Question 1:
"सुनि केवट के बैन, प्रेम लपेटे अटपटे । बिहसे करुनाऐन चितइ जानकी लखन तन।।” में कौन-सा छन्द है?
Question 2:
इनमें से कौन-सा अर्थालंकार का भेद नहीं है ?
Question 3:
इन वाक्यों को सही क्रम में लगाएँ ।
(A) रावण तो सिर्फ रावण है।
(B) 'रावण' ...... दुनिया में इस नाम का दूसरा कोई व्यक्ति नहीं हैं।
(C) राजाधिराज लंकाधिपति महाराज रावण को दशानन भी कहते हैं।
(D) राम तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन रावण नहीं
Question 4:
'कहानी नई कहानी' किसकी प्रसिद्ध कृति है ?
Question 5:
"आपका सेवानिवृत्त जीवन आनन्दमय हो ।" यह किस प्रकार का वाक्य है ?
Question 6:
सियार का गुण-स्वभाव .......... और …....... है ।
रिक्त स्थानों के लिए उचित विकल्प चुनिए ।
Question 7:
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा सम्पादित पत्रिका इनमें से एक नहीं है, पहचानिए ।
Question 8:
निर्देश दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
भाषा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य अपने भावों और विचारों को अभिव्यक्त करता है और समाज, समूहों या व्यक्ति तक संप्रेषित करता है। वस्तुतः भाषा ही सम्प्रेषण का प्रमुख माध्यम है। मनुष्य अपने समाज और परिवेश से भाषा का अर्जन करता है, परन्तु भाषा भी समाज के विकास के साथ विकसित और परिवर्तित होती है, भाषा की गतिशीलता का सम्बन्ध हमारे सामाजिक व्यवहार से जुड़ा होता है। इसलिए एक ओर भाषा का एक रूप स्थिर रहता है, तो दूसरा रूप परिवर्तित होता रहता है। भाषा का जो रूप परिवर्तित नहीं होता, उसके शब्दों को व्याकरण की भाषा में अविकारी कहा जाता है। ऐसे शब्दों में कोई विकार नहीं होता, इसलिए वे अविकारी शब्द है; जैसे- लिंग, वचन, कारक आदि के फलस्वरूप जिन शब्दों में परिवर्तन होता है, उन्हें विकारी शब्द कहा जाता है । क्रिया-विशेषण, सम्बन्धबोधक, समुच्चय-बोधक और विस्मयादिबोधक अविकारी शब्द हैं तथा संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और विशेषण विकारी शब्द हैं। भाषा के कौशल के लिए इन सभी का महत्त्व है।
सम्प्रेषण का प्रमुख माध्यम है-
Question 9:
निर्देश दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
भाषा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य अपने भावों और विचारों को अभिव्यक्त करता है और समाज, समूहों या व्यक्ति तक संप्रेषित करता है। वस्तुतः भाषा ही सम्प्रेषण का प्रमुख माध्यम है। मनुष्य अपने समाज और परिवेश से भाषा का अर्जन करता है, परन्तु भाषा भी समाज के विकास के साथ विकसित और परिवर्तित होती है, भाषा की गतिशीलता का सम्बन्ध हमारे सामाजिक व्यवहार से जुड़ा होता है। इसलिए एक ओर भाषा का एक रूप स्थिर रहता है, तो दूसरा रूप परिवर्तित होता रहता है। भाषा का जो रूप परिवर्तित नहीं होता, उसके शब्दों को व्याकरण की भाषा में अविकारी कहा जाता है। ऐसे शब्दों में कोई विकार नहीं होता, इसलिए वे अविकारी शब्द है; जैसे- लिंग, वचन, कारक आदि के फलस्वरूप जिन शब्दों में परिवर्तन होता है, उन्हें विकारी शब्द कहा जाता है । क्रिया-विशेषण, सम्बन्धबोधक, समुच्चय-बोधक और विस्मयादिबोधक अविकारी शब्द हैं तथा संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और विशेषण विकारी शब्द हैं। भाषा के कौशल के लिए इन सभी का महत्त्व है।
मनुष्य भाषा का अर्जन किससे करता है?
Question 10:
निर्देश दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
भाषा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य अपने भावों और विचारों को अभिव्यक्त करता है और समाज, समूहों या व्यक्ति तक संप्रेषित करता है। वस्तुतः भाषा ही सम्प्रेषण का प्रमुख माध्यम है। मनुष्य अपने समाज और परिवेश से भाषा का अर्जन करता है, परन्तु भाषा भी समाज के विकास के साथ विकसित और परिवर्तित होती है, भाषा की गतिशीलता का सम्बन्ध हमारे सामाजिक व्यवहार से जुड़ा होता है। इसलिए एक ओर भाषा का एक रूप स्थिर रहता है, तो दूसरा रूप परिवर्तित होता रहता है। भाषा का जो रूप परिवर्तित नहीं होता, उसके शब्दों को व्याकरण की भाषा में अविकारी कहा जाता है। ऐसे शब्दों में कोई विकार नहीं होता, इसलिए वे अविकारी शब्द है; जैसे- लिंग, वचन, कारक आदि के फलस्वरूप जिन शब्दों में परिवर्तन होता है, उन्हें विकारी शब्द कहा जाता है । क्रिया-विशेषण, सम्बन्धबोधक, समुच्चय-बोधक और विस्मयादिबोधक अविकारी शब्द हैं तथा संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और विशेषण विकारी शब्द हैं। भाषा के कौशल के लिए इन सभी का महत्त्व है।
भाषा की गतिशीलता का सम्बन्ध किससे है?