Jharkhand Police Constable (16 June 2024)

Question 1:

फादर के पिता क्या थे?

  • डॉक्टर

  • व्यवसायी

  • पुलिस

  • इंजीनियर

Question 2:

निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द 'व्याल' शब्द का अर्थ नहीं है?

  • साँप

  • राजा

  • शेर

  • दुर्गा

Question 3:

How many total 5 letter words can be formed from the letters of the word 'EQUATION' if all the vowels come at odd places?

EQUATION' शब्द के अक्षरों से 5 अक्षरों के कुल कितने शब्द बनाये जा सकते हैं यदि सभी स्वर विषम स्थानों पर आते हैं?

  • 360

  • 420

  • 240

  • 180

Question 4:

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सटीक उत्तर दीजिए:

साहित्यिक समन्वय से हमारा तात्पर्य साहित्य में प्रदर्शित सुख-दुख, हर्ष-विषाद, उत्थान-पतन आदि विरोधी तथा विपरीत भावों के समीकरण तथा एक आलौकिक आनंद में उनके विलीन हो जाने में है। साहित्य के किसी अंश को लेकर देखिए, सर्वत्र यही समन्वय दिखाई देगा। भारतीय नाटकों में ही सुख और दुःख के प्रबल घात-प्रतिघात दिखाए गये हैं, पर सबका अवसान आनंद में ही किया गया है। इसका प्रधान कारण यह है कि भारतीयों का ध्येय सदा से जीवन का आदर्श स्वरूप उपस्थित करके उसका उत्कर्ष बढ़ाने और उसे उन्नत बनाने का रहा है। वर्तमान स्थिति से उसका इतना संबंध नहीं है जितना भविष्य की संभाव्य उन्नति से है। हमारे यहाँ यूरोपीय ढंग के दुखांत नाटक इसीलिए दिखाई नहीं पड़ते हैं। यदि आजकल ऐसे नाटक दिखाई पड़ने लगे हैं, तो वे भारतीय आदर्श से दूर और यूरोपीय आदर्श के अनुकरण मात्र हैं।

भारतीयों का सदा से ध्येय रहा है:

  • जीवन का केवल आदर्श रूप उपस्थित करना ।

  • जीवन का आदर्श स्वरूप उपस्थित करके, उसका उत्कर्ष बढ़ाकर उसे उन्नत बनाना ।

  • जीवन को उन्नत बनाना ।

  • जीवन का उत्कर्ष बढ़ाना।

Question 5:

'कोई आ रहा है- वाक्य में कौन-सा सर्वनाम है?

  • निजवाचक

  • संबंधवाचक

  • निश्चचयवाचक

  • अनिश्चयवाचक

Question 6:

गांधर्व विवाह का क्या आशय है?

  • राक्षस विवाह / जबरदस्ती शादी '

  • हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार विवाह

  • 'महिला द्वारा पति स्वयं चुनना

  • माता-पिता की मर्जी से विवाह

Question 7:

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सटीक उत्तर दीजिए:

साहित्यिक समन्वय से हमारा तात्पर्य साहित्य में प्रदर्शित सुख-दुख, हर्ष-विषाद, उत्थान-पतन आदि विरोधी तथा विपरीत भावों के समीकरण तथा एक आलौकिक आनंद में उनके विलीन हो जाने में है। साहित्य के किसी अंश को लेकर देखिए, सर्वत्र यही समन्वय दिखाई देगा। भारतीय नाटकों में ही सुख और दुःख के प्रबल घात-प्रतिघात दिखाए गये हैं, पर सबका अवसान आनंद में ही किया गया है। इसका प्रधान कारण यह है कि भारतीयों का ध्येय सदा से जीवन का आदर्श स्वरूप उपस्थित करके उसका उत्कर्ष बढ़ाने और उसे उन्नत बनाने का रहा है। वर्तमान स्थिति से उसका इतना संबंध नहीं है जितना भविष्य की संभाव्य उन्नति से है। हमारे यहाँ यूरोपीय ढंग के दुखांत नाटक इसीलिए दिखाई नहीं पड़ते हैं। यदि आजकल ऐसे नाटक दिखाई पड़ने लगे हैं, तो वे भारतीय आदर्श से दूर और यूरोपीय आदर्श के अनुकरण मात्र हैं।

सुख-दुख के प्रबल प्रतिघात का अवसान भारतीय नाटकों में किया गया है:

  • त्रासदी में

  • आनंद में

  • दुख-सुखांत में

  • दुखांत में

Question 8:

निम्न में से कौन सा समूह सही नहीं हैं?

  • मूर्द्धन्य - च, छ, ज, झ

  • ओष्ठ्य - प, फ, ब, भ

  • वर्त्स्य – न, ल, र, स

  • कंठ्य - क, ख, ग, घ

Question 9:

There are 20 people in a party. If each person shakes hands with every other person, how many handshakes are there in total?

एक पार्टी में 20 व्यक्ति हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक अन्य व्यक्ति से हाथ मिलाता है, तो कुल कितनी बार हाथ मिलाए गाए ?

  • 180

  • 145

  • 155

  • 190

Question 10:

जब कर्त्ता एक काम समाप्त कर उसी क्षण दूसरी क्रिया में प्रवृत्त हो जाए तो उस पहली क्रिया को क्या कहते हैं?

  • संयुक्त क्रिया

  • सहायक क्रिया

  • इनमें से कोई नहीं

  • पूर्वकालिक क्रिया

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