CTET Level -2 (23 June 2024)

Question 1:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

प्रस्तुत गद्यांश की विधा क्या है?

  • यात्रा वृत्तान्त

  • जीवनी

  • निबंध

  • कविता

Question 2:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

हर अंचल की अपनी अलग-अलग संस्कृति क्यों है?

  • लोगों के शैक्षिक स्तर के कारण

  • प्रशासनिक व्यवस्थाओं में अंतर के कारण

  • भौगोलिक स्थितियों में अंतर के कारण

  • लोगों के अलगाववादी दृष्टिकोण के कारण

Question 3:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

'तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती है।'

यह पंक्ति किस ओर संकेत करती है?

  • महिला-पुरुष असमानता

  • समाज में स्त्रियों की उन्नत स्थिति

  • पुरुषों के जुझारुपन में कमी

  • स्त्रियों पर सामाजिक प्रतिबंध

Question 4:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था से क्या तात्पर्य है?

  • भूमि, धन, संपत्ति पिता से बेटे को मिलता है।

  • सभी काम माताओं को ही करने पड़ते हैं।

  • भूमि, धन, संपत्ति माँ से बेटी को मिलती है।

  • सभी काम माताओं की देखरेख में होते हैं ।

Question 5:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

नृत्य और उत्सव के जरिए किसकी कामना की जाती है?

  • सभी नागरिकों की दीर्घ आयु की

  • सभी बच्चों की अच्छी शिक्षा की

  • शांति और संपन्नता की

  • उत्सव मनाने की शक्ति की

Question 6:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

पूरे भारत में उत्सवों से जुड़ी कौन-सी एक बात समान लगी?

  • सभी लोगों का एक सा पहनावा होना

  • सभी लोगों का मिल-जुलकर नृत्य करना

  • अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद देना

  • सभी लोगों के नाक नक्श एक से होना

Question 7:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

'मेघालय' का संधि विच्छेद है-

  • मेघ + अलय

  • मेघा + अलय

  • मेघ + आलय

  • मेघा + आलय

Question 8:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

कौन - सा शब्द 'पर्वत' का पर्यायवाची है?

  • नीरज

  • अंबर

  • समीर

  • गिरि

Question 9:

मेघालय - यानी बादलों का धर । तीन पर्वतयी अंचलों में बँटा हुआ है मेघालय - खासी, गारो और जयंतिया पर्वत । हर अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था मातृसत्तात्मक है। तमाम दुकानों पर स्त्रियाँ सौदा बेचती और बेहिचक बतियाती दिखाई देती हैं। शायद कमोबेश यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है, भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। भारत में जहाँ भी जाइए, लोग सब जगह एक-से ही हैं। हाँ, बोली, पहनावे, नाक-नक्श में थोड़ा अंतर है। यह स्वाभाविक ही है। भौगोलिक स्थितियाँ ही ऐसा अंतर कर देती हैं। यहाँ के रंगारंग नृत्यों का अपना सौंदर्य है। नृत्य और उत्सव के जरिए शांति और संपन्नता की कामना की जाती है, अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। उत्तर, दक्षिण और पूर्व भारत के उत्सवों में भी तो यही भावना निहित है । खासियों के नोंगक्रेम नृत्य को देखने के बाद माँसमाई गाँव की गुफाओं की ओर प्रस्थान किया।

'पर्वतीय' शब्द में कौन-सा प्रत्यय प्रयुक्त हुआ है?

  • इय

  • ईन

  • ईय

Question 10:

दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।

यह धरती कितना देती है ! धरती माता

कितना देती है अपने प्यारे पुत्रों को !

नहीं समझ पाया था में उसके महत्व को-

बचपन में निःस्वार्थ लोभ वश पैसे बेकार !

रत्न प्रसविनी है वसुधा, अब समझ सका हूँ।

इसमें सच्ची समता के दाने बोने हैं,

इसमें जन की क्षमता के दाने बोने हैं

इसमें मानव-ममता के दाने बोने हैं-

जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसलें

मानवता की - जीवन श्रम से हँसे दिशाएँ-

हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे

'रत्न प्रसविनी है वसुधा' से क्या तात्पर्य है?

  • धरती में बहुत सारे खनिज पदार्थ है

  • धरती रत्नों को पैदा करती है

  • धरती रत्नों की खान है

  • धरती में केवल रत्न ही रत्न है

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