UP Police Constable (30 June 2024)

Question 1:

'यथारुचि' में कौन-सा समास है?

  • बहुव्रीहि

  • अव्ययीभाव

  • तत्पुरुष

  • द्वन्द्व

Question 2:

इनमें से विस्मयादिबोधक चिह्न कौन-सा है ?

  • ?

  • !

  • ;

Question 3:

'मुहावरा' शब्द किस भाषा का शब्द है?

  • फारसी

  • हिन्दी

  • उर्दू

  • अरबी

Question 4:

'घी- खिचड़ी होना' इस कहावत का अर्थ बताएँ ।

  • मकर संक्रांति पर्व मनाना

  • पौष्टिकता में वृद्धि होना

  • खूब घुलना - मिलना

  • स्वाद बढ़ाना

Question 5:

जुगुप्सा किस रस का स्थायी भाव है ?

  • भयानक

  • वीभत्स

  • रौद्र

  • वीर

Question 6:

रोला छन्द में कितनी मात्राएँ होती हैं ?

  • 28

  • 26

  • 24

  • 16

Question 7:

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?

  • वक्रोक्ति

  • यमक

  • श्लेष

  • मानवीकरण

Question 8:

अनुच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए:

"ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छाँह के नीचे खेलते और सोते हैं, बल्कि फूलों की छाँह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए हैं जो दूर रेगिस्तान से आ रहे है। जिनका कण्ठ सूखा हुआ है, ओंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है। पानी में जो अमृतवाला तत्त्व है, उसे वह जानता है, जो धूप में खूब सूख चुका है। वह नहीं जो रेगिस्तान में कभी पड़ा ही नहीं है । "

उपर्युक्त गद्यांश में 'अमृतवाला तत्त्व' का क्या तात्पर्य है?

  • जीवन का रहस्य

  • अमृत

  • समुद्र से निकला हुआ अमृत

  • जीवन का सार

Question 9:

अनुच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए: 
"ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छाँह के नीचे खेलते और सोते हैं, बल्कि फूलों की छाँह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए हैं जो दूर रेगिस्तान से आ रहे है। जिनका कण्ठ सूखा हुआ है, ओंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है। पानी में जो अमृतवाला तत्त्व है, उसे वह जानता है, जो धूप में खूब सूख चुका है। वह नहीं जो रेगिस्तान में कभी पड़ा ही नहीं है । "

उपर्युक्त गद्यांश में किस बात के महत्त्व को बताया गया है ?

  • भाग्य

  • श्रम

  • जीवन

  • प्रकृति

Question 10:

अनुच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए: 
"ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छाँह के नीचे खेलते और सोते हैं, बल्कि फूलों की छाँह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए हैं जो दूर रेगिस्तान से आ रहे है। जिनका कण्ठ सूखा हुआ है, ओंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है। पानी में जो अमृतवाला तत्त्व है, उसे वह जानता है, जो धूप में खूब सूख चुका है। वह नहीं जो रेगिस्तान में कभी पड़ा ही नहीं है । "

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार 'जो धूप में खूब सूख चुका है' वाक्य से क्या अभिप्राय है?

  • रेगिस्तान में रहना

  • बीमार होना

  • कड़ा परिश्रम करना

  • धूप सेंकना

Scroll to Top
Delhi police Exam Date : Viral Notice Roshan Karo EK Zindagi : Garibon Ki Diwali Mein Bano Umeed RRB NTPC CBT – 2 2025 : Answer Key Out RPF Constable 2024 : Physical Date Out Supreme Court Ka Faisla : Sirf Green Patakhe Allowed!