Jharkhand Police Constable (16 June 2024)
Question 1:
Find the mode of the following data.
निम्न आंकड़ों का बहुलक ज्ञात कीजिए ।
15, 26, 15, 29, 19, 18, 19, 15, 24, 23, 15, 19
Question 2:
There are two holes in a container. The first hole alone empties the container in 15 minutes and the second hole alone empties the container in 10 minutes. If water is leaking from the container at a constant rate, then in how many minutes will the container be emptied if both the holes are opened simultaneously?
एक कंटेनर में दो छिद्र है। प्रथम छिद्र कंटेनर को 15 मिनट में तथा दूसरा छिद्र कंटेनर को अकेले 10 मिनट में खाली कर देता है। यदि कंटेनर से जल का रिसाव एक स्थिर दर से हो रहा हो, तो दोनों छिद्रो को एक साथ खोल देने पर कंटेनर कितने मिनट में खाली हो जाएगी?
Question 3:
तृष्णा का क्या पर्यायवाची है?
Question 4:
In which district has India's first 'National Dolphin Research Center' been opened?
भारत का पहला 'नेशनल डॉल्फिन रिसर्च सेंटर' किस जिले में खोला गया है ?
Question 5:
Who are the first two states to implement Panchayati Raj?
पंचायती राज लागू करने वाले पहले दो राज्य कौन हैं?
Question 6:
Rita invested a sum of money at 2.5% for 4 years. Sita invested the same amount at the same rate for 6 years. What is the ratio of the simple interest earned by Sita to the simple interest earned by Rita?
रीता ने 4 वर्ष के लिए 2.5% की दर पर एक राशि का निवेश किया। सीता ने 6 वर्ष के लिए उसी दर पर समान राशि का निवेश किया। सीता द्वारा अर्जित साधारण ब्याज पर रीता द्वारा अर्जित साधारण ब्याज से अनुपात क्या है?
Question 7:
'सज्जन' शब्द में समास है।
Question 8:
गांधर्व विवाह का क्या आशय है?
Question 9:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सटीक उत्तर दीजिए:
साहित्यिक समन्वय से हमारा तात्पर्य साहित्य में प्रदर्शित सुख-दुख, हर्ष-विषाद, उत्थान-पतन आदि विरोधी तथा विपरीत भावों के समीकरण तथा एक आलौकिक आनंद में उनके विलीन हो जाने में है। साहित्य के किसी अंश को लेकर देखिए, सर्वत्र यही समन्वय दिखाई देगा। भारतीय नाटकों में ही सुख और दुःख के प्रबल घात-प्रतिघात दिखाए गये हैं, पर सबका अवसान आनंद में ही किया गया है। इसका प्रधान कारण यह है कि भारतीयों का ध्येय सदा से जीवन का आदर्श स्वरूप उपस्थित करके उसका उत्कर्ष बढ़ाने और उसे उन्नत बनाने का रहा है। वर्तमान स्थिति से उसका इतना संबंध नहीं है जितना भविष्य की संभाव्य उन्नति से है। हमारे यहाँ यूरोपीय ढंग के दुखांत नाटक इसीलिए दिखाई नहीं पड़ते हैं। यदि आजकल ऐसे नाटक दिखाई पड़ने लगे हैं, तो वे भारतीय आदर्श से दूर और यूरोपीय आदर्श के अनुकरण मात्र हैं।
साहित्यिक समन्वय से अभिप्राय है:
Question 10:
निम्न में से कौन सा समूह सही नहीं हैं?