Question 1:
दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
यह धरती कितना देती है ! धरती माता
कितना देती है अपने प्यारे पुत्रों को !
नहीं समझ पाया था में उसके महत्व को-
बचपन में निःस्वार्थ लोभ वश पैसे बेकार !
रत्न प्रसविनी है वसुधा, अब समझ सका हूँ।
इसमें सच्ची समता के दाने बोने हैं,
इसमें जन की क्षमता के दाने बोने हैं
इसमें मानव-ममता के दाने बोने हैं-
जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसलें
मानवता की - जीवन श्रम से हँसे दिशाएँ-
हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे
'हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे' का निहितार्थ है-
Question 2:
दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
यह धरती कितना देती है ! धरती माता
कितना देती है अपने प्यारे पुत्रों को !
नहीं समझ पाया था में उसके महत्व को-
बचपन में निःस्वार्थ लोभ वश पैसे बेकार !
रत्न प्रसविनी है वसुधा, अब समझ सका हूँ।
इसमें सच्ची समता के दाने बोने हैं,
इसमें जन की क्षमता के दाने बोने हैं
इसमें मानव-ममता के दाने बोने हैं-
जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसलें
मानवता की - जीवन श्रम से हँसे दिशाएँ-
हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे
'हमें मानव मात्र से प्रेम करना चाहिए। यह भाव कविता के किस पद से प्रेषित हो रहा है?
Question 3:
दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
यह धरती कितना देती है ! धरती माता
कितना देती है अपने प्यारे पुत्रों को !
नहीं समझ पाया था में उसके महत्व को-
बचपन में निःस्वार्थ लोभ वश पैसे बेकार !
रत्न प्रसविनी है वसुधा, अब समझ सका हूँ।
इसमें सच्ची समता के दाने बोने हैं,
इसमें जन की क्षमता के दाने बोने हैं
इसमें मानव-ममता के दाने बोने हैं-
जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसलें
मानवता की - जीवन श्रम से हँसे दिशाएँ-
हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे
समाज में किस गुण की उपस्थिति को महत्व नहीं दिया गया है?
Question 4:
दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
यह धरती कितना देती है ! धरती माता
कितना देती है अपने प्यारे पुत्रों को !
नहीं समझ पाया था में उसके महत्व को-
बचपन में निःस्वार्थ लोभ वश पैसे बेकार !
रत्न प्रसविनी है वसुधा, अब समझ सका हूँ।
इसमें सच्ची समता के दाने बोने हैं,
इसमें जन की क्षमता के दाने बोने हैं
इसमें मानव-ममता के दाने बोने हैं-
जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसलें
मानवता की - जीवन श्रम से हँसे दिशाएँ-
हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे
'धरती' का पर्यायवाची शब्द नहीं है:
Question 5:
दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
यह धरती कितना देती है ! धरती माता
कितना देती है अपने प्यारे पुत्रों को !
नहीं समझ पाया था में उसके महत्व को-
बचपन में निःस्वार्थ लोभ वश पैसे बेकार !
रत्न प्रसविनी है वसुधा, अब समझ सका हूँ।
इसमें सच्ची समता के दाने बोने हैं,
इसमें जन की क्षमता के दाने बोने हैं
इसमें मानव-ममता के दाने बोने हैं-
जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसलें
मानवता की - जीवन श्रम से हँसे दिशाएँ-
हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे
विशेषण - विशेष्य का उदाहरण है :
Question 6:
शिक्षा की मिश्रित व्यवस्था में भाषा अध्यापक को निम्नलिखित कौशल समूहों की आवश्यकता होगी। सर्वाधिक उपयुक्त कौशल समूह का चयन करें।
Question 7:
कौन-सा वाक्यांश भाषा के संदर्भ में नहीं है?
Question 8:
अवधारणात्मक मानचित्रण' ...................... ।
Question 9:
'मैं एक दिन वाच्य और काल पढ़ा रही थी। मुझे एक पाठ्य सामग्री मिली जिसमें बहुत से उदाहरण थे। मैंने उदाहरणों की ओर संकेत किया और कर्मवाच्य समझाए। ऐसा प्रतीत हुआ कि विद्यार्थियों ने समझ लिया है। जब मैंने उन्हें अभ्यास के लिए काम दिया तो बहुत ही कम विद्यार्थी कर सके । "नीचे इस अध्यापक के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो सही नहीं है, उसका चयन करें:
Question 10:
एक अध्यापक चाहता है कि उसके विद्यार्थी कक्षा के बाहर भी सक्षम और आत्मविश्वासी पाठक बनें।
निम्नलिखित में से कौन-सी रणनीति उसकी कक्षा में सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगी ?