Question 1:
'यथारुचि' में कौन-सा समास है?
Question 2:
इनमें से विस्मयादिबोधक चिह्न कौन-सा है ?
Question 3:
'मुहावरा' शब्द किस भाषा का शब्द है?
Question 4:
'घी- खिचड़ी होना' इस कहावत का अर्थ बताएँ ।
Question 5:
जुगुप्सा किस रस का स्थायी भाव है ?
Question 6:
रोला छन्द में कितनी मात्राएँ होती हैं ?
Question 7:
जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
Question 8:
अनुच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए:
"ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छाँह के नीचे खेलते और सोते हैं, बल्कि फूलों की छाँह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए हैं जो दूर रेगिस्तान से आ रहे है। जिनका कण्ठ सूखा हुआ है, ओंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है। पानी में जो अमृतवाला तत्त्व है, उसे वह जानता है, जो धूप में खूब सूख चुका है। वह नहीं जो रेगिस्तान में कभी पड़ा ही नहीं है । "
उपर्युक्त गद्यांश में 'अमृतवाला तत्त्व' का क्या तात्पर्य है?
Question 9:
अनुच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए:
"ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छाँह के नीचे खेलते और सोते हैं, बल्कि फूलों की छाँह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए हैं जो दूर रेगिस्तान से आ रहे है। जिनका कण्ठ सूखा हुआ है, ओंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है। पानी में जो अमृतवाला तत्त्व है, उसे वह जानता है, जो धूप में खूब सूख चुका है। वह नहीं जो रेगिस्तान में कभी पड़ा ही नहीं है । "
उपर्युक्त गद्यांश में किस बात के महत्त्व को बताया गया है ?
Question 10:
अनुच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए:
"ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छाँह के नीचे खेलते और सोते हैं, बल्कि फूलों की छाँह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए हैं जो दूर रेगिस्तान से आ रहे है। जिनका कण्ठ सूखा हुआ है, ओंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है। पानी में जो अमृतवाला तत्त्व है, उसे वह जानता है, जो धूप में खूब सूख चुका है। वह नहीं जो रेगिस्तान में कभी पड़ा ही नहीं है । "
उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार 'जो धूप में खूब सूख चुका है' वाक्य से क्या अभिप्राय है?