DSSSB TGT PART-1 (09 June 2024)
Question 1:
निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए ।
ईर्ष्या का काम जलाना है; मगर, सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है। आप भी ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जो ईर्ष्या और द्वेष की साकार मूर्ति हैं, जो बराबर इस फिक्र में लगे रहते हैं कि कहाँ सुनने वाले मिलें कि अपने दिल का गुबार निकालने का मौका मिले। श्रोता मिलते ही उनका ग्रामोफोन बजने लगता है और वे बड़े ही होशियारी के साथ एक-एक काण्ड इस ढंग से सुनाते हैं, मानों विश्व कल्याण को छोड़कर उनका और कोई ध्येय नहीं हो । मगर, जरा उनके अपने इतिहास को भी देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि जबसे उन्होंने इस सुकर्म का आरंभ किया है, तबसे वे अपने क्षेत्र में आगे बढ़े हैं या पीछे हटे हैं। यह भी कि अगर वे निंदा करने में समय और शक्ति का अपव्यय नहीं करते तो आज उनका स्थान कहाँ होता ।
अपव्यय' का क्या अर्थ होता है?
Question 2:
Which of the following Indian states was the first to sign a subsidiary treaty with the British?
निम्नलिखित में से कौन-सा भारतीय राज्य, अंग्रेजों के साथ सहायक संधि पर हस्ताक्षर करने वाला पहला राज्य था?
Question 3:
Question 4:
'मेरे घर से आपका घर पाँच किलोमीटर दूर है' इस वाक्य में 'घर से' में कौन-सा कारक है?
Question 5:
Which community celebrates the festival of Navroz or Nowruz as New Year?
कौन-सा समुदाय नवरोज़ या नौरोज़ का त्योहार नव वर्ष के रूप में मनाता है?
Question 6:
Question 7:
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा वाला शब्द नहीं है?
Question 8:
Select the option which is related to the third term in the same way that the second term is related to the first term.
Austria : Euro : : China : ?
उस विकल्प का चयन करें जो तीसरे पद से उसी प्रकार से संबंधित है जिस प्रकार से दूसरा पद पहले पद से संबंधित है।
ऑस्ट्रिया : यूरो :: चीन : ?
Question 9:
The average of 45 numbers is 33. If the average of the first 15 numbers is 28 and the average of the last 25 numbers is 35, then find the average of the remaining 5 numbers?
45 संख्याओं का औसत 33 है। यदि प्रथम 15 संख्याओं का औसत 28 है और अंतिम 25 संख्याओं का औसत 35 है, तो शेष 5 संख्याओं का औसत ज्ञात कीजिए ?
Question 10:
निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए ।
ईर्ष्या का काम जलाना है; मगर, सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है। आप भी ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जो ईर्ष्या और द्वेष की साकार मूर्ति हैं, जो बराबर इस फिक्र में लगे रहते हैं कि कहाँ सुनने वाले मिलें कि अपने दिल का गुबार निकालने का मौका मिले। श्रोता मिलते ही उनका ग्रामोफोन बजने लगता है और वे बड़े ही होशियारी के साथ एक-एक काण्ड इस ढंग से सुनाते हैं, मानों विश्व कल्याण को छोड़कर उनका और कोई ध्येय नहीं हो । मगर, जरा उनके अपने इतिहास को भी देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि जबसे उन्होंने इस सुकर्म का आरंभ किया है, तबसे वे अपने क्षेत्र में आगे बढ़े हैं या पीछे हटे हैं। यह भी कि अगर वे निंदा करने में समय और शक्ति का अपव्यय नहीं करते तो आज उनका स्थान कहाँ होता ।
ईर्ष्या का काम है: