CTET Level -1 (23 June 2024)

Question 1:

Directions: Read the following passage and answer the questions by choosing the best/most appropriate options:

1. World Wildlife Day just passed and so did thousands of birds and animals which face extinction on Earth. The UN finds one million animal and plant species confronting the end of their existence - species are vanishing thousands of times faster than over the last ten million years. The World Economic Forum (WEF) estimates that humanity has wiped out 83% of wild mammals and half of all plants. Human activity has altered 75% of Earth's surface, and wildlife forced into shrinking corners where, as the WWF finds, hunting, pollution and climate change have caused a 68% fall in mammals, birds, amphibians, reptiles and fish since 1970. 
2. This loss, termed the sixth mass extinction, has huge implications for humanity. The WEF terms biodiversity loss as the second most impactful risk humanity faces, affecting the creation of food, air, water, stable ground, commercial materials and life-saving medicines. It quantifies human dependence on biodiversity at a huge $44 trillion of economic value generation or over half the world's GDP. But biodiversity loss also has a deeper cost for this range of life, encompassing all creatures great and small, and is the result of 4 - 5 billion years of evolution. Each year, nature painstakingly wove a brilliant web of life where each organism is meant to contribute something to another. By tearing this web, humans are wrecking the very point of our existence, one among many placed on a planet blessed with life, all its beings meant to support each other. 
3. Many mitigations are possible. These include encouraging afforestation and conservation, minimising pollution and banning hunting. Also, as an expert emphasises, we need to be more aware of the magical world of biodiversity, where creatures communicate through haunting calls and lingering fragrance, brilliant colours to bioluminescence. Mindfulness brings us closer to our fellow beings - and to the core of our own lives.

Which of the following options is not supported by evidence in the text? The severity of biodiversity loss can be reduced by:

  • encouraging afforestation.

  • raising awareness.

  • stringent punishment for causing loss to the environment.

  • banning hunting.

Question 2:

Directions: Read the following passage and answer the questions by choosing the best/most appropriate options:

1. World Wildlife Day just passed and so did thousands of birds and animals which face extinction on Earth. The UN finds one million animal and plant species confronting the end of their existence - species are vanishing thousands of times faster than over the last ten million years. The World Economic Forum (WEF) estimates that humanity has wiped out 83% of wild mammals and half of all plants. Human activity has altered 75% of Earth's surface, and wildlife forced into shrinking corners where, as the WWF finds, hunting, pollution and climate change have caused a 68% fall in mammals, birds, amphibians, reptiles and fish since 1970. 
2. This loss, termed the sixth mass extinction, has huge implications for humanity. The WEF terms biodiversity loss as the second most impactful risk humanity faces, affecting the creation of food, air, water, stable ground, commercial materials and life-saving medicines. It quantifies human dependence on biodiversity at a huge $44 trillion of economic value generation or over half the world's GDP. But biodiversity loss also has a deeper cost for this range of life, encompassing all creatures great and small, and is the result of 4 - 5 billion years of evolution. Each year, nature painstakingly wove a brilliant web of life where each organism is meant to contribute something to another. By tearing this web, humans are wrecking the very point of our existence, one among many placed on a planet blessed with life, all its beings meant to support each other. 
3. Many mitigations are possible. These include encouraging afforestation and conservation, minimising pollution and banning hunting. Also, as an expert emphasises, we need to be more aware of the magical world of biodiversity, where creatures communicate through haunting calls and lingering fragrance, brilliant 
colours to bioluminescence. Mindfulness brings us closer to our fellow beings - and to the core of our own lives.

The brilliant web of life refers to:

  • 4-5 billion years of evolution.

  • efforts made by environmentalists to save the world.

  • each organism contributing something to another.

  • the infinite variety of animals and birds.

Question 3:

एक शिक्षक छोटे बच्चों को नए शब्द सिखाने के लिए वास्तविक वस्तुओं का उपयोग करती है, क्योंकि –

  • यह शब्दों की सही वर्तनी के शिक्षण में मदद करता है

  • यह शब्द - भंडार का शिक्षण केवल वास्तविक वस्तुओं से ही कर सकते है

  • यह शिक्षार्थियों को शब्द और वस्तुओं के बीच संबंध जोड़ने में मदद करता हैं, जो वे अपने वास्तविक जीवन में देखते हैं

  • छोटे बच्चे अमूर्त चिंतन के योग्य नहीं होते

Question 4: CTET Level -1 (23 June 2024) 1

  • a

  • c

  • b

  • d

Question 5:

In the chapter, "From tasting to digesting" of EVS class V, it has been mentioned, "when Jhumpa tasted some of the things, she said "Sssee, Sssee, Sssee". "What do you think she may have eaten ?" The author is trying to relate this with which of the following? 

कक्षा पाँचवी के पर्यावरण अध्ययन पाठ, "चखने से पचने तक" में, यह बताया गया है कि, "कुछ चीजें चखने के बाद झुम्पा बोली 'सी-सी-सी'। सोचो, उसने क्या खाया होगा?" लेखक इसे निम्नलिखित में से किससे संबंधित करने का प्रयास कर रहा है? 

  • Various tastes of eatables / खाद्य-पदार्थों के विभिन्न स्वाद 

  • Imagination / कल्पना 

  • Sensory exploration / संवेदी अन्वेषण

  • Experience of child/बच्चे के अनुभव

Question 6:

Consider the following statements- 

1. The flow of energy in the ecosystem is unidirectional. 

2. In the ecosystem, both plants and animals are called producers. 

3. Fungi and bacteria are important components of the detritus food chain. Which of the above statements are true?

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये- 

1. पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है। 

2. पारिस्थितिक तंत्र में पादप एवं जंतु दोनों को उत्पादक कहा जाता है। 

3. कवक एवं जीवाणु अपरद खाद्य श्रृंखला के महत्त्वपूर्ण घटक हैं। उपर्युक्त में से कौन-से कथन सत्य हैं? 

  • केवल 2 और 3  only 2 and 3

  • केवल 1 और 2  only 1 and 2 

  • केवल 1 और 3  only 1 and 3

  • 1, 2 और 3 1,2 and 3

Question 7:

किसी पाठ्यपुस्तक के लिए पाठ्यसामग्री का चयन करते समय एक मुख्य आधार है।

  • पाठ्यसामग्री उस देश की होनी चाहिए जिसका शिक्षार्थी निवासी है।

  • पाठ्यसामग्री शिक्षार्थी के जीवन से जुड़ी होनी चाहिए ।

  • पाठ्यसामग्री उपयुक्त विधा से होनी चाहिए।

  • पाठ्यसामग्री स्वाभाविक भाषा में होनी चाहिए और प्रामाणिक सामग्री होनी चाहिए

Question 8:

निर्देश : अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा तदाधारितप्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेभ्यः समीचीनमुत्तरं चिनुत । 
व्याकरणसम्बन्धिदोषादिरहिता व्यवस्थित-क्रियाकारक- विभागसमन्विताया भाषा सा संस्कृतभाषेति कथ्यते । इयं हि भाषा सर्वदोषशून्या अस्ति, अतः देववाणी, गीर्वाण- भारती, अमरभाषा इत्यादिभिः शब्दैः व्यवह्रियते । भाषागतमुदारत्वं मार्दवं मनोज्ञत्वं चास्याः वैशिष्टयम् । सेयं संस्कृतभाषा जगतः सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा, सर्वोत्कृष्ट - साहित्य- संयुक्ता च वर्तते । अनन्तानन्तवर्षेषु व्यपगतेष्वपि अस्या माधुर्यम्, उदारत्वं च नाद्यापि विकृतम् । पाश्चात्त्यदेशीया विचारशीलाः कीलहार्न मैक्समूलर- मैकडानाल्ड कीथादयः विद्वांसः संस्कृत भाषायाः प्रशंसामकुर्वन् । सर्वासामार्य-भाषाणामुत्पत्तिः अत एव बभूव । पुरा सर्वे जनाः संस्कृतभाषयैवाभाषन्त । अतः सर्वमपि प्राक्तनं साहित्यं संस्कृतभाषायामेव उपलभ्यते । सर्वे प्राचीनग्रन्थाः चत्वारो वेदाश्च संस्कृत भाषायामेव सन्ति । वेदेषु मानवकर्तव्याकर्तव्ययोः सम्यक् निर्धारणमस्ति । ततो वेदानां व्याख्यानभूता ब्राह्मणग्रन्थाः वर्तन्ते । तदनु अध्यात्मविषयप्रतिपादिका उपनिषदो विद्यन्ते, यासां गरिमा पाश्चात्त्यबहुज्ञैरपि गीयते । ततोऽस्माकं गौरवग्रन्थाः षड्दर्शनानि सन्ति। एषामद्यापि विश्वस्य साहित्ये महत्त्वं वर्तते । ततः श्रौतसूत्राणां गृह्यसूत्राणां वेदव्याख्यानभूतानां षडङ्गानां गणनास्ति । महर्षिवाल्मीकिरचितस्य रामायणस्य, महर्षि व्यासरचितस्य महाभारतस्य निर्माणमपूर्वघटनैव वर्तते विश्वसाहित्ये । तत्र दुर्लभस्य कवित्वस्य, नैसर्गिक- सौन्दर्यस्य, अध्यात्मज्ञानस्य नीतिशास्त्रस्य च दर्शनं जायते । ततो भासाश्वघोष - कालिदास - भवभूति - दण्डि - बाण- सुबन्धु-हर्षप्रभृतयो महाकाव्यो नाट्यकाराश्च समायान्ति, येषामुदयेन न केवलमार्यावर्तः, अपितु सकलमेतत् जगत् धन्यमात्मानं मन्यते । कवि वराणामेतेषां वर्णने विद्वांसोऽपि न क्षमाः श्रीमद् भगवतगीता, स्मृतिग्रन्थाः पुराणानि च संस्कृतसाहित्यस्य महात्म्यं प्रकटयन्ति । 
संस्कृतसाहित्यं भारतस्य गौरवमुद्धोषयति । समस्तं देशं च एकतासूत्रे बध्नाति तत् । अस्य साहित्यस्य प्रचारः प्रसारश्च नितान्तं लाभप्रदः ।

मानवकर्त्तव्याकर्तव्ययोर् निर्धारणं कुत्र वर्तते ? 

  • गीतायाम् 

  • उपनिषत्सु 

  • रामायणे 

  • वेदेषु 

Question 9:

निर्देश : अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा तदाधारितप्रश्नानां विकल्पात्मकोत्तरेभ्यः समीचीनमुत्तरं चिनुत । 
जननीमिव गरीयसीं गुरुतरां स्वमातृभूमिमयोध्यां प्रति लङ्कातः प्रतिष्ठमानस्य भगवतो रामचन्द्रस्येयमुक्तिः साकल्येनात्र उदिद्धयते- 
'अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते । 
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥' 
इति । जननी जन्मभूमिश्चेत्युभे सम्मानार्हे पूज्ये चेत्यस्या संक्षेपेणाभिप्रायः । कस्याविदितं तत्थ्यमेतद्यद् जन्मदातृत्वात्, सुतसंवर्धकत्वाच्च कारुण्यमूर्तिर्माता स्वसन्ततीनां जीवनसर्वस्वम् । तत एव श्रुतिः - "मातृदेवो भव" "मातृमान् पुरुषो वेद" इत्यादिभिर वचनैर् मातुर् गौरवं स्फुटम् । महर्षिणा मनुना स्वकीये धर्मशास्त्रे मनुस्मृतौ मातुर् गौरवम् इत्थं प्रतिपादतमस्ति- "माता पृथिव्या मूर्तिस्तु" (मनुस्मृति 2.226) "माता गुरुतरा भूमेर्माता परं दैवतम्" इत्यादीन्यपि वचनानि जनन्याः सर्वातिशयित्वं प्रतिपादयन्ति । मातुर् महत्त्वातिशयस्य कारणेषु विचार्यमाणेषु तथ्यमेतत् पुर आयांति यन्माता ममत्वमूर्तिः, करूणामूर्तिः, क्षमामूर्तिश्च । या स्वकीयैर् दया क्षमा-स्नेहशील-माधुर्य- ममत्व - आदिगुणैर् भुवि दिवि अन्येषु च लोकेषु सर्वान् अतिशेते प्राणिनः । जन्मभूमिर् जनान् जनयन्ती स्वाङ्के धारयन्ती, शस्यादिभिः पोषयन्ती । स्व- जल-फल- वायु-आदिभिश्च पालयन्ती । अत एव जन्मभूमिर् अपि मातेव जनानां मान्या, पूज्या, सम्मानाह च । अथर्ववेदस्य पृथिवीसूक्ते (12-1) मातृभूमेर् गुणाः विस्तरेण वर्णिताः सन्ति । यथा - "माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्या: (12-1-12) भूमे मातर् निधेहि मा भद्रया सुप्रतिष्ठिम् । संविदाना दिवा कवे श्रिया मा धेहि भूयाम् ॥ (12.1.63) वयं तुभ्यं बलिहृताः स्याम् (12.1.62) इत्यादिभिर् वचनैर् वेदेषु मातृभूमेर् महिमा वर्णिता । 
मातृभूमेर् अनेनैव गौरवेण आकृष्टा महान्तः पुरुषास् तस्य सम्मानस्य रक्षार्थम् आत्मनो बलिदानं कृत्वा स्वजन्म धन्यं कुर्वन्ति । अस्माकं सम्पूर्ण : इतिहास:- ईदृशानां हुतात्मानां गौरवमय्या गाथया परिपूणोऽस्ति । स्वमातृ भूमेः कृते महाराणा प्रतापसिंहस्य - आत्माहुतिं को न जानाति ? को न जानाति क्षत्रपतिना शिवाजीमहाराजेन स्वमातृभूमि-उद्धाराय कृतं दीर्घकालिकं सङ्घर्षम् ? 
प्रथमे स्वतन्त्रतासङ्ग्रामे स्वदेशस्य दासतापाशादुद्धारकर्तुम् बद्धपरिकरैर् नानाफड़नवीस - मङ्गलपाण्डेय- राज्ञीलक्ष्मीबाईप्रभृतिभिः कृता शौर्यमयी आत्माहुतिस्तु समेषां भारतीयानां विदितचरैव । को न जानाति क्रान्तिकारिणां वीरपुङ्गवानां भगतसिंह- चन्द्रशेखर आजाद-रामप्रसाद बिस्मिल - खुदीरामबोस- रासबिहारीघोष-अशफाकउल्लाखाँ - प्रभृतीनां पावनानि पुण्यमयानि चरितानि ? 
को वाऽपरिचितो महर्षिदयानन्द-विवेकानन्द- बालगङ्गाधरतिलक- गोपाकृष्णगोखले- लालालाजपतराय-मदनमोहनमालवीय - महात्मागान्धि- जवाहरलाल नेहरू-सुभाषचन्द्रबोस - वल्लभभाईपटेल- राजेन्द्रप्रसादप्रभृतीनां 
पुण्यनामभिर् यै मातृभूमिसेवेपरायणैर गृहीतदेशसेवाव्रतैर महाजनैस् तत्कृते का का विपदो नानुभूता ? ऐते महापुरुषाः स्वजन्मभूमेः सर्वमृणं शोधयित्वा इदानीं राष्ट्रदेवालयस्य दृढस्तम्भा इव राजन्ते ।

"मातृमान् पुरुषो वेद" इत्यत्र 'मातृमान्' अस्मिन् पदे कः प्रत्ययः ? 

  • मानच् 

  •  मतुप् 

  • शानच् 

  • कानच् 

Question 10:

Pochampalli is a district of one of the states of our country. This district is famous for beautiful colorful sarees and a special kind of weave. "Pochampalli" was a part of which state? 

पोचमपल्ली हमारे ही देश के एक राज्य का जिला है यह जिला अपनी सुन्दर चमकीली रंग-बिरंगी साड़ियों और विशेष प्रकार की बुनाई के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला किस राज्य का भाग था? 

  • Tamil Nadu / तमिलनाडु 

  • Andhra Pradesh / आंध्र प्रदेश

  • Telangana / तेलंगाना 

  • Karnataka / कर्नाटक 

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