UP Police ASI (23 June 2024)

Question 1:

What is the meaning of the term "homicide" in criminal law?

आपराधिक कानून (दंड विधि) में "होमिसाइड" शब्द का क्या अर्थ है ?

  • सशस्त्र डकैती / Armed robbery

  • धार्मिक अपराध / Religious crime

  • एक मानव द्वारा किसी दूसरे मानव की हत्या / Killing of a human being by another human being

  • गौ हत्या / Cow slaughter

Question 2:

In Windows 7, which shortcut key displays the shortcut menu for the selected item?

विंडोज 7 में, कौन सी शॉर्टकट की चयनित वस्तु (आइटम) के लिए शॉर्टकट मेनू प्रदर्शित करती है? 

  • Shift + F4 

  • Shif + F10 

  • Ctrl + F10 

  • Alt + F12 

Question 3:

झंडा उठाना - मुहावरे का अर्थ क्या है?

  • नेतृत्व करना

  • झंडा लहराना

  • प्रतिरोध करना

  • प्रचार के लिए तैयार होना

Question 4:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

मृत्युंजय और संघमित्र की मित्रता पाटलिपुत्र के जन- जन की जानी बात थी। मुत्युंजय जन- जन द्वारा 'धन्वंतरि' की उपाधि से विभूषित वैद्य थे और संघमित्र  समस्त उपाधियों से विमुक्त 'भिक्षु' । मृत्युंजय चरक और सुश्रुत को समर्पित थे, जो संघमित्र बुद्ध के संघ और धर्म को । प्रथम का जीवन की संपन्नता और दीर्घायुष्य में विश्वास था तो द्वितीय का जीवन के निराकरण और निर्वाण में। दोनों ही दो विपरीत तटों के समान थे, फिर भी उनके मध्य बहने वाली स्नेह - सरिता उन्हें अभिन्न बनाए रखती थी। यह आश्चर्य है, जीवन के उपासक वैद्यराज को उस निर्वाण के लोभी के बिना चैन ही नहीं था, पर यह परम आश्चर्य था कि समस्त रोगों को मलों की तरह त्यागने में विश्वास रखने वाला भिक्षु भी वैद्यराज के मोह में फँस अपने निर्वाण को कठिन से कठिनतर बना रहा था । वैद्यराज अपनी वार्ता में संघमित्र से कहते - निर्वाण (मोक्ष) का अर्थ है- आत्मा का मृत्यु पर विजय । संघमित्र हँसकर कहते - देह द्वारा मृत्यु पर विजय मोक्ष नहीं हैं। देह तो अपने आप में व्याधि है। तुम देह की व्याधियों को दूर करके कष्टों से  छुटकारा नहीं दिलाते, बल्कि कष्टों के लिए अधिक सुयोग जुटाते हो । देह व्याधि से मुक्ति तो भगवान की शरण में है । वैद्यराज ने कहा मैं तो देह को भगवान के समीप जीते ही बने रहने का माध्यम मानता हूँ। पर दृष्टियों का यह विरोध उनकी मित्रता के मार्ग में कभी बाधक नहीं हुआ। दोनों अपने कोमल हास और मोहक स्वर से अपने-अपने विचारों को प्रस्तुत करते रहते ।

जीवन की संपन्नता और दीर्घायुष्य में किसका विश्वास था ?

  • संघमित्र का

  • पाटलिपुत्र के राजा का

  • पाटलिपुत्र की प्रजा का

  • मृत्युंजय का

Question 5: UP Police ASI (23 June 2024) 1

  • 4

  • 2

  • 3

  • 1

Question 6:

How many such numbers are there between 500 and 900 including these which are exactly divisible by 12, 15, 20 and 30?

500 और 900 को सम्मिलित करते हुए, इनके बीच ऐसी कुल कितनी ऐसी संख्याएं हैं, जो 12, 15, 20 और 30 इन सभी संख्याओं से पूर्णतः विभाज्य हैं ?

  • 4

  • 6

  • 5

  • 7

Question 7:

Replace the question mark with an option that follows the same logic used in the first pair

प्रश्नवाचक चिह्न को उस विकल्प से बदलें, जो पहले युग्म में प्रयुक्त समान तर्क का अनुसरण करता हो

JP : LR :: DU : ??

  • GV

  • GW

  • FW

  • FV

Question 8:

Which of the following is the famous Shasyotsav dance of Bundelkhand region of Madhya Pradesh?

निम्नलिखित में से कौन सा मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रख्यात शस्योत्सव नृत्य है? 

  • मारूनि Maruni

  • धालो Dhallo

  • छारबा Chharba

  • जवारा Jawara

Question 9:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

मृत्युंजय और संघमित्र की मित्रता पाटलिपुत्र के जन- जन की जानी बात थी। मुत्युंजय जन- जन द्वारा 'धन्वंतरि' की उपाधि से विभूषित वैद्य थे और संघमित्र  समस्त उपाधियों से विमुक्त 'भिक्षु' । मृत्युंजय चरक और सुश्रुत को समर्पित थे, जो संघमित्र बुद्ध के संघ और धर्म को । प्रथम का जीवन की संपन्नता और दीर्घायुष्य में विश्वास था तो द्वितीय का जीवन के निराकरण और निर्वाण में। दोनों ही दो विपरीत तटों के समान थे, फिर भी उनके मध्य बहने वाली स्नेह - सरिता उन्हें अभिन्न बनाए रखती थी। यह आश्चर्य है, जीवन के उपासक वैद्यराज को उस निर्वाण के लोभी के बिना चैन ही नहीं था, पर यह परम आश्चर्य था कि समस्त रोगों को मलों की तरह त्यागने में विश्वास रखने वाला भिक्षु भी वैद्यराज के मोह में फँस अपने निर्वाण को कठिन से कठिनतर बना रहा था । वैद्यराज अपनी वार्ता में संघमित्र से कहते - निर्वाण (मोक्ष) का अर्थ है- आत्मा का मृत्यु पर विजय । संघमित्र हँसकर कहते - देह द्वारा मृत्यु पर विजय मोक्ष नहीं हैं। देह तो अपने आप में व्याधि है। तुम देह की व्याधियों को दूर करके कष्टों से  छुटकारा नहीं दिलाते, बल्कि कष्टों के लिए अधिक सुयोग जुटाते हो । देह व्याधि से मुक्ति तो भगवान की शरण में है । वैद्यराज ने कहा मैं तो देह को भगवान के समीप जीते ही बने रहने का माध्यम मानता हूँ। पर दृष्टियों का यह विरोध उनकी मित्रता के मार्ग में कभी बाधक नहीं हुआ। दोनों अपने कोमल हास और मोहक स्वर से अपने-अपने विचारों को प्रस्तुत करते रहते ।

जीवन की संपन्नता और दीर्घायुष्य में किसका विश्वास था ?

  • पाटलिपुत्र की प्रजा का

  • मृत्युंजय का

  • पाटलिपुत्र के राजा का

  • संघमित्र का

Question 10:

Directions: This type of graph indicates the variation of a quantity with respect to two paramenters represented on x-axis and y-axis respectively. So the candidate observe the peaks and depths of the graph to interpret the data.

निर्देश: इस प्रकार का ग्राफ क्रमशः x-अक्ष और y-अक्ष पर दर्शाए गए दो मापदंडों के संबंध में किसी मात्रा की भिन्नता को दर्शाता है। इसलिए उम्मीदवार डेटा की व्याख्या करने के लिए ग्राफ की चोटियों और गहराई का निरीक्षण करते हैं।

x-axis : Months

y-axis : Number of cases for the month

In which of the following months, Chennai reported the least number of cases?

निम्नलिखित में से किस महीने में, चेन्नई में सबसे कॅम मामले सामने आए?

  • मार्च 20

  • फरवरी-20

  • मई 20

  • जनवरी 20

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