UPSSSC Junior Assistant (23 June 2024)
Question 1:
Red soil is found in some areas of India - What is the main reason for the red colour of the soil?
भारत के कोई-कोई क्षेत्रों में लाल मिट्टी पाई जाती है- मिट्टी के लाल रंग होने का मुख्य कारण क्या है?
Question 2:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
हमारे बाल्यकाल के संस्कार ही जीवन का ध्येय निर्धारित करते हैं, अतः यदि शैशव में हमारी संतान ऐसे व्यक्तियों की छाया में ज्ञान प्राप्त करेगी, जिनमें चरित्र तथा सिद्धांत की विशेषता नहीं है, जिनमें संस्कारजनित अनेक दोष हैं, तो फिर उनके चरित्र पर भी उसी की छाप पड़ेगी और भविष्य में उनके ध्येय भी उसी के अनुसार स्वार्थमय तथा अस्थिर होंगे। शिक्षा एक ऐसा कर्तव्य नहीं है जो किसी पुस्तक को प्रथम पृष्ठ से अंतिम पृष्ठ तक पढ़ाने से ही पूर्ण हो जाता हो, वरन् वह ऐसा कर्तव्य है जिसकी परिधि सारे जीवन को घेरे हुए है और पुस्तकें ऐसे साँचे हैं जिनमें डालकर उसे सुडौल बनाया जा सकता है।
आत्मनिर्भरता का अर्थ है अपने ऊपर निर्भर रहना। जो व्यक्ति दूसरे के मुँह को नहीं ताकते वे ही आत्मनिर्भर होते हैं। वस्तुतः आत्मविश्वास के बल पर कार्य करते रहना आत्मनिर्भरता है। आत्मनिर्भरता का अर्थ है- समाज, निज तथा राष्ट्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करना। व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र में आत्मविश्वास की भावना, आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। स्वावलंबन जीवन की सफलता की पहली सीढ़ी है। सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को स्वावलंबी अवश्य होना चाहिए। स्वावलंबन व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में सर्वांगीण सफलता प्राप्ति का महामंत्र है। स्वावलंबन जीवन का अमूल्य आभूषण है, वीरों तथा कर्मयोगियों का इष्टदेव है। सर्वांगीण उन्नति का आधार है।
जब व्यक्ति स्वावलंबी होगा, उसमें आत्मनिर्भरता होगी, तो ऐसा कोई कार्य नहीं जिसे वह न कर सके। स्वाबलंबी मनुष्य के सामने कोई भी कार्य आ जाए, वह अपने दृढ़ विश्वास से, अपने आत्मबल से उसे अवश्य ही पूर्ण कर लेगा। स्वावलंबी मनुष्य जीवन में कभी भी असफलता का मुँह नहीं देखता। वह जीवन के हर क्षेत्र में निरंतर कामयाब होता जाता है। सफलता तो स्वावलंबी मनुष्य की दासी बनकर रहती है। जिस व्यक्ति का स्वयं अपने आप पर ही विश्वास नहीं, वह भला क्या कर पाएगा? परंतु इसके विपरीत जिस व्यक्ति में आत्मनिर्भरता होगी, वह कभी किसी के सामने नहीं झुकेगा। वह जो करेगा सोच समझकर धैर्य से करेगा। मनुष्य में सबसे बड़ी कमी स्वावलंबन का न होना है। सबसे बड़ा गुण भी मनुष्य की आत्मनिर्भरता ही है।
जीवन की सफलता की पहली सीढ़ी कौन सी है?
Question 3:
Which of the following terminology is used to describe the trade between two or more countries?
दो या अधिक देशों के मध्य होने वाले व्यापार को बताने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी शब्दावली प्रयुक्त होती है?
Question 4:
Three of the following four words are alike in some way and one is different. Choose the odd letter group.
निम्नलिखित चार शब्दों में से तीन शब्द किसी प्रकार से एकसमान है और एक असमान है। असमान अक्षर- समूह का चयन कीजिए।
Question 5:
Choose the figure that will complete the pattern given in the question figure.
उस आकृति को चुनें जो प्रश्न आकृति में दिए गए पैटर्न को पूरा करेगी।
Question 6:
Question 7:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
हमारे बाल्यकाल के संस्कार ही जीवन का ध्येय निर्धारित करते हैं, अतः यदि शैशव में हमारी संतान ऐसे व्यक्तियों की छाया में ज्ञान प्राप्त करेगी, जिनमें चरित्र तथा सिद्धांत की विशेषता नहीं है, जिनमें संस्कारजनित अनेक दोष हैं, तो फिर उनके चरित्र पर भी उसी की छाप पड़ेगी और भविष्य में उनके ध्येय भी उसी के अनुसार स्वार्थमय तथा अस्थिर होंगे। शिक्षा एक ऐसा कर्तव्य नहीं है जो किसी पुस्तक को प्रथम पृष्ठ से अंतिम पृष्ठ तक पढ़ाने से ही पूर्ण हो जाता हो, वरन् वह ऐसा कर्तव्य है जिसकी परिधि सारे जीवन को घेरे हुए है और पुस्तकें ऐसे साँचे हैं जिनमें डालकर उसे सुडौल बनाया जा सकता है।
आत्मनिर्भरता का अर्थ है अपने ऊपर निर्भर रहना। जो व्यक्ति दूसरे के मुँह को नहीं ताकते वे ही आत्मनिर्भर होते हैं। वस्तुतः आत्मविश्वास के बल पर कार्य करते रहना आत्मनिर्भरता है। आत्मनिर्भरता का अर्थ है- समाज, निज तथा राष्ट्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करना। व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र में आत्मविश्वास की भावना, आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। स्वावलंबन जीवन की सफलता की पहली सीढ़ी है। सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को स्वावलंबी अवश्य होना चाहिए। स्वावलंबन व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में सर्वांगीण सफलता प्राप्ति का महामंत्र है। स्वावलंबन जीवन का अमूल्य आभूषण है, वीरों तथा कर्मयोगियों का इष्टदेव है। सर्वांगीण उन्नति का आधार है।
जब व्यक्ति स्वावलंबी होगा, उसमें आत्मनिर्भरता होगी, तो ऐसा कोई कार्य नहीं जिसे वह न कर सके। स्वाबलंबी मनुष्य के सामने कोई भी कार्य आ जाए, वह अपने दृढ़ विश्वास से, अपने आत्मबल से उसे अवश्य ही पूर्ण कर लेगा। स्वावलंबी मनुष्य जीवन में कभी भी असफलता का मुँह नहीं देखता। वह जीवन के हर क्षेत्र में निरंतर कामयाब होता जाता है। सफलता तो स्वावलंबी मनुष्य की दासी बनकर रहती है। जिस व्यक्ति का स्वयं अपने आप पर ही विश्वास नहीं, वह भला क्या कर पाएगा? परंतु इसके विपरीत जिस व्यक्ति में आत्मनिर्भरता होगी, वह कभी किसी के सामने नहीं झुकेगा। वह जो करेगा सोच समझकर धैर्य से करेगा। मनुष्य में सबसे बड़ी कमी स्वावलंबन का न होना है। सबसे बड़ा गुण भी मनुष्य की आत्मनिर्भरता ही है।
शैशव के शिक्षकों का बच्चे पर क्या असर पड़ता है?
Question 8:
Which part of the Indian Constitution deals with the citizenship rights of people who have migrated to India from Pakistan?
भारतीय संविधान का कौन-सा भाग ऐसे व्यक्तियों के नागरिकता अधिकारों से सम्बन्धित है, जो पाकिस्तान से भारत में प्रवास कर चुके हैं?
Question 9:
Three of the following four words are alike in some way and one is different. Choose the odd letter group.
निम्नलिखित चार शब्दों में से तीन शब्द किसी प्रकार से एकसमान है और एक असमान है। असमान अक्षर- समूह का चयन कीजिए।
Question 10:
निम्नलिखित में से किस वाक्य में अपादान कारक का प्रयोग हुआ है?