Question 1:
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधार ।
बरनौ रघुवर विमल जस, जो दायक फल चारि॥"
में छन्द है-
Question 2:
रौद्र रस का स्थायीभाव क्या होता है ?
Question 3:
नीचे दिए गए उदाहरणों के साथ संधि का नाम किस विकल्प में अशुद्ध है?
Question 4:
समास के कितने भेद हैं?
Question 5:
शब्द- प्रकार के आधार पर 'मनुष्यता' शब्दों का कौन-सा भेद है?
Question 6:
नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सर्वाधिक उचित विकल्प का चयन कीजिए-
अपने देश में नवीन राष्ट्र के निर्माण का कार्य भी विवेकानन्द आरंभ कर गए। व्यक्तियों के समष्टि को राष्ट्र कहते हैं। सच्चे मनुष्यों का निर्माण हुए बिना स्वाधीन और बलवान राष्ट्र का जन्म नहीं हो सकता । इसलिए उन्होंने कहा था, "मानव निर्माण ही मेरा लक्ष्य है । ' तत्पश्चात् सच्चे मनुष्य के निर्माण के लिए उन्होंने किसी वर्ग विशेष की ओर अपनी दृष्टि केन्द्रित न करके समग्र समाज की ओर ध्यान दिया।
स्वामी विवेकानंद का जीवन लक्ष्य था -
Question 7:
नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सर्वाधिक उचित विकल्प का चयन कीजिए-
अपने देश में नवीन राष्ट्र के निर्माण का कार्य भी विवेकानन्द आरंभ कर गए। व्यक्तियों के समष्टि को राष्ट्र कहते हैं। सच्चे मनुष्यों का निर्माण हुए बिना स्वाधीन और बलवान राष्ट्र का जन्म नहीं हो सकता । इसलिए उन्होंने कहा था, "मानव निर्माण ही मेरा लक्ष्य है । ' तत्पश्चात् सच्चे मनुष्य के निर्माण के लिए उन्होंने किसी वर्ग विशेष की ओर अपनी दृष्टि केन्द्रित न करके समग्र समाज की ओर ध्यान दिया।
व्यक्तियों के समूह को ___________ कहते हैं।
Question 8:
नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सर्वाधिक उचित विकल्प का चयन कीजिए-
अपने देश में नवीन राष्ट्र के निर्माण का कार्य भी विवेकानन्द आरंभ कर गए। व्यक्तियों के समष्टि को राष्ट्र कहते हैं। सच्चे मनुष्यों का निर्माण हुए बिना स्वाधीन और बलवान राष्ट्र का जन्म नहीं हो सकता । इसलिए उन्होंने कहा था, "मानव निर्माण ही मेरा लक्ष्य है । ' तत्पश्चात् सच्चे मनुष्य के निर्माण के लिए उन्होंने किसी वर्ग विशेष की ओर अपनी दृष्टि केन्द्रित न करके समग्र समाज की ओर ध्यान दिया।
विवेकानंद कैसा राष्ट्र चाहते थे?
Question 9:
नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सर्वाधिक उचित विकल्प का चयन कीजिए-
अपने देश में नवीन राष्ट्र के निर्माण का कार्य भी विवेकानन्द आरंभ कर गए। व्यक्तियों के समष्टि को राष्ट्र कहते हैं। सच्चे मनुष्यों का निर्माण हुए बिना स्वाधीन और बलवान राष्ट्र का जन्म नहीं हो सकता । इसलिए उन्होंने कहा था, "मानव निर्माण ही मेरा लक्ष्य है । ' तत्पश्चात् सच्चे मनुष्य के निर्माण के लिए उन्होंने किसी वर्ग विशेष की ओर अपनी दृष्टि केन्द्रित न करके समग्र समाज की ओर ध्यान दिया।
विवेकानंद जी ने मानव-निर्माण के लिए -
Question 10:
नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्न का सर्वाधिक उचित विकल्प का चयन कीजिए-
अपने देश में नवीन राष्ट्र के निर्माण का कार्य भी विवेकानन्द आरंभ कर गए। व्यक्तियों के समष्टि को राष्ट्र कहते हैं। सच्चे मनुष्यों का निर्माण हुए बिना स्वाधीन और बलवान राष्ट्र का जन्म नहीं हो सकता । इसलिए उन्होंने कहा था, "मानव निर्माण ही मेरा लक्ष्य है । ' तत्पश्चात् सच्चे मनुष्य के निर्माण के लिए उन्होंने किसी वर्ग विशेष की ओर अपनी दृष्टि केन्द्रित न करके समग्र समाज की ओर ध्यान दिया।
'समष्टि' का विलोम है