CTET Level -1 (23 June 2024)

Question 1:

निर्देश: निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए । 
धरती की परियों के सपनीले प्यार में 
नई चेतना, नई उमंग बोलने लगी। 
कुछ ऐसे भोर की बयार गुनगुना उठी, 
अलसाए कुहरे की बाँह सिमटने लगी न 
नरम-नरम किरणों की नई-नई धूप में 
राहों के पेड़ों की छाँह लिपटने लगी।

'कुहरे की बाँह सिमटने लगी' से तात्पर्य है

  • कोहरे की बाँह छोटी होने लगी है

  • कोहरा समाप्त हो गया है

  • कोहरा छँटने लगा है

  • तेज़ धूप निकल आई है

Question 2:

चतुर्थकक्षायाः छात्राः स्वपितृभ्यां प्रपितृभ्यां च सह तेषां बाल्यकालविषये सामाजिक जीवनविषये च चर्चा कर्तुं निर्दिष्टाः । छात्रैः कक्षायां स्ववार्तालापं अधिकृत्य एका मौखिक प्रस्तुतिः कर्तव्या । अनन्तरं ते भित्तिषु स्थापयितुं चर्चाधारितं एकं भित्तिपत्रं (Poster) रचयन्ति । अयं गतिविधिः किं कथ्यते ? 

  • परियोजनाकार्यम् 

  •  लेखनगतिविधिः

  •  सम्भाषणगतिविधिः

  •  मौखिकविकासकार्याणि 

Question 3:

कश्चिद् अध्यापकः 'नगरीकरणस्य कारणात् प्रदूषणम्" इत्यस्मिन् विषये विचारोत्तेजनं कर्तुं कथयति । अत्र विचारोत्तेजस्य कोऽर्थः । 

  • अनुच्छेदस्य समाप्तिः 

  • कालक्रमानुसारं विचाराणां क्रमबद्धता 

  • शीर्षवाक्यस्य लेखनम् 

  • तत्कालमेव केनापि विषयेन सम्बद्धानां विचाराणां लेखनम् 

Question 4:

“कल मुझे जालंधर जाना था, पर मेरी ट्रेन मिस हो गई।" यह वाक्य किसका उदाहरण है?

  • एक कोड से दूसरे कोड में जाना

  • कोड मिश्रण

  • कोड में भिन्नता

  • कोड परिवर्तन

Question 5:

निर्देश: निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए । 
धरती की परियों के सपनीले प्यार में 
नई चेतना, नई उमंग बोलने लगी। 
कुछ ऐसे भोर की बयार गुनगुना उठी, 
अलसाए कुहरे की बाँह सिमटने लगी न 
नरम-नरम किरणों की नई-नई धूप में 
राहों के पेड़ों की छाँह लिपटने लगी।

'पेड़ों की छाँह लिपटने लगी' पंक्ति ___________ की ओर संकेत करती है।

  • कुहरे के बढ़ने

  • पेड़ों के बढ़ने

  • धूप के बढ़ने

  • धूप के कम होने

Question 6:

What is the difference between the place value of 7 in 57341 and the place value of 4 in 75431?

57341 में 7 के स्थानीय मान तथा 75431 में 4 के स्थानीय मान में क्या अंतर है?
 

  • 6600

  • 3000

  • 6660

  • 300

Question 7:

Directions: Read the passage given below and answer the questions that follow: 
1. Heidi was enjoying herself in her new surroundings; she looked about till she found a shed, built against the hut, where the goats were kept; she peeped in, and saw it was empty. She continued her search and presently came to the fir trees behind the hut. A strong breeze was blowing through them, and there was a rushing and roaring in their topmost branches, Heidi stood still and listened. The sound growing fainter, she went on again, to the farther corner of the hut, and so round to where her grandfather was sitting. Seeing that he was in exactly the same position as when she left him, she went and placed herself in front of the old man, and putting her hands behind her back, stood and gazed at him. Her grandfather looked up, and as she continued standing there without moving, "What is it you want?" he asked 
2. "I want to see what you have inside the house," said Heidi. 
3. "Come then!" and the grandfather rose and went before her towards the hut. 
4. The old man turned and looked searchingly at the child, whose dark eyes were sparkling in delighted anticipation of what she was going to see inside. "She is certainly not wanting in intelligence," he murmured to himself. 
5. The old man now opened the door and Heidi stepped inside after him; she found herself in a good-sized room, which covered the whole ground floor of the hut. A table and a chair were the only furniture; in one corner stood the grandfather's bed, in another was hearth with a large kettle hanging above it; and on the further side was a large door in the wall - this was the cupboard. 
6. Heidi looked carefully round the room, and asked, "Where am I to sleep, grandfather?" 
7. "Wherever you like," he answered.

The word 'hearth' means

  • A stove

  • The floor of a fireplace

  • The floor of a room

  • A burning piece of log

Question 8:

Why should children be assessed?

बच्चों का मूल्यांकन क्यों किया जाना चाहिए? 

  • To encourage competition among children/ बच्चों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए 

  • To improve the process of teaching-learning/ सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सुधार करने के लिए 

  • To compare the performance of children / बच्चों के प्रदर्शन की तुलना करने के लिए 

  • To identify and label slow learners / धीमी गति से सीखने वालों की पहचान और नामीकरण के लिए 

Question 9:

निर्देश : अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा तदाधारितप्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेभ्यः समीचीनमुत्तरं चिनुत । 

जननीमिव गरीयसीं गुरुतरां स्वमातृभूमिमयोध्यां प्रति लङ्कातः प्रतिष्ठमानस्य भगवतो रामचन्द्रस्येयमुक्तिः साकल्येनात्र उदिद्धयते- 

'अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते । 

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥' 

इति । जननी जन्मभूमिश्चेत्युभे सम्मानार्हे पूज्ये चेत्यस्या संक्षेपेणाभिप्रायः । कस्याविदितं तत्थ्यमेतद्यद् जन्मदातृत्वात्, सुतसंवर्धकत्वाच्च कारुण्यमूर्तिर्माता स्वसन्ततीनां जीवनसर्वस्वम् । तत एव श्रुतिः - "मातृदेवो भव" "मातृमान् पुरुषो वेद" इत्यादिभिर वचनैर् मातुर् गौरवं स्फुटम् । महर्षिणा मनुना स्वकीये धर्मशास्त्रे मनुस्मृतौ मातुर् गौरवम् इत्थं प्रतिपादतमस्ति- "माता पृथिव्या मूर्तिस्तु" (मनुस्मृति 2.226) "माता गुरुतरा भूमेर्माता परं दैवतम्" इत्यादीन्यपि वचनानि जनन्याः सर्वातिशयित्वं प्रतिपादयन्ति । मातुर् महत्त्वातिशयस्य कारणेषु विचार्यमाणेषु तथ्यमेतत् पुर आयांति यन्माता ममत्वमूर्तिः, करूणामूर्तिः, क्षमामूर्तिश्च । या स्वकीयैर् दया क्षमा-स्नेहशील-माधुर्य- ममत्व - आदिगुणैर् भुवि दिवि अन्येषु च लोकेषु सर्वान् अतिशेते प्राणिनः । जन्मभूमिर् जनान् जनयन्ती स्वाङ्के धारयन्ती, शस्यादिभिः पोषयन्ती । स्व- जल-फल- वायु-आदिभिश्च पालयन्ती । अत एव जन्मभूमिर् अपि मातेव जनानां मान्या, पूज्या, सम्मानाह च । अथर्ववेदस्य पृथिवीसूक्ते (12-1) मातृभूमेर् गुणाः विस्तरेण वर्णिताः सन्ति । यथा - "माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्या: (12-1-12) भूमे मातर् निधेहि मा भद्रया सुप्रतिष्ठिम् । संविदाना दिवा कवे श्रिया मा धेहि भूयाम् ॥ (12.1.63) वयं तुभ्यं बलिहृताः स्याम् (12.1.62) इत्यादिभिर् वचनैर् वेदेषु मातृभूमेर् महिमा वर्णिता । 

मातृभूमेर् अनेनैव गौरवेण आकृष्टा महान्तः पुरुषास् तस्य सम्मानस्य रक्षार्थम् आत्मनो बलिदानं कृत्वा स्वजन्म धन्यं कुर्वन्ति । अस्माकं सम्पूर्ण : इतिहास:- ईदृशानां हुतात्मानां गौरवमय्या गाथया परिपूणोऽस्ति । स्वमातृ भूमेः कृते महाराणा प्रतापसिंहस्य - आत्माहुतिं को न जानाति ? को न जानाति क्षत्रपतिना शिवाजीमहाराजेन स्वमातृभूमि-उद्धाराय कृतं दीर्घकालिकं सङ्घर्षम् ? 

प्रथमे स्वतन्त्रतासङ्ग्रामे स्वदेशस्य दासतापाशादुद्धारकर्तुम् बद्धपरिकरैर् नानाफड़नवीस - मङ्गलपाण्डेय- राज्ञीलक्ष्मीबाईप्रभृतिभिः कृता शौर्यमयी आत्माहुतिस्तु समेषां भारतीयानां विदितचरैव । को न जानाति क्रान्तिकारिणां वीरपुङ्गवानां भगतसिंह- चन्द्रशेखर आजाद-रामप्रसाद बिस्मिल - खुदीरामबोस- रासबिहारीघोष-अशफाकउल्लाखाँ - प्रभृतीनां पावनानि पुण्यमयानि चरितानि ? 

को वाऽपरिचितो महर्षिदयानन्द-विवेकानन्द- बालगङ्गाधरतिलक- गोपाकृष्णगोखले- लालालाजपतराय-मदनमोहनमालवीय - महात्मागान्धि- जवाहरलाल नेहरू-सुभाषचन्द्रबोस - वल्लभभाईपटेल- राजेन्द्रप्रसादप्रभृतीनां 

पुण्यनामभिर् यै मातृभूमिसेवेपरायणैर गृहीतदेशसेवाव्रतैर महाजनैस् तत्कृते का का विपदो नानुभूता ? ऐते महापुरुषाः स्वजन्मभूमेः सर्वमृणं शोधयित्वा इदानीं राष्ट्रदेवालयस्य दृढस्तम्भा इव राजन्ते । 

माता पृथिव्या मूर्तिस्तु" इति कस्य कथनमस्ति ? 

  • रामायणस्य 

  • अथर्ववेदस्य 

  • मनुस्मृतिर् इत्यस्य 

  • रामस्य 

Question 10:

If x and y are two numbers such that their sum is 110 and difference is 100, then 

यदि x और y दो संख्याएँ इस प्रकार हैं कि इनका योगफल 110 है और इनका अंतर 100 है, तो 

  • x = 85, y = 15 

  • x = 100, y = 10 

  • x = 90, y = 20 

  • x = 105, y = 5

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