DSSSB MTS (16 June 2024)
Question 1:
72 litres of a mixture. The ratio of water and milk is 4 : 5. How much milk should be added to this mixture so that the ratio of water and milk in the mixture becomes 3 : 6?
एक मिश्रण की 72 ली. मात्रा में पानी और दूध का अनुपात 4 : 5 हैं इस मिश्रण में कितनी मात्रा में दूध मिलाया जाना चाहिए, ताकि मिश्रण में पानी और दूध का अनुपात 3 : 6 हो जाए ?
Question 2:
Which of the following musical instruments is associated with Hariprasad Chaurasia?
निम्न में से कौन-सा वाद्ययंत्र हरिप्रसाद चौरसिया से संबद्ध है?
Question 3:
Direction:- Select the most appropriate option to substitute the underline/Bold segment in the given sentence. If there is no need to improve it, select 'no improvement required'.
The captain disdained the roaring impatience and mutinous disposition of his crews.
Question 4:
Direction :- Select the option that expresses the given sentence in the Active/Passive voice.
Manu will tell her later.
Question 5:
What is the full form of UNDP?
UNDP का पूर्ण रूप क्या है?
Question 6:
What is the transparent front part of the eye called?
आंख के पारदर्शी अग्र भाग को क्या कहा जाता है?
Question 7:
Question 8:
'प्रयागराज' में दसवाँ व्यक्ति कोरोना पीड़ित है। ' में दसवाँ शब्द है-
Question 9:
Direction :- Select the most appropriate SYNONYM of the word given in Bold/Underline.
Garnish the drink with cranberries or a slice of fresh peach.
Question 10:
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर चुनिए:
धरातल से युद्ध की विभीषिकाओं को सदा-सदा के लिए समाप्त करने के लिए गाँधीजी ने विश्व को अहिंसा रूपी अस्त्र प्रदान किया। गाँधीजी कहा करते थे कि प्रेम और अहिंसा के द्वारा विश्व के कठोर से कठोर हृदय को भी कोमल बनाया जा सकता है। उन्होंने इस सिद्धान्तों का परीक्षण भी किया और वे 'नितान्त', सफल सिद्ध हुए। हिंसा से हिंसा बढ़ती है, 'घृणा, घृणा', को जन्म देती है और प्रेम से प्रेम की अभिवृद्धि होती है। अतः यह निश्चित है कि बिना प्रेम और अहिंसा के विश्व में शान्ति स्थापित नहीं हो सकती । शान्ति के अभाव में मानव जाति का विकास सम्भव नहीं । प्रत्येक राष्ट्र का स्वर्णिम युग वही कहा जाता है, जबकि वहाँ पूर्ण शांति और सुख रहा हो तथा उत्तमोत्तम रचनात्मक कार्य किए जाते हों। भौतिक दृष्टि से व्यापार और कृषि की उन्नति भी शांतिकाल में ही सम्भव होती है, अतः हम यदि विश्व का कल्याण चाहते हैं तो हमें युद्ध का बहिष्कार करना ही होगा । अहिंसा और प्रेम की भावना से विश्व में शान्ति स्थापित करनी होगी, तभी विश्व में सुखमय एवं शांतिमय राज्य की स्थापना सम्भव होगी।
विश्व शांति की स्थापना के लिए सबसे आवश्यक है