थी अधिगम कार्य आनंदमय व रूचिपूर्ण ढंग से कर पाते है व इसके द्वारा विद्यार्थियों को विषयवस्तु को खुद के जीवन से जोड़कर समझने में सहजता होती है और वे सीखी गई अवधारणा को लम्बे समय तक धारण कर पाने में सक्षम होते हैं। यह अधिगम के लिए तैयार करने की एक सकारात्मक और मनोवैज्ञानिक पहल है जो छात्रों में जानकारी का जुड़ाव एवं संबंध बनाने में सहायक है ।
Question 2:
Which of the following are effective adaptations for students with 'Attention Deficit Hyperactivity disorder'?
वह विद्यार्थी जिन्हें 'ध्यान न्यूनता अतिक्रियाशीलता विकार' है के अनुकूल पद्धति कौन-सी है ?
(i) Allow students to stand while working / विद्यार्थियों को खड़े होकर कार्य करने की अनुमति देना
(ii) Break the task into small parts / कार्य को छोटे टुकड़ों में बाँटना
(iii) Strictly enforce time limit to finish class work / कक्षाकार्य को पूरा करने के लिए सख्त समयावधी तय करना
(iv) Give one task at a time / एक समय पर एक कार्य देना
(i), (ii), (iii)
(i), (ii), (iii), (iv)
(i), (ii), (iv)
(ii), (iii), (iv)
ध्यान न्यूनता अतिक्रियाशीलता विकार ( Attention Deficit Hyperactivity Disorder ADHD), एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो किसी बालक की ध्यान देने की क्षमता को प्रभावित करता है। एडीएचडी वाले बच्चो को आमतौर पर स्कूल में परेशानी होती है और वे अपनी
भावनाओं को ठीक से प्रदर्शित नहीं कर पाते। वह विद्यार्थी जिन्हें 'ध्यान न्यूनता अतिक्रियाशीलता विकार' है के अनुकूल पद्धति निम्न है –
* विद्यार्थियों को खड़े होकर कार्य करने की अनुमति देना ।
* कार्य को छोटे टुकड़ों में बाँटना
* एक समय पर एक कार्य देना ।
Question 3:
In a heterogeneous classroom which has students of mixed ability, the teacher should:
एक विविध कक्षाकक्ष में जिसमें विभिन्न योग्यता वाले विद्यार्थी हैं, एक शिक्षिका को :
Practice exam directed teaching /परिक्षाओं को और केन्द्रित शिक्षण करना चाहिए ।
Use teacher -centered teaching/ शिक्षक- केन्द्रित शिक्षण करना चाहिए।
Use the same teaching-learning method for all / सबके लिए एक जैसा शैक्षिक शिक्षाशास्त्र अपनाना चाहिए।
Make use of diverse teaching-learning methods / सीखने-सिखाने के लिए विविध सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए।
एक विविध कक्षाकक्ष में जिसमें विभिन्न योग्यता वाले विद्यार्थी, एक शिक्षिका को सीखने-सिखाने के लिए विविध सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए । जब विद्यार्थी विभिन्न योग्यता रखते हैं तो शिक्षक को समूह के बीच व्यक्तिगत मतभेदों को दूर करने के लिए अपने सांस्कृतिक ज्ञान पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए । विभिन्न योग्यता वाले विद्यार्थियों की जरूरतों को समझकर उनकी सहायता करने का प्रयास करना चाहिए ।
Question 4:
Which statement is correct about an inclusive classroom?
एक समावेशी कक्षा के संदर्भ में कौन सा कथन सही हैं?
The participation of girls and other disadvantaged groups in the school curriculum and other activities is prohibited / विद्यालयी पाठ्यचर्चा तथा अन्य गतिविधियों में लड़कियों व अन्य वंचित समूह के बच्चों सहभागिता को प्रतिबंधित रखा जाता है ।
Inclusion only pertains to children with disabilities since only the benefits from it / समावेशन केवल 'विकलांगता से जूझते' बच्चों से संबंधित ही होता है क्यों कि समावेशन से केवल वो ही लाभान्वित होते है ।
Inclusion creates in the education 'other' children which affects the quality of education / समावेशन से 'अन्य' बच्चों की शिक्षा में बाधा व रूकावट आती है। जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है।
During inclusion need of all children are addressed irrespective of difference in their abilities and backgrounds / समावेशन के दौरान सभी बच्चों को उनकी पृष्ठभूमि व क्षमताओं में विभिन्नता होते हुए भी विद्यालय में संबोधित किया जाता है।
एक समावेशी कक्षा में समावेशन के दौरान सभी बच्चों को उनकी पृष्ठभूमि व क्षमताओं में विभिन्नता होते हुए भी विद्यालय में संबोधित किया जाता है। समावेशी कक्षा में सभी छात्रों को एक शिक्षा प्राप्त होती है जो उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करती है विकलांगता के प्रकार या डिग्री के आधार पर किसी भी छात्र को बाहर नहीं रखा गया है। स्कूल के सभी सदस्य (जैसे, प्रशासन, कर्मचारी, छात्र और माता-पिता) सहकारी / सहयोगी शिक्षण व्यवस्था को बढ़ावा देते हैं। अध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी शिक्षा को मुख्य स्तम्भ माना जाता हैं। समावेशी शिक्षा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए योग्य व निपुण अध्यापकों की आवश्यकता पड़ती है। समावेशी शिक्षा के अतिरिक्त ये अध्यापक अयोग्य व विकलांग विद्यार्थियों की योग्यता का विकास करके उनको अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक कर सकते है ।
Question 5:
Teachers can encourage children to think creatively by:
शिक्षक बच्चों को रचनात्मक रूप में सोचने के लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं?
Asking them to memorize answers / उन्हें उत्तर रटने के लिए कहकर
Giving multiple choice questions/ बहुविकल्पीय प्रश्न देकर ।
Asking them to think of different ways to solve a problem / उन्हें किसी समस्या को हल करने के लिए विभिन्न तरीकों के बारे में सोचने के लिए कहना ।
Asking recall based questions / प्रत्यास्मरण पर आधारित प्रश्न पूछकर ।
रचनात्मकता साक्षरता के रूप में शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और हमें इसे उसी स्थिति के साथ व्यवहार करना चाहिए। हर बच्चे में रचनात्मकता की कुछ जन्मजात क्षमता होती है । रचनात्मकता व्यक्तित्व के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अलग-अलग और असामान्य रूप से चीजों का विश्लेषण करने की दिशा प्रदान करता है। रचनात्मक रूप से सोचने के लिए शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह बच्चों को रचनात्मक रूप में सोचने के लिए उन्हें किसी समस्या को हल करने के लिए विभिन्न तरीकों के बारे में सोचने के लिए कह सकते हैं। इससे बच्चे अपने को अभिव्यक्त कर सकेंगे और समाज के लिए कुछ नया योगदान दे सकेंगे।
Question 6:
Consider the following statements on 18th century India and choose the correct option.
Statement (A):
Craft and commerce underwent major changes as merchants and artisans were moved to 'black towns' by the European companies in the 18th century.
Statement (B) : The 'black' referred to native traders and craft persons, who lived in places like Fort St. George and Fort St. William.
18वीं शताब्दी भारत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें और सही विकल्प का चयन करें।
कथन (A) : अठारहवीं शताब्दी में शिल्प और वाणिज्य में बड़े-बड़े परिवर्तन आए, जब व्यापारी और कारीगर यूरोपीय कंपनियों द्वारा स्थापित "ब्लैक टाउन्स" में स्थानांतरित हो गए।
कथन (B) : 'ब्लैक' देसी व्यापारियों और शिल्पकारों को कहा गया है जो फोर्ट सेंट जॉर्ज और फोर्ट सेंट विलियम जैसी जगहों पर रहते थे।
(A) and (B) are both true and (B) is a correct elaboration of (A)/(A) और (B) दोनों सही हैं तथा (B), (A) का सही वृत्तांत है
(A) is false, (B) is true / (A) गलत है, (B) सही है
Only (A) is correct / केवल (A) सही है
(A) and (B) are both true, but (B) is not a correct elaboration of (A) / (A) और (B) दोनों सही हैं परन्तु (B), (A) का सही वृत्तांत नहीं है
अठारहवीं शताब्दी में शिल्प और वाणिज्य में बड़े-बड़े परिवर्तन आए, जब व्यापरी और कारीगर यूरोपीय कंपनियों द्वारा स्थापित "ब्लैक टाउन्स' में स्थानांतरित हो गए यह कथन सत्य तथा 'ब्लैक' टाउन्स देशी व्यापारियों और शिल्पकारों को कहा गया है जो केवल फोर्ट सेंट विलियम जैसी जगहों पर रहते थे अतः यह कथन असत्य है।
18वींसदी की विशेषता–
18वीं सदी में गुलामी भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताओं में से एक थी। राजपूत, खत्री और कायस्थ आमतौर पर दास महिलाओं को घरेलू काम के लिए रखते थे।
अठारहवीं शताब्दी के भारत की सामाजिक-आर्थिक स्थिति अस्थिरता से प्रभावित थी सामान्य रूप से समाज ने अपनी अधिकांश परंपराओं को बरकरार रखा लेकिन समाज में कई बदलावों को प्रेरित किया गया ।
सामाजिक व्यवस्था के सबसे निचले स्तर पर अधिकांश गरीब थे । 18वीं शताब्दी के प्रारम्भ में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् मुगल साम्राज्य का पतन प्रारम्भ हो गया ।
एक दादी घर में बच्चों को किताब से कथा को रुचिपूर्वक सुनाती है । इस प्रकार से वह उन पुस्तकों को पढ़ने और नये विचारों के लिए प्रोत्साहित करती है, इस प्रक्रिया में बच्चे भी सक्रिय रहते हैं। यह पद्धति 'सम्वादात्मक वाचन' (अर्थात् एक दूसरे से बात करना पद्धति कहलाती है।
शिक्षणसम्बन्धितं अन्तरं न्यूनीकर्तुं अध्यापिका उपचारात्मकम् अध्यापनं करोति, इमानि अन्तराणि “निदानात्मक- परीक्षणे” अवगच्छति ? अर्थात् शिक्षण सम्बन्धित अन्तर को कम करने के लिए अध्यापिका उपचारात्मक अध्यापन करती है । वह इस अन्तर को “निदानात्मक - परीक्षण के द्वारा वह जानती है।
यदा कश्चिद् वक्ता द्वयो; अनेकासु वा भाषासु विकल्पेन एकास्मिन्नेव वार्तालापे भाषते एतत् कुटपरिवर्तनम् कथ्यते अर्थात् जब कोई दो वक्ता अनेक भाषाओं के विकल्प में वार्तालाप करते है यह कूट परिवर्तन कहा जाता है ।