CTET Level -1 (09 June 2024)
Question 1:
निर्देश: अधोलिखितं गद्यांश पठित्वा तदाधारित प्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेषु उचिततमम् उत्तर चिनुत ।
एक पिपीलिका आसीत् । एकदा आहारार्थं भ्रमन्ती सा कमपि आम्रस्य पादपं समारोहत् । वृक्षस्य शाखासु धावन्ती सा अकस्माद् अस्खलत्, अपतञ्च अधस्ताद् भरिते जलाशये । तस्मिन्नेव वृक्षे कस्यचित् कपोतस्य कुलायः अभवत् । स तत्र स्थितः जले निमज्जन्तीं पिपीलिकाम् अपश्यत । मृयमाणायां तस्यां पिपीलिकायां दयालुः स कपोतः शुष्कम् आम्रस्य दलमेकमपातयत् । तत् पत्रं जले अतरत् । पिपीलिका च तस्मिन्नारूढा सती स्वजीवितम् अरक्षत्, आविरकरोञ्च कृतज्ञातम् । ततः तौ मित्रे अभवताम् ।
ततः दिनेषु गच्छत्सु एकदा स कपोतः वृक्षस्य शाखायाम् एकाकी अतिष्ठत्, पिपीलिका च वृक्षस्य मूले स्वरूप बिलस्य द्वारि कर्मपरा अभवत् । तदैव कश्चिद् आगत्य कपोतं हन्तुं धनुषि वाणसन्धानम् । अकरोत्। पिपीलिका तमपश्यत् । सा धावन्ती व्याधस्य स्कन्धम् आरुह्य क्रोधेन तं तथा अदशत् यथा दंशपीडितः स व्याधः लक्ष्याद् अपाराध्यत् । धर्नुवक्रः शरश्च अन्यां दिशाम् अगच्छत् । तस्य शब्दं श्रुत्वा कपोतश्व उड्डीय वृक्षान्तरम् अयासीत्। एवं तौ विपदि परस्परं साहाय्यं कुर्वन्तौ चिरं सुखेन न्यवसताम् ।
पिपीलिका कुत्र अपतत् ?
Question 2:
निर्देश - निम्नलिखित कव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही। सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?
खम ठोंक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़ ।
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
गुन बड़े एक से एक प्रखर,
हैं छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसे लाली हो,
वर्तिका बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नहीं जलाता है,
रोशनी नहीं वह पाता है।
सुख प्राप्त करने के लिए?
Question 3:
भाषा शिक्षा के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, के बारे मे कौन-सा कथन सही नहीं है?
Question 4:
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।
बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "
इस गद्यांश में भारत के किस क्षेत्र के विद्यालय का प्रसंग है ?
Question 5:
निर्देश -
अधोलिखितं गद्यांश पठित्वा तदाधारित प्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेषु उचिततमम् उत्तरं चिनुत ।
अस्माकं भारतवर्षः अतीव विशालः अस्ति । अत्र बहवः गिरयः सन्ति । ते गिरयः मेघकलापं धृत्वा वृष्टिं सम्पादयन्ति । तेन अनेकाः नद्यः प्रवहन्ति । तासु नदीषु महानदी, गोदावरी, कावेरी, कृष्णा च पूर्वसमुद्रं प्रति प्रवहन्ति । इतरा: साबरमती, ताप्ती, पश्चिमसमुद्रं प्रति प्रवहन्ति। काश्चन यथा भागीरथी, कालिंदी, गण्डकी कौशिकी च हिमालयशिखरेभ्यः प्रभवन्ति। पुरा सरस्वती अपि पश्चिम समुद्राभिमुखम् एव प्रवहति स्म, परन्तु अद्य अस्याः चिह्नानि एव यत्र तत्र प्रवाहमार्गे प्राप्यन्ते । अन्यासां नदीनां मध्ये भारतस्य मध्यप्रान्ते चर्मण्वती वेत्रवती च नद्यौ प्रसिद्धे स्तः ।
पुराणकालात् आरभ्य सर्वे भारतीयाः नदीनां सम्मानं कुर्वन्ति । क्षेत्रेषु सलिलसेचनेन नद्यपि मातेव भवति । अतएव यानि क्षेत्राणि नदीजलेन प्लावितानि तानि नदीमातृकाणीति प्रसिद्धं यानि च वृष्टिजलेन सिक्तानि तानि देवमातृकाणि इति । वर्षाकालेन वृष्टिपातेन नद्या: जलेन च कृषिक्षेत्राणि प्लावितानि भवन्ति । कृषकाः कृषिकार्यं कृत्वा अन्नोत्पादनं कुर्वन्ति । नदीषु विविधाः मत्स्याः निवसन्ति । येषु प्रदेशेषु अनावृष्टि कारणेन जलाभावात् कृषिः न भवति तत्र शासनाधिकारिणः नद्याः जलं प्रतिरुध्य सेतुं बध्नाति । महाजलाशयान् निर्माय जलसञ्चनं कुर्वन्ति । तेभ्यः जलाशयेभ्यः क्षेत्रेषु जलं वितरन्ति । साम्प्रतं महानगरे नद्याः जलमेव प्रतिगृहं सर्वकारेण: सम्प्रेष्यते ।
नद्यां बन्धं निर्माय तस्मात् विद्युतम् उत्पादयन्ति । एषा जलमूला विद्युत 'हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर' इति नाम्ना प्रसिद्धा। पश्यत, नद्यः देशस्य कीदृशमुपकारं कुर्वन्ति । अतएव जनाः ताः पूजयन्ति । स्वस्वगृहेषु अधुनाऽपि जनाः स्नानसमये सर्वासां नदीनां सान्निध्यं स्नानजलं प्रार्थयन्ते।
अद्यापि भारतीयाः नदीनां कि कुर्वन्ति ?
Question 6:
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।
बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "
अध्यापक विद्यार्थियों को कौन-सी प्रक्रिया समझा रहे थे?
Question 7:
निर्देश -
अधोलिखितं गद्यांश पठित्वा तदाधारित प्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेषु उचिततमम् उत्तरं चिनुत ।
अस्माकं भारतवर्षः अतीव विशालः अस्ति । अत्र बहवः गिरयः सन्ति । ते गिरयः मेघकलापं धृत्वा वृष्टिं सम्पादयन्ति । तेन अनेकाः नद्यः प्रवहन्ति । तासु नदीषु महानदी, गोदावरी, कावेरी, कृष्णा च पूर्वसमुद्रं प्रति प्रवहन्ति । इतरा: साबरमती, ताप्ती, पश्चिमसमुद्रं प्रति प्रवहन्ति। काश्चन यथा भागीरथी, कालिंदी, गण्डकी कौशिकी च हिमालयशिखरेभ्यः प्रभवन्ति। पुरा सरस्वती अपि पश्चिम समुद्राभिमुखम् एव प्रवहति स्म, परन्तु अद्य अस्याः चिह्नानि एव यत्र तत्र प्रवाहमार्गे प्राप्यन्ते । अन्यासां नदीनां मध्ये भारतस्य मध्यप्रान्ते चर्मण्वती वेत्रवती च नद्यौ प्रसिद्धे स्तः ।
पुराणकालात् आरभ्य सर्वे भारतीयाः नदीनां सम्मानं कुर्वन्ति । क्षेत्रेषु सलिलसेचनेन नद्यपि मातेव भवति । अतएव यानि क्षेत्राणि नदीजलेन प्लावितानि तानि नदीमातृकाणीति प्रसिद्धं यानि च वृष्टिजलेन सिक्तानि तानि देवमातृकाणि इति । वर्षाकालेन वृष्टिपातेन नद्या: जलेन च कृषिक्षेत्राणि प्लावितानि भवन्ति । कृषकाः कृषिकार्यं कृत्वा अन्नोत्पादनं कुर्वन्ति । नदीषु विविधाः मत्स्याः निवसन्ति । येषु प्रदेशेषु अनावृष्टि कारणेन जलाभावात् कृषिः न भवति तत्र शासनाधिकारिणः नद्याः जलं प्रतिरुध्य सेतुं बध्नाति । महाजलाशयान् निर्माय जलसञ्चनं कुर्वन्ति । तेभ्यः जलाशयेभ्यः क्षेत्रेषु जलं वितरन्ति । साम्प्रतं महानगरे नद्याः जलमेव प्रतिगृहं सर्वकारेण: सम्प्रेष्यते ।
नद्यां बन्धं निर्माय तस्मात् विद्युतम् उत्पादयन्ति । एषा जलमूला विद्युत 'हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर' इति नाम्ना प्रसिद्धा। पश्यत, नद्यः देशस्य कीदृशमुपकारं कुर्वन्ति । अतएव जनाः ताः पूजयन्ति । स्वस्वगृहेषु अधुनाऽपि जनाः स्नानसमये सर्वासां नदीनां सान्निध्यं स्नानजलं प्रार्थयन्ते।
भारतस्य मध्यप्रान्ते के नद्यौ प्रसिद्धे स्तः ?
Question 8:
Direction: Read the given passage and answer the questions that follow by selecting the most appropriate option.
"Get well soon!" Shanta said, handing Partha a yellow balloon. She was his third visitor. That's because she was his class teacher's daughter, and her mother made her visit him. The other two, Rahul and Syed, weren't really his friend, although they often ganged up with him against other kids to take away their lunch pocket money. Partha knew he wouldn't have long to live. He could feel it, deep inside. Seeing his aunty crying after talking with the doctor confirmed it. His time had come. He didn't tell his visitors, though. They would either pity him, or be happy to get rid of him.
Once shanta left, he ripped a page off from his notebook and wrote-
"Dear God, I know I messed up and nobody likes me. Please give me a second chance. I can show you what a good friend I can be."
He drew a map showing tile way from the school to the hospital, walked shakily to the window, and let the balloon fly away, carrying his message towards God.
The balloon was heading straight to a telephone pole, but a gentle breeze blew it away just in time. It crossed the park and disappeared out of view.
The next day, a body he had never met before came to visit him. "I find balloon," he said. "You are lonely?"
He just nodded, too startled to talk.
"I lonely too. My family come from Afghanistan and I no speak English good." He smiled. “I bring gift to you." He handed him a small bag of fruits. “I pray for friend, and God give me friend."
Normally, he would have made fun of his broken English and his long, baggy brown kurta, but he knew better. He smiled and offered him the first orange.
An antonym for the word 'shakily' in the passage is
Question 9:
What is the product of the smallest prime number and any whole number (except 0)?
सबसे छोटी अभाज्य संख्या और (0 को छोड़कर) किसी भी पूर्ण संख्या का गुणनफल क्या होगा?
Question 10:
An EVS teacher explains to his students "Snake has no ears so it cannot hear Sapera's been." Which of the following statements explains the process skill involved in this? A. Expressing natural curiosity about the environment.
B. Establishing the cause-and effect relationship.
C. Exhibiting appreciation towards animal diversity.
D. Making generalisation based on observation.
एक पर्यावरण अध्यापक अपने विद्यार्थियों को समझाता है कि " साँप के कान नहीं होते, इस लिए वे सपेरे की बीन नहीं सुन सकता है। '
निम्नलिखित में से कौन-से कथन प्रक्रिया कौशल की व्याख्या करते हैं?
A. पर्यावरण के बारे में स्वाभाविक जिज्ञासा की अभिव्यक्ति।
B. कार्य और कारण संबंध की स्थापना ।
C. जीव विविधता के प्रति सराहना की अभिव्यक्ति ।
D. अवलोकन के आधार पर सामान्यीकरण करना।