CTET Level -1 (09 June 2024)

Question 1:

The product of a proper fraction and an improper fraction is : / एक उचित भिन्न और एक विषम भिन्न का गुणनफल है:

  • greater than both than both proper fraction and improper fraction / उचित भिन्न और विषम भिन्न दोनों से बड़ा होता है।

  • less than both proper fraction and improper fraction

    उचित भिन्न और विषम भिन्न दोनों से छोटा होता है।

  • less than proper fraction and greater than improper fraction / उचित भिन्न से छोटा होता है तथा विषम भिन्न से बड़ा होता है।

  • greater than proper fraction and less than improper fraction / उचित भिन्न से बड़ा होता है तथा विषम भिन्न से छोटा होता है।

Question 2:

A primary teacher should introduce reading through

  • stories

  • picture books

  • phonic teaching

  • alphabet books only

Question 3:

निर्देश:  अधोलिखितं गद्यांश पठित्वा तदाधारित प्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेषु उचिततमम् उत्तर चिनुत ।

एक पिपीलिका आसीत् । एकदा आहारार्थं भ्रमन्ती सा कमपि आम्रस्य पादपं समारोहत् । वृक्षस्य शाखासु धावन्ती सा अकस्माद् अस्खलत्, अपतञ्च अधस्ताद् भरिते जलाशये । तस्मिन्नेव वृक्षे कस्यचित् कपोतस्य कुलायः अभवत् । स तत्र स्थितः जले निमज्जन्तीं पिपीलिकाम् अपश्यत । मृयमाणायां तस्यां पिपीलिकायां दयालुः स कपोतः शुष्कम् आम्रस्य दलमेकमपातयत् । तत् पत्रं जले अतरत् । पिपीलिका च तस्मिन्नारूढा सती स्वजीवितम् अरक्षत्, आविरकरोञ्च कृतज्ञातम् । ततः तौ मित्रे अभवताम् ।

ततः दिनेषु गच्छत्सु एकदा स कपोतः वृक्षस्य शाखायाम् एकाकी अतिष्ठत्, पिपीलिका च वृक्षस्य मूले स्वरूप बिलस्य द्वारि कर्मपरा अभवत् । तदैव कश्चिद् आगत्य कपोतं हन्तुं धनुषि वाणसन्धानम् । अकरोत्। पिपीलिका तमपश्यत् । सा धावन्ती व्याधस्य स्कन्धम् आरुह्य क्रोधेन तं तथा अदशत् यथा दंशपीडितः स व्याधः लक्ष्याद् अपाराध्यत् । धर्नुवक्रः शरश्च अन्यां दिशाम् अगच्छत् । तस्य शब्दं श्रुत्वा कपोतश्व उड्डीय वृक्षान्तरम् अयासीत्। एवं तौ विपदि परस्परं साहाय्यं कुर्वन्तौ चिरं सुखेन न्यवसताम् ।

'धावन्ती' इति पदे प्रयुक्तं कृदन्तप्रत्ययं चित्वा लिखत

  • शतृ

  • क्त्

  • ल्यप्

  • शानच्

Question 4:

Directions: Read the given passage carfully and answer the questions that follow by selecting the most appropriate option?

The first thing which a scholar should bear in mind is that a book ought not to be read for mere amusement, and are not to be blamed for it; they are incapable of appreciating the deeper qualities that belong to a really great literature. But a young man who has passed through a course of University training should discipline himself at an early day never to read for mere amusement. And once the habit of discipline has been formed, he will find it impossible to read for mere amusement. He will then impatiently throw down any book from which he cannot obtain intellectual food, any book which does not make an appeal to the higher emotions and to his intellect. But on the other, the habit of reading for amusement becomes with thousands of people exactly the same kind of habit as wine-drinking to opium-smoking; it is like a narcotic, something that helps to pass the time, something that keeps up a perpetual condition of dreaming, something that eventually results in destroying all capacity for thought, giving exercise only to the surface parts of the mind and leaving the deeper springs of feelings and the higher faculties of perception unemployed.

The word 'unemployed' in the passage means :

  • unused

  • in search of employment

  • jobless

  • not working

Question 5:

If a student is making pronunciation errors, the best way to help him/her is to

  • mock at him/her in class for incorrect pronunciation

  • Provide him/her with correct pronunciation without any humiliation.

  • scold him/her in class for incorrect pronunciation.

  • call his/her parents and complain

Question 6:

Ms. Shammi, A mathematics teacher gave the following question to her class: 'Find the dimensions of all the rectangles whose area is 36 square units, given that the dimensions of the rectangles are whole numbers.' By giving this task, the teacher was trying to

सुश्री शम्मी, एक गणित की शिक्षिका ने निम्नलिखित प्रश्न अपनी कक्षा को दिया: 'यदि आयतों की लम्बाई- चौड़ाई पूर्णांक हैं, तो उन सभी आयतों की लम्बाई- चौड़ाई ज्ञात कीजिए जिनका क्षेत्रफल 36 वर्ग यूनिट है।' इस कार्य को दे कर शिक्षिका प्रयत्न कर रही है

  • Clarify the concepts related to geometry and arithmetic / ज्यामिति एवं अंकगणित से संबंधित अवधारणाओं को स्पष्ट करने का

  • Connect together the concepts of array-type multiplication, area of rectangles and commutative property of multiplication सरणी (व्यूह)- गुणन, आयतों के क्षेत्रफल और गुणन के क्रमविनिमेय के गुणधर्म की अवधारणाओं को एक साथ जोड़ने का

  • Let her students memorize the formula for area of rectangle / कि उनके विद्यार्थी आयत के क्षेत्रफल का सूत्र याद कर लें

  • Help students to recall multiplication tables/ कि वह विद्यार्थियों को पहाड़ों का प्रत्यास्मरण करने में सहायता करें

Question 7:

During a field trip to a farm, students observed various plants. Joy observed that in the groundnut plant, flowers are found outside the soil and fruit grows under the soil. On this basis, he classified groundnut fruit as root. Which process skills has he applied for his classification? 

एक खेत में क्षेत्र भ्रमण के दौरान, विद्यार्थियों ने विभिन्न पौधे देखे । जॉय ने देखा कि मूँगफली के पौधे में फूल जमीन के बाहर हैं लेकिन फल जमीन के अंदर उगता हैं। इस आधार पर, उसने मूँगफली के फल को जड़ के रूप में वर्गीकृत किया। उसने अपने वर्गीकरण के लिए किन प्रक्रिया कौशलों का प्रयोग किया ? 

  • Observation, Experimentation, Problem solving/अवलोकन, प्रयोग, समस्या समाधान 

  • Observation, Comparison, Generalisation/अवलोकन, तुलना, सामान्यीकरण 

  • Observation, Collecting information, Identification /अवलोकन, सूचना का संकलन, पहचान 

  • Observation, Hypothesis formation, Classification/अवलोकन, परिकल्पना निर्माण, वर्गीकरण 

Question 8:

निर्देश -

अधोलिखितं गद्यांश पठित्वा तदाधारित प्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेषु उचिततमम् उत्तरं चिनुत ।

अस्माकं भारतवर्षः अतीव विशालः अस्ति । अत्र बहवः गिरयः सन्ति । ते गिरयः मेघकलापं धृत्वा वृष्टिं सम्पादयन्ति । तेन अनेकाः नद्यः प्रवहन्ति । तासु नदीषु महानदी, गोदावरी, कावेरी, कृष्णा च पूर्वसमुद्रं प्रति प्रवहन्ति । इतरा: साबरमती, ताप्ती, पश्चिमसमुद्रं प्रति प्रवहन्ति। काश्चन यथा भागीरथी, कालिंदी, गण्डकी कौशिकी च हिमालयशिखरेभ्यः प्रभवन्ति। पुरा सरस्वती अपि पश्चिम समुद्राभिमुखम् एव प्रवहति स्म, परन्तु अद्य अस्याः चिह्नानि एव यत्र तत्र प्रवाहमार्गे प्राप्यन्ते । अन्यासां नदीनां मध्ये भारतस्य मध्यप्रान्ते चर्मण्वती वेत्रवती च नद्यौ प्रसिद्धे स्तः ।

पुराणकालात् आरभ्य सर्वे भारतीयाः नदीनां सम्मानं कुर्वन्ति । क्षेत्रेषु सलिलसेचनेन नद्यपि मातेव भवति । अतएव यानि क्षेत्राणि नदीजलेन प्लावितानि तानि नदीमातृकाणीति प्रसिद्धं यानि च वृष्टिजलेन सिक्तानि तानि देवमातृकाणि इति । वर्षाकालेन वृष्टिपातेन नद्या: जलेन च कृषिक्षेत्राणि प्लावितानि भवन्ति । कृषकाः कृषिकार्यं कृत्वा अन्नोत्पादनं कुर्वन्ति । नदीषु विविधाः मत्स्याः निवसन्ति । येषु प्रदेशेषु अनावृष्टि कारणेन जलाभावात् कृषिः न भवति तत्र शासनाधिकारिणः नद्याः जलं प्रतिरुध्य सेतुं बध्नाति । महाजलाशयान् निर्माय जलसञ्चनं कुर्वन्ति । तेभ्यः जलाशयेभ्यः क्षेत्रेषु जलं वितरन्ति । साम्प्रतं महानगरे नद्याः जलमेव प्रतिगृहं सर्वकारेण: सम्प्रेष्यते ।

नद्यां बन्धं निर्माय तस्मात् विद्युतम् उत्पादयन्ति । एषा जलमूला विद्युत 'हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर' इति नाम्ना प्रसिद्धा। पश्यत, नद्यः देशस्य कीदृशमुपकारं कुर्वन्ति । अतएव जनाः ताः पूजयन्ति । स्वस्वगृहेषु अधुनाऽपि जनाः स्नानसमये सर्वासां नदीनां सान्निध्यं स्नानजलं प्रार्थयन्ते।

अधोलिखितेषु पदेषु ल्यप्प्रत्ययान्त किं पदं भवेत् ?

  • सान्निध्यम्

  • प्रसिद्ध

  • प्रतिरुध्य

  • प्राप्यन्ते

Question 9:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

छात्र को अध्यापक से प्रश्न पूछने की आवश्यकता हुई, क्योंकि

  • छात्र को अध्यापक की बात समझ नहीं आ रही थी ।

  • अध्यापक ने छात्र को प्रश्न करने के लिए प्रोत्साहित किया था ।

  • छात्र को अध्यापक के बनाए सूत्र में गलती नज़र आई थीं ।

  • छात्र को प्रश्न करने की आदत थी ।

Question 10:

निर्देश:  अधोलिखितं गद्यांश पठित्वा तदाधारित प्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेषु उचिततमम् उत्तर चिनुत ।

एक पिपीलिका आसीत् । एकदा आहारार्थं भ्रमन्ती सा कमपि आम्रस्य पादपं समारोहत् । वृक्षस्य शाखासु धावन्ती सा अकस्माद् अस्खलत्, अपतञ्च अधस्ताद् भरिते जलाशये । तस्मिन्नेव वृक्षे कस्यचित् कपोतस्य कुलायः अभवत् । स तत्र स्थितः जले निमज्जन्तीं पिपीलिकाम् अपश्यत । मृयमाणायां तस्यां पिपीलिकायां दयालुः स कपोतः शुष्कम् आम्रस्य दलमेकमपातयत् । तत् पत्रं जले अतरत् । पिपीलिका च तस्मिन्नारूढा सती स्वजीवितम् अरक्षत्, आविरकरोञ्च कृतज्ञातम् । ततः तौ मित्रे अभवताम् ।

ततः दिनेषु गच्छत्सु एकदा स कपोतः वृक्षस्य शाखायाम् एकाकी अतिष्ठत्, पिपीलिका च वृक्षस्य मूले स्वरूप बिलस्य द्वारि कर्मपरा अभवत् । तदैव कश्चिद् आगत्य कपोतं हन्तुं धनुषि वाणसन्धानम् । अकरोत्। पिपीलिका तमपश्यत् । सा धावन्ती व्याधस्य स्कन्धम् आरुह्य क्रोधेन तं तथा अदशत् यथा दंशपीडितः स व्याधः लक्ष्याद् अपाराध्यत् । धर्नुवक्रः शरश्च अन्यां दिशाम् अगच्छत् । तस्य शब्दं श्रुत्वा कपोतश्व उड्डीय वृक्षान्तरम् अयासीत्। एवं तौ विपदि परस्परं साहाय्यं कुर्वन्तौ चिरं सुखेन न्यवसताम् ।

'उड्डीय' इति पदे कः कृदन्तप्रत्ययः प्रयुक्तः?

  • ल्यप्

  • शानच्

  • क्तवा

  • शत

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