Question 1:
It is a 'lie' detector.
'झूठ' का पता लगाने वाला यंत्र है।
Question 2:
What will the Saurashtra Cricket Association (SCA) stadium in Gujarat be renamed recently?
हाल ही में गुजरात के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एससीए) स्टेडियम का नाम बदलकर क्या किया जाएगा?
Question 3:
Which of the following tribes belongs to Uttar Pradesh and Uttarakhand?
निम्नलिखित में से कौन सी जनजाति उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड से संबंधित है?
Question 4:
अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है। इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है। बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो । बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल - दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके। वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा - जल- संचयन मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह आवश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए।
बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल क्यों होता है ?
Question 5:
अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है। इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है। बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो । बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल - दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके। वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा - जल- संचयन मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह आवश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए।
जल की माँग क्यों बढ़ती जा रही है?
Question 6:
अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है। इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है। बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो । बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल - दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके। वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा - जल- संचयन मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह आवश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए।
जल संचयन वह है जिसमें ________( सही कथन से वाक्य पूरा करो )
Question 7:
अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है। इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है। बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो । बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल - दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके। वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा - जल- संचयन मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह आवश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए।
'जल संरक्षण' का सही समास विग्रह और समास का नाम है _______.
Question 8:
अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है। इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है। बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो । बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल - दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके। वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा - जल- संचयन मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह आवश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए।
बाँध का निर्माण किया जा सकता है।
(वाक्य पूरा कीजिए ।)