Question 1:
निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए।
पूँजीवाद समाज में लेखक, पुस्तक और पाठक के बीच बाजार आ गया है। इस बाजार के कारण लेखक का पाठक से सीधा संबंध नहीं रह पाता। इसलिए मार्क्स ने कहा है कि पूँजीवादी समाज में कला, साहित्य या लेखक के लिए एलियनेशन की समस्या सबसे बड़ी है। पुराने समाज में कला व कलाकार अपने समाज से पूरी तरह जुड़े थे। कला की रचना और सुरक्षा दोनों का दायित्व समाज का था। बाद में कला दरबार में आयी, कला और कलाकार का क्षेत्र संकुचित हुआ । कह सकते हैं कि इसमें उसका अजनबीपन या एलियनेशन और बढ़ा।
पूँजीवादी समाज में लेखक और पाठक के बीच क्या आ गया है?
Question 2:
निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए।
पूँजीवाद समाज में लेखक, पुस्तक और पाठक के बीच बाजार आ गया है। इस बाजार के कारण लेखक का पाठक से सीधा संबंध नहीं रह पाता। इसलिए मार्क्स ने कहा है कि पूँजीवादी समाज में कला, साहित्य या लेखक के लिए एलियनेशन की समस्या सबसे बड़ी है। पुराने समाज में कला व कलाकार अपने समाज से पूरी तरह जुड़े थे। कला की रचना और सुरक्षा दोनों का दायित्व समाज का था। बाद में कला दरबार में आयी, कला और कलाकार का क्षेत्र संकुचित हुआ । कह सकते हैं कि इसमें उसका अजनबीपन या एलियनेशन और बढ़ा।
पुराने समाज में कला की सुरक्षा का दायित्व किसका था?
Question 3:
निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए।
पूँजीवाद समाज में लेखक, पुस्तक और पाठक के बीच बाजार आ गया है। इस बाजार के कारण लेखक का पाठक से सीधा संबंध नहीं रह पाता। इसलिए मार्क्स ने कहा है कि पूँजीवादी समाज में कला, साहित्य या लेखक के लिए एलियनेशन की समस्या सबसे बड़ी है। पुराने समाज में कला व कलाकार अपने समाज से पूरी तरह जुड़े थे। कला की रचना और सुरक्षा दोनों का दायित्व समाज का था। बाद में कला दरबार में आयी, कला और कलाकार का क्षेत्र संकुचित हुआ । कह सकते हैं कि इसमें उसका अजनबीपन या एलियनेशन और बढ़ा।
कला क्षेत्र का संकुचन का आशय है-
Question 4:
निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए।
पूँजीवाद समाज में लेखक, पुस्तक और पाठक के बीच बाजार आ गया है। इस बाजार के कारण लेखक का पाठक से सीधा संबंध नहीं रह पाता। इसलिए मार्क्स ने कहा है कि पूँजीवादी समाज में कला, साहित्य या लेखक के लिए एलियनेशन की समस्या सबसे बड़ी है। पुराने समाज में कला व कलाकार अपने समाज से पूरी तरह जुड़े थे। कला की रचना और सुरक्षा दोनों का दायित्व समाज का था। बाद में कला दरबार में आयी, कला और कलाकार का क्षेत्र संकुचित हुआ । कह सकते हैं कि इसमें उसका अजनबीपन या एलियनेशन और बढ़ा।
'अजनबीपन' का आशय है-
Question 5:
निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए।
पूँजीवाद समाज में लेखक, पुस्तक और पाठक के बीच बाजार आ गया है। इस बाजार के कारण लेखक का पाठक से सीधा संबंध नहीं रह पाता। इसलिए मार्क्स ने कहा है कि पूँजीवादी समाज में कला, साहित्य या लेखक के लिए एलियनेशन की समस्या सबसे बड़ी है। पुराने समाज में कला व कलाकार अपने समाज से पूरी तरह जुड़े थे। कला की रचना और सुरक्षा दोनों का दायित्व समाज का था। बाद में कला दरबार में आयी, कला और कलाकार का क्षेत्र संकुचित हुआ । कह सकते हैं कि इसमें उसका अजनबीपन या एलियनेशन और बढ़ा।
गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक है-
Question 6:
इनमें से कौन-सी भाषा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
Question 7:
'माटी की मूरतें' किस लेखक की रचना है ?
Question 8:
पराधीन' में कौन-सा उपसर्ग है?
Question 9:
'आधुनिक' का विलोम है
Question 10:
'हिरण' शब्द का पर्यायवाची शब्द है-