पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त के अनुसार, हमारे विचार और तर्क अनुकूलन का हिस्सा है। संज्ञानात्मक विकास अवस्थाओं के एक निश्चित क्रम का अनुकरण करता है। इनके संज्ञानात्मक विकास की चार प्रमुख अवस्थाएँ थी:
(1) संवेदी प्रेरक अवस्था (जन्म - 2 वर्ष)
(2) पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (2-7 वर्ष)
(3) मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (7-11 वर्ष)
(4) औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था ( 11 + वर्ष)
औपचारिक संक्रियात्मक (अमूर्त अवधारणा) और संचालन पर काम करने की क्षमता 11 वर्ष की उम्र के आसपास आरम्भ होती है। इस स्तर पर संज्ञानात्मक विकास में पियाजे ने “परिकल्पनात्मक- निगमनात्मक तर्क” को आवश्यक माना था। किशोर अब परिकल्पनात्मक-निगमनात्मक और अमूर्त अवधारणाओं पर विचार करना आरम्भ कर सकते हैं।
वे प्रायः “क्या-अगर” स्थितियों और प्रश्नों पर विचार करते हैं और कई समाधानों या संभावित परिणामों के बारे में सोचने में सक्षम होते हैं । अतः पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था में परिकल्पनात्मक चिंतन विकसित होता है ।
Question 2:
Assertion (A) : /अभिकथन (A) :
Children acquire skills, values and customs only through formal schooling.
बच्चे केवल औपचारिक स्कूली शिक्षा द्वारा ही कौशल, मूल्य, और रीतियाँ ग्रहण करते हैं।
Reason (R) : / कारण (R) :
Socialisation of children is a simple and linear process.
बच्चों का समाजीकरण एक सरल व रेखीय प्रक्रिया है।
Choose the correct option: सही विकल्प चुनें:
(A) is true but (R) is false (A) सही है लेकिन (R) गलत है
Both (A) and (R) are true but (R) is not the correct explanation of (A) / (A) और (R) दोनों सही हैं लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है
Both (A) and (R) are true and (R) is the correct explanation of (A) / (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है
Both (A) and (R) are false (A) और (R) दोनों गलत है
उपर्युक्त प्रश्न में अभिकथन (A) व कारण (R) दोनों गलत है। बच्चे केवल औपचारिक स्कूली शिक्षा द्वारा ही कौशल, मूल्य और रीतियाँ ग्रहण नहीं करते है । वह अनौपचारिक शिक्षा द्वारा भी अपने दैनिक क्रियाकलापों का भी अध्ययन करते है । औपचारिक शिक्षा, वह शिक्षा है जो विभिन्न औपचारिकताओं के साथ जानबूझ कर निश्चित नियमानुसार क्रियाशील होती है तथा यह नियमित रूप से विधिवत् प्रदान की जाती है। इस शिक्षा का स्थान और समय निश्चित होता है तथा इस शिक्षा की विषय-सामग्री भी निश्चित होती है। बच्चों का समाजीकरण एक सरल व रेखीय प्रक्रिया में नहीं होता है। बच्चे भिन्न-भिन्न समाज में विकसित होते है इसलिए इसे रेखीय नहीं कहा जा सकता है। बालक के समाजीकरण में अनुकरण का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि आरम्भ से ही वह दूसरों का अनुकरण करके अनेक बातों को सीखता है। जैसा घर और समाज के लोग बातचीत करते है और व्यवहार करते हैं, बच्चे उसी का अनुकरण करते हैं। और फिर वैसा ही व्यवहार करते हैं।
Question 3:
As per Howard Gardner's Views on, intelligence
हावर्ड गार्डनर के बुद्धि के बारे में विचारों के अनुसार
intelligence is of three kinds : analytical, creative and practical / बुद्धि के तीन प्रकार हैं : विश्लेषणात्मक, सृजनात्मक और व्यावहारिक ।
each individual has varied levels of different intelligences./हर व्यक्ति अपने आप मे विभिन्न प्रकार की बुद्धियों के विविध स्तर निहित करता है ।
ability to understand the feelings of others is referred to as musical intelligence. दूसरों की भावनाओं को समझने की क्षमता संगीतीय बुद्धि कहलाती है ।
logical-mathematical intelligence is the superior-most form of intelligence. तार्किक -गणितीय बुद्धि, बुद्धि का सर्वोत्तम प्रकार है ।
हावर्ड गार्डनर ने बहु बुद्धि के सिद्धान्त का प्रस्ताव रखा । इनके अनुसार हर व्यक्ति अपने आप में विभिन्न प्रकार की बुद्धियों के विविध स्तर निहित करता है। गार्डनर ने बुद्धि के सिद्धांत को "सूचना को संसाधित करने के लिए एक जैव- मनोवैज्ञानिक क्षमता के रूप में परिभाषित किया है जिसे सांस्कृतिक व्यवस्था में समस्याओं को हल करने या संस्कृति में मूल्यों के उत्पादों को बनाने के लिए सक्रिय किया जा सकता है । हावर्ड गार्डनर के अनुसार, उन्होंने बहु- बुद्धि के सिद्धान्त को आठ विभिन्न प्रकार की बुद्धियों में वर्गीकृत किया है-
• दृश्य स्थानिक • शारीरिक गतिकी
• संगीत • अंतरवैयक्तिक बुद्धि
• अंतरा वैयक्तिक • भाषाई
• तार्किक गणितीय • प्रकृतिवादी
यह सभी चरण एक जैविक कारक से संबंधित हैं जो इन चरणों को एक अलग संदर्भ में प्रभावित करते है, जैसे कि रूचि, सक्रियता आदि ।
Question 4:
To develop critical thinking among learners, it is important to give ample opportunities to
विद्यार्थियों में समालोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने के लिए महत्त्वपूर्ण है कि निम्नलिखित हेतु प्रचुर अवसर प्रदान किए जाए:
(i) rote memorise the content / विषयवस्तु का कंठस्थीकरण
(ii) passively imitate the teacher/अध्यापिका के निष्क्रिय अनुसरण हेतु
(iii) corroborate different information/विविध जानकारियों की पुष्टि करने हेतु
(iv) to think divergently on a problem / किसी समस्या पर अपसारी चिंतन करना
(i) and (iii) / (i) और (iii)
(iii) and (iv) / (iii) और (iv)
(i) and (ii) / (i) और (ii)
(ii) and (iii)/ (ii) और (iii)
समालोचनात्मक चिंतन शिक्षार्थियों के विश्वास को समझने और मूल्यांकन करने में मदद करता है। यह अच्छे या तर्कसंगत निर्णय लेने और गलत निर्णय को अस्वीकार करने में शिक्षार्थियों की मदद करता है। समालोचनात्मक चिंतन में चीजों को खुले दिमाग से देखना और अवलोकन करना और एक विचार या अवधारणा को यथासम्भव कई कोणों के रूप में जाँचना शामिल है। विद्यार्थियों में समालोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है
खुले दिमाग के साथ किसी मुद्दे पर पहुँचने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।
विविध जानकारियों की पुष्टि करने हेतु प्रचुर अवसर प्रदान किया जाए।
किसी समस्या पर अपसारी चिंतन करना ।
किसी मुद्दे को विभिन्न दृष्टिकोणों से देखना ।
तर्कसंगत रूप से विचार करके विचारों के बीच तार्किक संबंध बनाना ।
कई बातों में अपनी अंतर्दृष्टि बढ़ाने के लिए।
उचित व्याख्या विश्लेषण, मूल्यांकन और अनुमान लगाने के लिए।
Question 5:
Children learn language with much ease upto a specific period of time because they are especially responsive to environmental influences in that period. This period is known as _____period of development.
बच्चे समय की एक विशिष्ट अवधि तक बहुत सरलता के साथ भाषा सीखते हैं क्योंकि उस अवधि में वे पर्यावरणीय प्रभावों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। इस अवधि को विकास की किस अवधि के रूप में जाना जाएगा?
Zonal/क्षेत्रीय
Non-responsive /अ-प्रतिक्रियात्मक
Sensitive / संवेदनशील
Atypical / विशिष्ट (असामान्य)
बच्चे समय की एक विशिष्ट अवधि तक बहुत सरलता के साथ भाषा सीखते हैं क्योंकि उस अवधि में वे पर्यावरणीय प्रभावों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं तथा इस अवधि को विकास की संवेदनशील अवधि के रूप में जाना जाता हैं। संवदेनशीलता का यदि विच्छेद करें तो 'सम + वेदना एवं शीलता' तीन शब्द आते है सम् का अर्थ है 'समान', वेदना का अर्थ है 'पीड़ा' या 'दुख' अर्थात समान पीड़ा का अनुभव करना संवेदनशीलता कहलाती है। संवेदनशील के प्रमुख लक्षण इस प्रकार है-
(i) संवेदन शील होने की अवस्था, गुण या भाव।
(ii) दूसरे की अनुभूति से शीघ्र प्रभावित होना ।
(iii) ग्रहण शक्ति ।
(iv) भावुकता, भावप्रवणता ।
Question 6:
Development is dependent upon
विकास निम्न में से किस पर निर्भर है ?
(i) Genetic dispositions आनुवंशिक प्रवृत्तियाँ
(ii) Socio-cultural practices सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाओं
(iii) Physical environment भौतिक वातावरण
(i) only / केवल (i)
(ii) and (iii) only / केवल (ii) और (iii)
(i) and (ii) only / केवल (i) और (ii)
(i), (ii) and (iii) / (i), (ii) और (iii)
आनुवांशिक प्रवृत्तियाँ, सामाजिक सांस्कृतिक प्रथाओं, भौतिक वातावरण आदि विकास पर निर्भर है। इस प्रकार दिये गए सभी विकल्प सही है। विकास के स्वरूप एवं गति को अनेक कारक प्रभावित करते हैं। विकास की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं पर एवं भिन्न- भिन्न पक्षों के लिए इन कारकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। इन कारकों की वजह से वृद्धि एवं विकास की प्रक्रिया में पर्याप्त परिवर्तन आ जाता है। विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को ध्यान में रखकर बालकों को सर्वांगीण विकास के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ तथा साधन प्रदान किये जा सकते हैं।
Question 7:
According to Lawrence Kohlberg an individual at Law and Order orientation of moral development will believe that
लारेन्स कोहलबर्ग के नैतिक विकास के सिद्धान्त के अनुसार एक व्यक्ति जो नैतिक विकास की कानून एवम् व्यवस्था चरण में है, उसका मत होगा
Laws and rules must be obeyed to avoid punishment. / कानून तथा नियमों का पालन दण्ड से बचने के लिये करना चाहिए ।
Laws and rules must be obeyed only if they fulfill our needs. कानून तथा नियमों का पालन तभी करना चाहिए जब वे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करें ।
Laws and orders of authorities must be obeyed so that social system is maintained./ कानून तथा अधिकारियों की आज्ञा का पालन करना चाहिए जिससे सामाजिक प्रणाली सुगम बनी रहती है
Laws and rules must be obeyed to please others. /कानूनों तथा नियमों का पालन अन्य व्यक्तियों को प्रसन्न रखने के लिये करना चाहिए ।
लारेन्स कोहलबर्ग के नैतिक विकास के सिद्धान्त के अनुसार एक व्यक्ति जो नैतिक विकास की कानून एवं व्यवस्था के चरण में है, उसका मत होगा कानून तथा अधिकारियों की आज्ञा का पालन करना चाहिए जिससे सामाजिक प्रणाली सुगम बनी रहे लारेन्स कोहलबर्ग ने पियाज़े के द्वारा प्रस्तुत नैतिक विकास से संबंधित विचारों को विस्तृत करके तीन स्तरों को प्रस्तुत किया। इसमें 10 से 16 वर्ष की आयु के बालकों के सम्मुख कहानियों के रूप में नैतिक दुविधाओं को प्रस्तुत किया तथा इन दुविधाओं पर आधारित साक्षात्कार लिए । कोहलबर्ग ने नैतिक विकास के तीन स्तर प्रस्तुत किए जो इस प्रकार है-
(i) पूर्व परम्परागत स्तर
(ii) परम्परागत स्तर
(iii) उत्तर परम्परागत स्तर
Question 8:
As per Jean Piaget's theory, individuals strive to achieve the state of _______ through assimilation and accomodation.
जीन पियाजे के सिद्धान्त के अनुसार, व्यक्ति आत्मसात्करण और समंजन के माध्यम से किस स्थिति को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं?
Perception / प्रत्यक्ष अवबोधन
Misconception / भ्रम
Disequilibration/असंतुलन
Equilibration/संतुलन
जीन पियाज़े के सिद्धान्त के अनुसार, व्यक्ति आत्सातकरण और समंजन के माध्यम से संतुलन जैसी स्थिति को प्राप्त करने का प्रयास करता हैं। जन्म के समय बालक में देखने, छूने, पकड़ने तथा चूसने की क्षमताएं होती है, परंतु धीरे-धीरे इन क्षमताओं पर आधारित उसकी स्वतः सहज क्रियाएँ अधिक प्रभावशाली व संगठित हो जाती है। यह सिद्धान्त जीन पियाजे के संवेदीगामक अवस्था के अन्तर्गत आता है ।
नोट - ब्रूनर के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की तीन अवस्थाएं है-
(I) क्रियात्मक अवस्था
(II) प्रतिबिम्बात्मक अवस्था
(III) संकेतात्मक अवस्था
Question 9:
A student is struggling to solve a given question. As per Lev Vygotsky, in this situation, a teacher should _______
एक विद्यार्थी दिए गए प्रश्न को हल करने में चुनौती महसूस कर रहा है । लेब वायगोत्स्की के अनुसार, इस स्थिति में एक अध्यापिका को क्या करना चाहिए?
punish the student for not being able to solve the question. / सवाल को हल ना कर पाने के लिए विद्यार्थी को दण्डित करना चाहिए ।
tell the correct answer immediately. सीधे तौर पर सही जवाब बता देना चाहिए ।
give hints and clues to student regarding next move./विद्यार्थी को अगले कदम हेतु संकेत और इशारे देने चाहिए।
ignore the student and let him struggle alone. / विद्यार्थी को अनदेखा कर देना चाहिए और उसे अकेले संघर्ष करते रहने देना चाहिए
एक विद्यार्थी दिए गए प्रश्न को हल करने में चुनौती महसूस कर रहा है । लेव वायगोत्सकी के अनुसार इस स्थिति में एक अध्यापिका को अगले कदम हेतु संकेत और इशारे करना चाहिए । जिससे वह जो चुनौती महसूस कर रहा हैं उस स्थिति से निपट सके वायगोत्सकी के सिद्धान्त के अनुसार ज्ञान बाह्य वातावरण में स्थित तथा सहयोगी होता है, अर्थात ज्ञान विभिन्न व्यक्तियों एवं वातावरण (जैसे- वस्तुओं, औजार, किताबें आदि) तथा समुदायों (जिनमें व्यक्ति रहता है) में वितरित होता है। यह सिद्धान्त सुझाता हे कि दूसरों के साथ अंतः क्रिया तथा सहयोगात्मक क्रियाओं द्वारा जानने की प्रक्रिया गुणात्मक रूप से श्रेष्ठ होती हैं
Question 10:
How should a teacher deal with gender stereotypes prevalent among students?
एक अध्यापक को विद्यार्थियों में प्रचलित जेंडर रूढ़िवादों से किस प्रकार निपटना चाहिए?
Avoid discussions around gender issues in the classroom. /कक्षा में जेंडर आधारित मुद्दों पर बात नहीं करनी चाहिए
Present real-life examples which counter stereotypes. वास्तविक जीवन से संबंधित ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिए जो रूढ़िवादों को चुनौती दें।
Promote gender typical roles among students. /विद्यार्थियों में जेंडर - विशिष्ट भूमिकाओं को बढ़ावा देना चाहिए।
Practice same gender-based grouping of students. / विद्यार्थियों के एक समान जेंडर - आधारित समूह बनाने चाहिए।
एक अध्यापक को विद्यार्थियों में प्रचलित जेंडर रूढ़िवादों से निपटने के लिए वास्तविक जीवन से संबंधित ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिए जो रूढिवादों को चुनौती दें सके। लैंगिक असमानता का तात्पर्य लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव से है। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रगति के बावजूद वर्तमान भारतीय समाज में पितृसत्तात्मक मानसिकता जटिल रूप में व्याप्त है। महिलाओं को सामाजिक और पारिवारिक रूढ़ियों के कारण विकास के कम अवसर मिलते हैं।
"समानता एक सुंदर और सुरक्षित समाज की नींव है जिस पर विकास रूपी इमारत बनाई जा सकती है"
नोटः- देश में महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न का हवाला देते हुए अमेरिका द्वारा मसौदा प्रस्ताव में वर्ष 2022 2026 के शेष कार्यकाल के लिए. C. S. W. (सं - राष्ट्र महिला आयोग) की सदस्यता से ईरान को हटाने का प्रस्ताव पेश किया गया।