CTET Level -1 (09 June 2024)

Question 1:

Pedagocial content knowledge of a mathematics teacher includes.

गणित के शिक्षक के शिक्षाशास्त्रीय विषय-वस्तु ज्ञान में सम्मिलित है।

(a) use of activity based methods of teaching

शिक्षण के लिए क्रियाकलापों पर आधारित विधियों का उपयोग करना

(b) use of various types of tests and assessment strategies

विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं और आकलन युक्तियों का उपयोग करना

(c) knowing the names of different books on mathematics

भिन्न-भिन्न गणित की पुस्तकों के नाम पता होना ।

(d) subject specific knowledge

विषय विशिष्ट जानकारी होना ।

Choose the correct option: ... सही विकल्प का चयन कीजिए:

  • Only (a) / केवल (a)

  • (b) and (c)/(b) और (c)

  • (a), (b) and (d)/(a), (b) और (d)

  • Only (c) / केवल (c)

Question 2:

Mathematical thinking can be developed through ____.

गणितीय चिंतन का विकास _____ के जरिए किया जा सकता है ।

  • Solving questions based on a given formula दिए गए सूत्र के आधार पर प्रश्नों को हल करने

  • Plyaing mathematical games with children बच्चों के साथ गणितीय खेल खेलने

  • Writing multiplication tables on blackboard श्मापट्ट पर पहाड़े लिखने

  • Drawing pictures from the environment पर्यावरण से चित्रांश बनाने

Question 3:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

अध्यापक विद्यार्थियों को कौन-सी प्रक्रिया समझा रहे थे?

  • जोड़ की प्रक्रिया

  • घटा की प्रक्रिया

  • गुणा करने की प्रक्रिया

  • भाग करने की प्रक्रिया

Question 4:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

इस गद्यांश में भारत के किस क्षेत्र के विद्यालय का प्रसंग है ?

  • पश्चिमी भारत

  • दक्षिण भारत

  • उत्तर भारत

  • पूर्वी भारत

Question 5:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

गद्यांश के आधार पर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए ।

" अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में __________ किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा । "

  • विकसित

  • वर्णित

  • वर्गीकृत

  • विभाजित

Question 6:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

छात्र का प्रश्न सुनकर अध्यापक की क्या प्रतिक्रिया थी ?

  • अध्यापक बहुत निराश हुए।

  • अध्यापक बहुत प्रसन्न हुए ।

  • अध्यापक कुछ क्रोधित से हुए ।

  • अध्यापक कुछ विचलित से हुए ।

Question 7:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

अध्यापक ने विद्यार्थी को क्या उत्तर दिया ?

  • "शून्य का कोई मान नहीं होता है । "

  • "शून्य को गिनती में नहीं रखा सकता । "

  • “शून्य का शून्य से विभाजन हो सकता है ।"

  • " शून्य जैसी कोई अवधारणा नहीं है । "

Question 8:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

छात्र को अध्यापक से प्रश्न पूछने की आवश्यकता हुई, क्योंकि

  • अध्यापक ने छात्र को प्रश्न करने के लिए प्रोत्साहित किया था ।

  • छात्र को अध्यापक की बात समझ नहीं आ रही थी ।

  • छात्र को प्रश्न करने की आदत थी ।

  • छात्र को अध्यापक के बनाए सूत्र में गलती नज़र आई थीं ।

Question 9:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द भिन्न है ?

  • मेधावी

  • असाधारण

  • सर्वश्रेष्ठ

  • विद्यार्थी

Question 10:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।

बात बीसवीं सदी की शुरुआत की है। दक्षिण भारत के एक विद्यालय में गणित की कक्षा चल रही थी । अध्यापक विद्यार्थियों को भाग देने की विधि समझा रहे थे । अध्यापक ने बताया, 'अगर चार आमों को चार बालकों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इसी तरह से अगर दस आमों को दस व्यक्तियों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा।' आगे वह बोले, ' अगर किसी संख्या का उसी संख्या से भाग किया जाए तो भागफल हमेश एक ही होता है।' कक्षा के एक मेधावी छात्र को इस सूत्र की गलती समझ में आ गई। उसने पूछा, "महोदय, अगर शून्य आमों को शून्य व्यक्तियों में बाँटा जाए, तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा ?" इस असाधारण प्रश्न को सुनते ही अध्यापक कुछ विचलित से हुए । वे डाँटकर बोले, "शून्य का कोई मान नहीं होता।" पर विद्यार्थी ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "महोदय शून्य का मान होता है। अगर दो के दायीं ओर हम एक शून्य रख दें तो 20 हो जाता है । इसी में एक और शून्य बढ़ा दें तो 200 हो जाता है। यह विद्यार्थी आधुनिक युग में भारत का सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ कहलाया । "

'विद्यालय' का संधि - विच्छेद है।

  • विद्या + आलय

  • विद्या + अलय

  • विद्य + आलय

  • विद्य + अलय

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