CTET Level -1 (23 June 2024)

Question 1:

In order to accommodate a student with locomotor disabilites schools should facilitate access and barrier free environment that includes provisions such as: 

शारीरिक गतिक विकलांगता से जूझते छात्रों को समायोजित करने के लिए स्कूलों को पहुंच और बाधा मुक्त वातावरण की सुविधा प्रदान करनी चाहिए जिसमें निम्नलिखित प्रावधन शामिल होः 

(i) Wheel chairs/ पहिया कुर्सी / व्हील चेयर

(ii) Walker / वाकर 

(iii) Ramps with hand-rails/ हैंड-रेल के साथ रैंप 

(iv) Embossed tiles / उभरा हुए टाइल 

(v) Braille systems / ब्रेल प्रणाली 

  • (i), (ii), (iii) 

  • (i), (ii), (iii), (iv), (v) 

  • (ii), (iii), (iv) 

  • (i), (iii), (iv) 

Question 2:

निर्देश निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही। सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए । 
गुरु-शिष्य परंपरा में शिष्य के साथ गुरु का नाम पहले आता है। यह अमुक गुरु का शिष्य है- ऐसा कहा जाता है। गुरु अपने एक-एक शब्द से शिष्य में अवतरित होता है। जो शिष्य पूरी तरह से अपने गुरू को समर्पित है, उसके जीवन में एक समय आता है, जब वह गुरू की आराधना और उपासना करते-करते गुरुमय हो जाता है। शिष्य की वृत्ति सद्गुरू में मिल जाती है। उनकी प्रत्येक चेष्टा में, हावभाव में, वाणी में गुरू का ही प्रतिबिंब नजर आता है। इतना ही नहीं, उसकी आकृति भी गुरू जैसी हो जाती है। कई की तो वाणी भी गुरु जैसी ही हो जाती है। वाणी, विचार, वृत्ति, वेशभूषा, सब में जब सद्गुरु अवतरित होते हैं तब यह नहीं पूछना पड़ता कि तुम्हारा गुरु कौन है? तब तो यह शिष्य को देखते ही पता चल जाता है । जब परमात्मा अवतरित होते हैं, तो पहले सुयोग्य माता-पिता की खोज करते हैं, उसी प्रकार सद्गुरू अवतरित होने के लिए होनहार शिष्य ढूँढ़ते हैं। गुरू अपने शिष्य से माँ से भी ज्यादा परंपरा के माध्यम से यह अविनाशी गुरुतत्व हमेशा शिष्य को प्रकाश देता रहता है।

'समर्पित' में प्रत्यय है-

 

  • र्पित

  •   पित

  •  इत

Question 3:

'पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है' इस प्रकार की तथ्यात्मक सूचना संबंधी लेखन को किस श्रेणी में रखेंगे?

  • वृतान्तात्मक लेखन

  • विवरणात्मक लेखन

  • प्रतिपादक लेखन (व्याख्यात्मक)

  • प्रत्ययकारी लेखन (आकर्षक)

Question 4:

निर्देश : अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा तदाधारितप्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेभ्यः समीचीनमुत्तरं चिनुत । 
जननीमिव गरीयसीं गुरुतरां स्वमातृभूमिमयोध्यां प्रति लङ्कातः प्रतिष्ठमानस्य भगवतो रामचन्द्रस्येयमुक्तिः साकल्येनात्र उदिद्धयते- 
'अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते । 
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥' 
इति । जननी जन्मभूमिश्चेत्युभे सम्मानार्हे पूज्ये चेत्यस्या संक्षेपेणाभिप्रायः । कस्याविदितं तत्थ्यमेतद्यद् जन्मदातृत्वात्, सुतसंवर्धकत्वाच्च कारुण्यमूर्तिर्माता स्वसन्ततीनां जीवनसर्वस्वम् । तत एव श्रुतिः - "मातृदेवो भव" "मातृमान् पुरुषो वेद" इत्यादिभिर वचनैर् मातुर् गौरवं स्फुटम् । महर्षिणा मनुना स्वकीये धर्मशास्त्रे मनुस्मृतौ मातुर् गौरवम् इत्थं प्रतिपादतमस्ति- "माता पृथिव्या मूर्तिस्तु" (मनुस्मृति 2.226) "माता गुरुतरा भूमेर्माता परं दैवतम्" इत्यादीन्यपि वचनानि जनन्याः सर्वातिशयित्वं प्रतिपादयन्ति । मातुर् महत्त्वातिशयस्य कारणेषु विचार्यमाणेषु तथ्यमेतत् पुर आयांति यन्माता ममत्वमूर्तिः, करूणामूर्तिः, क्षमामूर्तिश्च । या स्वकीयैर् दया क्षमा-स्नेहशील-माधुर्य- ममत्व - आदिगुणैर् भुवि दिवि अन्येषु च लोकेषु सर्वान् अतिशेते प्राणिनः । जन्मभूमिर् जनान् जनयन्ती स्वाङ्के धारयन्ती, शस्यादिभिः पोषयन्ती । स्व- जल-फल- वायु-आदिभिश्च पालयन्ती । अत एव जन्मभूमिर् अपि मातेव जनानां मान्या, पूज्या, सम्मानाह च । अथर्ववेदस्य पृथिवीसूक्ते (12-1) मातृभूमेर् गुणाः विस्तरेण वर्णिताः सन्ति । यथा - "माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्या: (12-1-12) भूमे मातर् निधेहि मा भद्रया सुप्रतिष्ठिम् । संविदाना दिवा कवे श्रिया मा धेहि भूयाम् ॥ (12.1.63) वयं तुभ्यं बलिहृताः स्याम् (12.1.62) इत्यादिभिर् वचनैर् वेदेषु मातृभूमेर् महिमा वर्णिता । 
मातृभूमेर् अनेनैव गौरवेण आकृष्टा महान्तः पुरुषास् तस्य सम्मानस्य रक्षार्थम् आत्मनो बलिदानं कृत्वा स्वजन्म धन्यं कुर्वन्ति । अस्माकं सम्पूर्ण : इतिहास:- ईदृशानां हुतात्मानां गौरवमय्या गाथया परिपूणोऽस्ति । स्वमातृ भूमेः कृते महाराणा प्रतापसिंहस्य - आत्माहुतिं को न जानाति ? को न जानाति क्षत्रपतिना शिवाजीमहाराजेन स्वमातृभूमि-उद्धाराय कृतं दीर्घकालिकं सङ्घर्षम् ? 
प्रथमे स्वतन्त्रतासङ्ग्रामे स्वदेशस्य दासतापाशादुद्धारकर्तुम् बद्धपरिकरैर् नानाफड़नवीस - मङ्गलपाण्डेय- राज्ञीलक्ष्मीबाईप्रभृतिभिः कृता शौर्यमयी आत्माहुतिस्तु समेषां भारतीयानां विदितचरैव । को न जानाति क्रान्तिकारिणां वीरपुङ्गवानां भगतसिंह- चन्द्रशेखर आजाद-रामप्रसाद बिस्मिल - खुदीरामबोस- रासबिहारीघोष-अशफाकउल्लाखाँ - प्रभृतीनां पावनानि पुण्यमयानि चरितानि ? 
को वाऽपरिचितो महर्षिदयानन्द-विवेकानन्द- बालगङ्गाधरतिलक- गोपाकृष्णगोखले- लालालाजपतराय-मदनमोहनमालवीय - महात्मागान्धि- जवाहरलाल नेहरू-सुभाषचन्द्रबोस - वल्लभभाईपटेल- राजेन्द्रप्रसादप्रभृतीनां 
पुण्यनामभिर् यै मातृभूमिसेवेपरायणैर गृहीतदेशसेवाव्रतैर महाजनैस् तत्कृते का का विपदो नानुभूता ? ऐते महापुरुषाः स्वजन्मभूमेः सर्वमृणं शोधयित्वा इदानीं राष्ट्रदेवालयस्य दृढस्तम्भा इव राजन्ते ।

"वयं तुभ्यं बलिहताः स्याम" इत्यत्र 'वयम्' शब्दः कस्मात्प्रातिपदिकात् निष्पन्नः? 

  •  अस्मद्

  • तद् 

  • किम् 

  • युस्मद् 

Question 5:

Ikaya is an elementary school mathematics teacher. The achievement of girls in her mathematics class has been better than achievement of boys throughout the year. Ikaya should: 

इकाया एक प्रारंभिक विद्यालय की गणित की अध्यापिका है। उसकी गणित की कक्षा में वर्षभर लड़कियों की उपलब्धियां लड़कों की उपलब्धियों से बेहतर रहीं। इकाया को : 

  • make the boys in her class practice more questions / अपनी कक्षा के लड़कों को अधिक प्रश्नों का अभ्यास करवाना चाहिए । 

  • not bother as it is the natural talent of girls to be good at mathematics than boys./परवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि गणित में लड़कों से लड़कियों का बेहतर प्रदर्शन उनका प्राकृतिक / नैसर्गिक गुण है। 

  • reflect upon her classroom practices and the participation of students in her mathematics class./गणित की अपनी कक्षा में अपने अभ्यासों और विद्यार्थियों की भागीदारी पर चिंतन करना चाहिए । 

  • be statisfied with the achievements of the two groups in her class. / अपनी कक्षा के दोनों समूहों की उपलब्धियों से संतुष्ट होना चाहिए 

Question 6:

निर्देश: निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए । 
धरती की परियों के सपनीले प्यार में 
नई चेतना, नई उमंग बोलने लगी। 
कुछ ऐसे भोर की बयार गुनगुना उठी, 
अलसाए कुहरे की बाँह सिमटने लगी न 
नरम-नरम किरणों की नई-नई धूप में 
राहों के पेड़ों की छाँह लिपटने लगी।

'पेड़ों की छाँह लिपटने लगी' पंक्ति ___________ की ओर संकेत करती है।

  • धूप के बढ़ने

  • कुहरे के बढ़ने

  • पेड़ों के बढ़ने

  • धूप के कम होने

Question 7:

शब्दनिर्माणं वैयक्तिकध्वनिभिः भवति तथा च शब्दानां विश्लेषणं अक्षरध्वनिस्तरपर्यन्तं यद्वा ध्वनिग्रामस्तर- पर्यन्तं कर्त्तुं शक्यते । इयम् अवधारणा अस्ति 

  • अक्षर - अवधारणा 

  • वाक्य- अवधारणा 

  • स्वनिमिक - अवधारणा 

  • शब्द - अवधारणा 

Question 8:

निर्देश : अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा तदाधारितप्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेभ्यः समीचीनमुत्तरं चिनुत । 
व्याकरणसम्बन्धिदोषादिरहिता व्यवस्थित-क्रियाकारक- विभागसमन्विताया भाषा सा संस्कृतभाषेति कथ्यते । इयं हि भाषा सर्वदोषशून्या अस्ति, अतः देववाणी, गीर्वाण- भारती, अमरभाषा इत्यादिभिः शब्दैः व्यवह्रियते । भाषागतमुदारत्वं मार्दवं मनोज्ञत्वं चास्याः वैशिष्टयम् । सेयं संस्कृतभाषा जगतः सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा, सर्वोत्कृष्ट - साहित्य- संयुक्ता च वर्तते । अनन्तानन्तवर्षेषु व्यपगतेष्वपि अस्या माधुर्यम्, उदारत्वं च नाद्यापि विकृतम् । पाश्चात्त्यदेशीया विचारशीलाः कीलहार्न मैक्समूलर- मैकडानाल्ड कीथादयः विद्वांसः संस्कृत भाषायाः प्रशंसामकुर्वन् । सर्वासामार्य-भाषाणामुत्पत्तिः अत एव बभूव । पुरा सर्वे जनाः संस्कृतभाषयैवाभाषन्त । अतः सर्वमपि प्राक्तनं साहित्यं संस्कृतभाषायामेव उपलभ्यते । सर्वे प्राचीनग्रन्थाः चत्वारो वेदाश्च संस्कृत भाषायामेव सन्ति । वेदेषु मानवकर्तव्याकर्तव्ययोः सम्यक् निर्धारणमस्ति । ततो वेदानां व्याख्यानभूता ब्राह्मणग्रन्थाः वर्तन्ते । तदनु अध्यात्मविषयप्रतिपादिका उपनिषदो विद्यन्ते, यासां गरिमा पाश्चात्त्यबहुज्ञैरपि गीयते । ततोऽस्माकं गौरवग्रन्थाः षड्दर्शनानि सन्ति। एषामद्यापि विश्वस्य साहित्ये महत्त्वं वर्तते । ततः श्रौतसूत्राणां गृह्यसूत्राणां वेदव्याख्यानभूतानां षडङ्गानां गणनास्ति । महर्षिवाल्मीकिरचितस्य रामायणस्य, महर्षि व्यासरचितस्य महाभारतस्य निर्माणमपूर्वघटनैव वर्तते विश्वसाहित्ये । तत्र दुर्लभस्य कवित्वस्य, नैसर्गिक- सौन्दर्यस्य, अध्यात्मज्ञानस्य नीतिशास्त्रस्य च दर्शनं जायते । ततो भासाश्वघोष - कालिदास - भवभूति - दण्डि - बाण- सुबन्धु-हर्षप्रभृतयो महाकाव्यो नाट्यकाराश्च समायान्ति, येषामुदयेन न केवलमार्यावर्तः, अपितु सकलमेतत् जगत् धन्यमात्मानं मन्यते । कवि वराणामेतेषां वर्णने विद्वांसोऽपि न क्षमाः श्रीमद् भगवतगीता, स्मृतिग्रन्थाः पुराणानि च संस्कृतसाहित्यस्य महात्म्यं प्रकटयन्ति । 
संस्कृतसाहित्यं भारतस्य गौरवमुद्धोषयति । समस्तं देशं च एकतासूत्रे बध्नाति तत् । अस्य साहित्यस्य प्रचारः प्रसारश्च नितान्तं लाभप्रदः ।

'येषामुदयेन न केवलमार्यावर्तः' इत्यत्र 'आर्यावर्तः' इति किं निर्दिशति ? 

  •  आर्यभाषाम्

  • ईरानदेशम् 

  • त्रिविष्टपम् 

  •  भारतदेशम 

Question 9:

Select correct statement from the following:

निम्नलिखित में से सही कथन चुनिए: 

  • Kerala and Karnatka both have their coasts on the Arabian Sea / केरल और कर्नाटक दोनों के तट अरब सागर पर हैं। 

  • Karnataka has its coast on Arabian Sea whereas Kerala has its coast on the Bay of Bengal / कर्नाटक का तट अरब सागर पर तथा केरल का तट बंगाल की खाड़ी पर है। 

  • Kerala and Karnataka both have their coasts on the Bay of Bengal / केरल और कर्नाटक दोनों के तट बंगाल की खाड़ी पर हैं। 

  • Kerala has its coast on Arabian Sea whereas Karnataka has its coast on the Bay of Bengal / केरल का तट अरब सागर पर तथा कर्नाटक का तट बंगाल की खाड़ी पर है। 

Question 10:

Mendel's experiments have been included in EVS textbooks. The reason for this is 

पर्यावरण अध्ययन की पाठ्यपुस्तकों में मेंडल के प्रयोगों को शामिल किया गया है। इसका कारण है 

A. to draw student's attention to steps of scientific inquiry /वैज्ञानिक पड़ताल के चरणों की ओर छात्रों का ध्यान आकर्षित करना 

B. to teach students that traits are transmitted from one generation to another / छात्रों को सिखाना कि गुण एक पीढ़ी से दूसरी को संचरित किए जाते हैं

C. To draw students' attention towards how traits are inherited by successive generations छात्रों का ध्यान आकर्षित करना कि कैसे गुण उत्तरोत्तर पीढ़ियों द्वारा वंशागत होते हैं 

D. to help students find resemblances between themselves and their parents or relatives अपने तथा अपने अभिभावकों एवं रिश्तेदारों के बीच समानताएँ खोजने में छात्रों की सहायता करना 

  • C and D / C तथा D 

  • B and C / B तथा C 

  • A and B / A तथा B 

  • A and C / A तथा C

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