textbook is the only source of learning / पाठ्यपुस्तक ही सीखने का एकमात्र स्रोत है
children engage in purposeful activities that realises their potential / बच्चे अर्थपूर्ण गतिविधियों में संलग्न होते हैं जिससे वे अपनी क्षमता के अनुसार कार्य कर पाएं
exams are at the centre of all teaching- learning / सभी सीखने-सीखाने का केन्द्र परिक्षाएँ हैं
teacher is at the centre of all the teaching- learning activities / शिक्षक सभी सीखने - सीखाने का केन्द्र है।
एक प्रगतिशील कक्षा में बच्चे अर्थपूर्ण गतिविधियों में संलग्न होते हैं जिससे वे अपनी क्षमता के अनुसार कार्य कर पाएँ । प्रगतिशील कक्षा छात्रों के लिए वास्तविक दुनिया की स्थितियों का अनुभव करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह सहकारी शिक्षण को बढ़ावा देता है, बच्चे सहकारी शिक्षण प्रयासों से सामाजिक और शैक्षणिक रूप से ज्ञान प्राप्त करते हैं। जॉन डीवी, जो कि एक अमेरिकी दार्शनिक थे ने प्रगतिशील शिक्षा की संकल्पना को प्रस्तावित किया था कि शिक्षकों को बच्चों को रटने पर निर्भर होने के बजाय कैसे सोचना है, यह सिखाना चाहिए ।
Question 2:
According to Lawrence Kohlberg, at which stage does satisfaction of personal needs determines moral choice?
लारेंस कोहलबर्ग के अनुसार, किस स्तर पर व्यक्तिगत आवश्यकताओं की संतुष्टि नैतिक चयन को निर्धारित करती है?
Punishment and obedience orientation / सजा व आज्ञापालन अभिविन्यास
Instrumental purpose orientation / विनिमय उद्देश्य अभिविन्यास
किसी व्यक्ति की सही और गलत, विवेक, नैतिक और धार्मिक मूल्यों, सामाजिक दृष्टिकोण और व्यवहार की अवधारणाओं के क्रमिक गठन को नैतिक विकास कहा जाता है। नैतिक व्यवहार जन्मजात नहीं होता है, बल्कि इसे सामाजिक परिवेश से सीखा या अर्जित किया जाता है। लारेंस कोहलबर्ग के अनुसार, विनिमय उद्देश्य अभिविन्यास स्तर पर व्यक्तिगत आवश्यकताओं की संतुष्टि नैतिक चयन को निर्धारित करती है। लारेंस कोहलबर्ग द्वारा 1958 में नैतिक विकास सिद्धान्त प्रस्तावित किया था, जिसे इन्होंने 3 स्तरों तथा 6 चरणों में वर्गीकृत किया था, ये चरण निम्न हैं
चरण 1. सजा व आज्ञापालन अभिविन्यास
चरण 2. विनिमय उद्देश्य अभिविन्यास
चरण 3. अच्छा लड़का अच्छी लड़की अभिविन्यास
चरण 4. कानून और व्यवस्था अभिविन्यास
चरण 5. सामाजिक अनुबंध, कानूनी अभिविन्यास
चरण 6. सार्वभौमिक नैतिक सिद्धान्त अभिविन्यास
Question 3:
Who can be a part of team teaching?
कौन अध्यापन समूह का भाग हो सकता है ?
A teacher from another subject but from the same institution. / एक ही संस्थान का परन्तु अन्य विषय का शिक्षक ।
Any teacher, from any discipline having expertise related to the theme being taught. / कोई भी शिक्षक, किसी भी विषय से है जिसे पढ़ाई जाने वाली थीम पर महारत हासिल है।
A teacher of same subject from another institution. / एक अन्य संस्थान से समान विषय का शिक्षक ।
A teacher appointed specifically for the purpose. / विशिष्ट उद्देश्य के लिए नियुक्त एक शिक्षक ।
कोई भी शिक्षक, किसी भी विषय से है जिसे पढ़ाई जाने वाली थीम पर महारत हासिल है । यह अध्यापन समूह का एक प्रमुख भाग हो सकता है । अध्यापन के अन्तर्गत शिक्षक संबंधित विषय को अच्छी तरह जानता हों, अन्यथा पढ़ाने में असुविधा होगी । जब शिक्षक संबंधित विषय की जानकारी नहीं रखता है । तो कक्षा में शिक्षण प्रक्रिया सही ढंग से संचालित नहीं हो पाती है।
Question 4:
Directions: Read the passage given below and answer the questions that follow by selecting the correct/most appropriate option.
1. A majority of people think that their dream job is too hard to achieve, too competitive and believe that it is all a matter of luck. All this is true actually, but why should that stop anyone from trying to get the job they really want? A really determined person will always succeed and, in many ways, will need other people to give up trying so that he can succeed.
2. Many job seekers feel limited by the choices they made at college. They may think that because they studied marketing, all they can ever do is work in marketing. All the evidence shows that, in fact, employers are less interested in acquired knowledge than the ability to think and learn. It is also very difficult to predict the needs of society. For example, if a person I chose to study dentistry because there was a lack of dentists when he was in high school, that may not be the case when he graduates. The needs of employers and the economy can change very very quickly, and often unexpectedly.
3. Of course, if it is a very tough time economically, it is hard to find employment straight after university, but it is by no means impossible. It might take several months longer to find a job after graduating, but there is work out there. A really key piece of advice is never to get downhearted by rejection because there will probably be a lot you can do to achieve your dream job, whatever it is. You must never give up. Be prepared to work hard and for long hours without necessarily climbing up the career ladder. There is a lot to be said for learning your trade from the bottom up. At the start, there will probably be little money, but it will be worth it in the end. The best jobs are not supposed to be easy – that is what makes them challenging. And if you like a challenge, just keep your head down and go for it.
What advice does the writer not give employment seekers in para 3?
To be dejected by rejection
To be prepared for long hours of work
To be patient in the search for a job
To never give up the search for a dream job
The writer does not give employment seekers to be dejected by rejection in para 3.
Hence option (a) would be correct.
Question 5:
Artists, architescts and nevigators posses high ________ as per Howard Gardner's theory.
हावर्ड गार्डनर के सिद्धान्त के अनुसार कलाकारों, वास्तुकारों और नाविकों के पास कौन-सी बुद्धि अधिक मात्रा में होती है?
Musical intelligence / संगीतमय बुद्धि
Spatial intelligence / स्थानिक बुद्धि
Linguistic intelligence / भाषाई बुद्धि
Intrapersonal intelligence / अंतरावैयक्तिक बुद्धि
हावर्ड गार्डनर के सिद्धान्त के अनुसार कलाकारा, वास्तुकारों और नाविकों के पास 'स्थानिक बुद्धि' अधिक मात्रा में होती है । स्थानिक बुद्धि में स्थानिक और दृश्य जानकारी को प्रभावी ढंग से देखने, समझने और उपयोग करने की क्षमता होती है। ऐसे लोग स्थानिक अभिविन्यास में अच्छे होते हैं, दृश्य चित्र और पैटर्न बनाते हैं। उच्च स्तर की स्थानिक बुद्धि वाले लोग समझने और निर्देश देने, नक्शे और चार्ट पढ़ने, और जिस स्थान पर वे गए हैं, उसके विवरण को स्पष्ट रूप से याद करने में बहुत अच्छे होते हैं ।
Question 6:
How is learning looked at in a socio- constructivist perspective?
सामाजिक- रचनात्मक परिप्रेक्ष्य में सीखने को किस प्रकार देखा जाता है?
Relatively permanent change in behavior. / व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन
Conditioning between the stimulus and response. / उत्तेजना और प्रतिक्रिया के बीच अनुबंध
As active and social in character. / सक्रिय और सामाजिक प्रक्रिया के रूप में
The process of passive acquistion of knowledge. / ज्ञान के निष्क्रिय अर्जन की प्रक्रिया
सामाजिक - रचनात्मक परिप्रेक्ष्य में सीखने को सक्रिय और सामाजिक प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है। सामाजिक रचनात्मकवाद इस शोध पर आधारित है कि सामाजिक प्रक्रियाएँ अधिग़म और संज्ञानात्मक विकास के लिए केन्द्रीय है। यह ज्ञान को एक सामाजिक निर्माण के रूप में मानता है और अधिगम व संज्ञानात्मक विकास के सामाजिक पहलुओं को प्राथमिकता देता है। इनमें से कुछ सामाजिक पहलू - भाषा, संस्कृति, दैनिक, जीवन की प्रथाएँ, भौतिक वस्तुएँ, पारस्परिक संपर्क, सहकर्मी संपर्क, उपकरण और प्रतीक है।
Question 7:
Consider the following statements and choose the appropriate option.
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें तथा उपयुक्त विकल्प चुनें।
Statement (A) : The Muslim League announced 16 August 1946 as ' Direct Action Day' for winning the demand, for Pakistan.
Statement (B) : The Cabinet Mission succeeded in providing a suitable political framework for free India that was acceptable for both the Congress and the Muslim League.
कथन (A) : पाकिस्तान की अपनी मांग मंगवाने के लिए मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त, 1946 को 'प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस' मनाने का आहवान किया।
कथन (B) : कैबिनेट मिशन स्वतंत्र भारत के लिए एक उपयुक्त राजनीतिक बंदोबस्त करने में जो कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों को स्वीकार्य हो सुझाने में सफल रहा।
(B) is true but (A) is false. / (B) सही है, किन्तु (A) गलत है।
(A) is true but (B) is false. / (A) सही है, किन्तु (B) गलत है।
Both (A) and (B) are true but (B) is not the correct explanation of (A). / (A) और (B) दोनों सही है, किन्तु (A) की सही व्याख्या (B) नहीं है।
Both (A) and (B) are true and (B) is the correct explanation of (A). / (A) और (B) दोनों सही हैं तथा (A) की सही व्याख्या (B) है।
मुस्लिम लीग काउंसिल ने 16 अगस्त, 1946 को अंग्रेजों के भारतीय उपमहाद्वीप से चले जाने के बाद एक अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) की अपनी मांग को बल देने के लिए, 'प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस' के रूप में घोषित किया। उनका मुख्य उद्देश्य मुस्लिम बहुमत के साथ एक अलग देश प्राप्त करना था । कैबिनेट मिशन 1946 कांग्रेस और मुस्लिम लीग के सम्बन्ध को सुझाने के लिए नहीं था, बल्कि यह भारत में संविधान निर्माण करने के तरीके पर विचार विमर्श करने हेतु ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेण्ट एटली की अध्यक्षता में भारत आया था। इस प्रकार (A) कथन पूर्णतः सही है, लेकिन (B) कथन गलत है।
Question 8:
Which factors play a major role in the formation of soil? मृदा के विरचन/गठन में कौन से कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं?
(A) Parent rock/मूल चट्टान
(B) Topography / स्थलाकृति
(C) Climatic factors / जलवायु संबंधी कारक
(D) Time / समय
Options:/विकल्पः
Only (B) and (C) / केवल (B) तथा (C)
Only (A) and (C) / केवल (A) तथा (C)
Only (A)/ केवल (A)
Only (D)/केवल (D)
मृदा के विरचन/गठन में मूल चट्टान एवं जलवायु संबंधी कारक मुख्य भूमिका निभाते है। जलवायु मृदा निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण सक्रिय कारक है। मृदा के विकास में संलग्न विभिन्न जलवायवी तत्त्व हैं- वर्षा, वाष्पीकरण की बारंबारता व अवधि तथा आर्द्रता एवं तापक्रम मृदा निर्माण में शैल एक निष्क्रिय नियंत्रक कारक है। मृद निर्माण के गठन व संरचना, शैल निक्षेप के खनिज एवं रासायनिक संयोजन पर निर्भर करती है। जिन स्थानों पर मृदाएँ नई होती है अर्थात् परिपक्व नहीं होती है, वहाँ की मृदाओं का मूल शैलों के साथ घनिष्ठ संबंध होता है। मूल शैव (चट्टान) की भाँति स्थलाकृति भी एक दूसरा निष्क्रिय नियंत्रक कारक है। तीव्र ढालों वाले क्षेत्र में मृदा छिछली तथा सपाट क्षेत्र में मृदा गहरी व मोटी होती है ।
Question 9:
Directions: Read the passage given below and answer the questions that follow by selecting the correct/most appropriate option.
1. A majority of people think that their dream job is too hard to achieve, too competitive and believe that it is all a matter of luck. All this is true actually, but why should that stop anyone from trying to get the job they really want? A really determined person will always succeed and, in many ways, will need other people to give up trying so that he can succeed.
2. Many job seekers feel limited by the choices they made at college. They may think that because they studied marketing, all they can ever do is work in marketing. All the evidence shows that, in fact, employers are less interested in acquired knowledge than the ability to think and learn. It is also very difficult to predict the needs of society. For example, if a person I chose to study dentistry because there was a lack of dentists when he was in high school, that may not be the case when he graduates. The needs of employers and the economy can change very quickly, and often unexpectedly.
3. Of course, if it is a very tough time economically, it is hard to find employment straight after university, but it is by no means impossible. It might take several months longer to find a job after graduating, but there is work out there. A really key piece of advice is never to get downhearted by rejection because there will probably be a lot you can do to achieve your dream job, whatever it is. You must never give up. Be prepared to work hard and for long hours without necessarily climbing up the career ladder. There is a lot to be said for learning your trade from the bottom up. At the start, there will probably be little money, but it will be worth it in the end. The best jobs are not supposed to be easy – that is what makes them challenging. And if you like a challenge, just keep your head down and go for it.
Read the following sentences:
A. Determined people succeed occasionally.
B. Few people believe that getting their dream job is a matter of luck.
C. A majority of the people think that dream jobs are highly competitive.
A and C are incorrect, B is correct.
A and B are incorrect, C is correct.
A and B are correct, C is incorrect.
B and C are incorrect, A is correct.
For the above sentences, A and B are incorrect, C is correct. Hence option (b) would be correct.
सर्वे शिशवः कूजनं अव्यक्त वाचं च कुर्वन्ति । अयं “सहजज्ञानवादीसिद्धान्तेन" सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्येण समर्थितः । अर्थात् सभी शिशु कूजन तथा अव्यक्त वाणी का उच्चारण करते है । यह सहजज्ञान वादी सिद्धान्त से" सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्य में समर्थित है।