CTET Level -2 (16 June 2024)

Question 1:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

तिरूवल्लुवर तपस्या करने के बाद वापस समाज में क्यों आए ?

  • तमिल भाषा का प्रचार करने

  • यश कमाने के लिए

  • लोगों की सेवा करने के लिए

  • कपड़ा बुनने के लिए

Question 2:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

तिरूवल्लुवर की पत्नी का क्या नाम था ?

  • वनदेवी

  • वासुकी

  • विदुषी

  • जानकी

Question 3:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

संत 'तिरूवल्लुवर' के नाम में 'वल्लुव' का क्या अर्थ है?

  • श्री

  • तिलक

  • जुलाहा

  • बुनाई

Question 4:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

तिरूवल्लुवर को जन्म के तुरंत बाद कहाँ छोड़ दिया गया था ?

  • सड़क पर

  • जंगल में

  • पेड़ के नीचे

  • बगीचे में

Question 5:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

तिरूवल्लुवर ने __________ का कठिन अभ्यास किया।

  • ध्यान, योग, तांत्रिक विद्या

  • तांत्रिक विद्या, योग क्रिया

  • ध्यान, तांत्रिक विद्या

  • योग, तांत्रिक विद्या

Question 6:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

गद्यांश के किस अंश से पता चलता है कि संत तिरूवल्लुवर और उनकी पत्नी का स्वभाव एवं प्रकृति समान है ?

  • वासुकी नाम की विदुषी से विवाह हुआ

  • तपस्या करने जंगल में चले गए

  • सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते

  • अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने लगे

Question 7:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

जुलाहा दंपत्ति निःसंतान और _____________ थे।

  • पराक्रमी

  • क्षत्रिय

  • जुलाहा

  • दयालु

Question 8:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

तमिल भाषा में 'तिरू' का अर्थ है -

  • श्री

  • तिरूवर

  • तिल

  • श्रीमती

Question 9:

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

तिरूवल्लुवर का जन्म ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी माना जाता है। इनका जन्म स्थान तमिलनाडु राज्य का मद्रास ( आज का चेन्नई) शहर और भाषा द्रविड़ कही जाती है। तिरुवल्लुवर के माता-पिता इधर-उधर घूमते रहते थे। उन्होंने जन्म होते ही तिरूवल्लुवर को एक वृक्ष के नीचे छोड़ दिया था । वल्लुव ( जुलाहा ) जाति की एक निःसंतान दयालु स्त्री ने इन्हें वृक्ष के नीचे पत्तों पर पड़ा पाया तो उठाकर घर ले आई। दोनों पति-पत्नी ने बड़े स्नेह और यत्न से इस बालक का पालन-पोषण किया। उनके 'वल्लव' होने के कारण बालक का नाम बल्लुवर पड़ गया। 'तिरू' तमिल भाषा में आदरसूचक शब्द है। इसका अर्थ है- श्री। इस तरह ये तिरूवरलुखर के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं कि अपने जन्म की कहानी जानने के पश्चात वे अपने माता-पिता से आज्ञा ले तपस्या करने जंगल में चले गए। वहाँ ध्यान, योग तथा तंत्र-मंत्र का कठिन अभ्यास किया। फिर सोचा कि लोक सेवा करनी हो तो समाज में ही रहना चाहिए। उन्होंने वासुकी नाम की विदुषी से विवाह कर लिया और अपने पिता की भाँति कपड़ा बुनने का काम करने लगे । पति-पत्नी दोनों बड़े संतोषी जीव थे और सदा परोपकार के कार्यों में लगे रहते ।

'परोपकार' का संधि-विच्छेद है :-

  • परो + पकार

  • परो + उपकार

  • पर + ओपकार

  • पर + उपकार

Question 10:

दिए गए काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

फैली खेतों में दूर तलक,

मखमल - सी कोमल हरियाली ।

लिपटी जिसमें रवि की किरणें,

चाँदी की-सी उजली जाली ।

तिनकों के हरे-हरे तन पर

हिल हरित रुधिर है रहा झलक ।

श्यामल भूतल पर झुका हुआ

नभ का चिर निर्मल नीलफलक ।

कविता में मुख्यतः किसका वर्णन है?

  • आकाश का

  • धरती का

  • चाँदी का

  • खेतों का

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