नमस्कार साथियों, Rojgar with Ankit के इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आपका स्वागत है। आज के इस Blog में हम बात करेंगे UPPSC Exam (Uttar Pradesh Public Service Commission) 2025 की। UPPSC Exam के जरिए उम्मीदवारों का चयन उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत विभिन्न मंत्रालयों में किया जाता है। जो भी उम्मीदवार सरकारी नौकरी का सपना देख रहे हैं उनके लिए UPPSC एक बेहतर विकल्प हो सकता है ।जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें इस परीक्षा से जुड़ी जानकारी जैसे की Qualification, Exam Pattern, Selection Process, Syllabus आदि से जुड़ी सभी जानकारी होना जरूरी है ताकि वह एक अच्छी तैयारी कर सके। तो Blog को पूरा जरूर पढ़ें।
UPPSC Recruitment 2025 : Eligibility, Exam Pattern, Selection Process, Syllabus
Overview
Notification
Syllabus
RWA Updates
Admit Card
Result
UPPSC Recruitment 2025 : Important Dates
जो भी उम्मीदवार UPPSC Exam 2025 के लिए इच्छुक है एवं इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो उन्हें आयोग द्वारा निर्धारित की गई महत्वपूर्ण तिथियां के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि वह अपने आवेदन की प्रक्रिया समय रहते पूरी कर ले। आयोग द्वारा निर्धारित की गई Starting Date and Last Date निम्नलिखित प्रकार से हैं
Starting Date | 20 February 2025 |
Ending Date | 02 April 2025 |
(1) ऑनलाइन आवदेन करने से पूर्व अम्यर्थियों को O.T.R. पंजीकरण (O.T.R Registration) कर O.T.R नम्बर प्राप्त करना अनिवार्य है।
(2) ओ०टीआर 0 नम्बर के बिना ऑनलाइन आवेदन सबमिट किया जाना संभव नहीं होगा।
(3) ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने ओ०टी०आर0 नम्बर प्राप्त नहीं किया है वे ऑनलाइन आवेदन करने के 72 घण्टे पूर्व आयोग की वेबसाइट https://otr.pariksha.nic.in से ओ0टी०आर0 नम्बर प्राप्त कर लें।
(4) ओ०टी०आर0 नम्बर प्राप्त करने के उपरान्त ही आयोग की वेबसाइट https://uppsc.up.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन सबमिट किया जा सकता है।
UPPSC OTR 2025 Registration कैसे करें?
फॉर्म भरने की तिथि 👉1 जनवरी से 29 जनवरी
ऑनलाइन आवेदन प्रारम्भ होने की तिथि | – 01.01.2024 |
ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा शुल्क बैंक में जमा करने की अन्तिम तिथि | – 29.01.2024 |
ऑनलाइन आवेदन करने की अन्तिम तिथि | -02.02.2024 |
ऑनलाइन सबमिट आवेदन में सुधार / संशोधन की अन्तिम तिथि | -09.02.2024 |
UPPSC Recruitment 2025 : Eligibility
जो भी उम्मीदवार UPPSC 2025 में शामिल होने वाले हैं उन्हें आयोग के द्वारा निर्धारित की गई सभी अनिवार्य योग्यताओं की मापदंडों को पूरा करना जरूरी है अनिवार्य योग्यताएं जैसे कि Citizenship , Educational Qualification, Age Limit आदि जैसी योग्यताएं। इन सभी अनिवार्य योग्यताओं को इस Blog में बहुत ही Detailed Manner में cover किया गया है जो कि इस प्रकार से हैं –
Nationality – उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
Educational Qualification
Educational Qualification अत्यंत ही महत्वपूर्ण योग्यताओं में से एक है। जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और आवेदन करने वाले हैं उन्हें Educational Qualification के मापदंडों को पूरा करना जरूरी है तभी वह इस परीक्षा में शामिल हो पाएंगे। आयोग द्वारा निर्धारित की गई सभी अनिवार्य Educational Qualification निम्नलिखित प्रकार से है –
- उम्मीदवार भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना चाहिए या इसके समकक्ष योग्यताएं होनी चाहिए।
आयु सीमा
चयन हेतु अभ्यर्थियों को 01 जुलाई 2024 को 21 वर्ष की आयु अवश्य पूरी करनी चाहिए और उन्हें 40 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए अर्थात् उनका जन्म 02 जुलाई 1984 से पूर्व तथा 01 जुलाई, 2003 के बाद का नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार दिव्यांगजन हेतु अधिकतुस औयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए अर्थात् उनका जन्म 02 जुलाई, 1969 के पूर्व का नहीं होना चाहिए ।
Application fee UPPSC
GEN / OBC – 125
SC / ST – 65
PH Candidates – 25
Preliminary Examination
परीक्षा का नाम |
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प्रश्नपत्रों की संख्या |
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परीक्षा का समय | 2 घण्टे का समय
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TYPE OF EXAM | OMR sheets |
MAINS EXAMINATION
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UPPSC Syllabus
प्रश्नपत्र-1
(सामान्य अध्ययन-1)
अवधि-दो घण्टे अंक – 200
- राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें
- भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन
- भारत एवं विश्व का भूगोल- भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल
- भारतीय राजनीति एवं शासन- संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारिक मुद्दे (राइट्स इश्यूज) आदि
- आर्थिक एवं सामाजिक विकास-सतत विकास, गरीबी, अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि
- पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है
- सामान्य विज्ञान
- राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें: राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी।
- भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनः इतिहास के अन्तर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी
- भारत एवं विश्व का भूगोलः भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोलः विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अन्तर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
- भारतीय राजनीति एवं शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, आधिकारिक प्रकरण आदिः भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अन्तर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।
- आर्थिक एवं सामाजिक विकास- सतत विकास, गरीबी अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदिः अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके सम्बन्धों के परिप्रेक्ष्य में किया जायेगा।
- पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तनः इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
- सामान्य विज्ञानः सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।
नोट: अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्यपरिचय हो।
प्रश्नपत्र-2
सामान्य अध्ययन-
अवधि-दो घण्टे
अंक – 200
- काम्प्रिहेन्सन (विस्तारीकरण)
- अन्तर्वेयक्तिक क्षमता जिसमें सम्प्रेषण कौशल भी समाहित होगा।
- तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता।
- निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान।
- सामान्य बौद्धिक योग्यता।
- प्रारम्भिक गणित हाईस्कूल स्तर तक- अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित व सांख्यिकी।
- सामान्य अंग्रेजी हाईस्कूल स्तर तक।
- सामान्य हिन्दी हाईस्कूल स्तर तक।
प्रारम्भिक गणित (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय
- अंकगणित:
(1) संख्या पद्धतिः प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय-अपरिमेय एवं वास्तविक संख्यायें, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्यायें। पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य तथा उनमें सम्बन्ध।
(2) औसत
(3) अनुपात एवं समानुपात
(4) प्रतिशत - (5) लाभ-हानि
(6) ब्याज- साधारण एवं चक्रवृद्धि
(7) काम तथा समय
(8) चाल, समय तथा दूरी
2. बीजगणित :
(1) बहुपद के गुणनखण्ड, बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य एवं उनमें सम्बन्ध, शेषफल प्रमेय, सरल युगपत समीक रण, द्विघात समीकरण
(2) समुच्चय सिद्धान्तः समुच्चय, उप समुच्चय, उचित उपसमुच्चय, रिक्त समुच्चय, समुच्चयों के बीच संक्रियायें (संघ, प्रतिछेद, अन्तर, समिमित अन्तर), बेन-आरेख
3. रेखागणित:
(1) त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलम्ब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उनके गुण सम्बन्धी प्रमेय तथा परिमाप एवं उनके क्षेत्रफल,
(2) गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा धन के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल।
4. सांख्यिकी: आंकड़ों का संग्रह, आंकड़ों का वर्गीकरण, बारम्बारता, बारम्बारता बंटन, सारणीयन, संचयी बारम्बारता, आंकड़ों का निरूपण, दण्डचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारम्बारता बहुभुज, संचयी बारम्बारता वक्र, केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप- समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक।
General English Upto Class X Level
- Comprehension
- Active Voice and Passive Voice
- Parts of Speech
- Transformation of Sentences
- Direct and Indirect Speech
- Punctuation and Spellings
- Words meanings
- Vocabulary & Usage
- Idioms and Phrases
- Fill in the Blanks
सामान्य हिन्दी (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठयक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय
(1) हिन्दी वर्णमाला, विराम चिन्ह
(2) शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ
(3) शब्द-रूप
(4) संधि, समास
(5) क्रियायें
(6) अनेकार्थी शब्द
(7) विलोम शब्द
(8) पर्यायवाची शब्द
(9) मुहावरे एवं लोकोक्तियां
(10) तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार)
(11) वर्तनी
(12) अर्थबोध
(13) हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियाँ
(14) उ०प्र0 की मुख्य बोलियाँ
सामान्य हिन्दी
(1) दिये हुए गद्य खण्ड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर। (2) संक्षेपण। (3) सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र। (4) शब्द ज्ञान एवं प्रयोग। (अ) उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग, (ब) विलोम शब्द, (स) वाक्यांश के लिए एकशब्द, (द) वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि, (5) लोकोक्ति एवं मुहावरे।
निबन्ध
निबन्ध हिन्दी, अंग्रेजी अथवा उर्दू में लिखे जा सकते हैं।
निबन्ध के प्रश्न-पत्र में 3 खण्ड होंगे। प्रत्येक खण्ड से एक-एक विषय पर 700 (सात सौ) शब्दों में निबन्ध लिखना होगा। प्रत्येक खण्ड 50-50 अंकों का होगा। तीनों खण्डों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित निबन्ध के प्रश्न होंगे।
निबन्ध हिन्दी, अंग्रेजी अथवा उर्दू में लिखे जा सकते हैं।
निबन्ध के प्रश्न-पत्र में 3 खण्ड होंगे। प्रत्येक खण्ड से एक-एक विषय पर 700 (सात सौ) शब्दों में निबन्ध लिखना होगा। प्रत्येक खण्ड 50-50 अंकों का होगा। तीनों खण्डों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित निबन्ध के प्रश्न होंगे।
खण्ड (क)
साहित्य और संस्कृति
सामाजिक क्षेत्र
खण्ड (ख)
.विज्ञान पर्यावरण और प्रौद्योगिकी
आर्थिक क्षेत्र
राजनैतिक क्षेत्र
कृषि उद्योग एवं व्यापार
खण्ड (ग)
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम
प्राकृतिक आपदाएं भू-स्खलन भूकम्प,
बाढ़, सूखा, आदि।
राष्ट्रीय विकास योजनाएं एवं परियोजनाएं
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 01 से 06 तक के मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-।
सामान्य अध्ययन-।
- भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला-रूप, साहित्य एवं वास्तुकला के महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।
- आधुनिक भारतीय इतिहास ( 1757 ई0 से 1947 ई0 तक)- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व एवं समस्याएं इत्यादि।
- स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान।
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई0 तक)।
- विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी से बीसवीं सदी के मध्य तक की घटनाएं जैसे फ्रांसीसी क्रान्ति 1789 , औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद इत्यादि के रूप और समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगे।
- भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएं।
- महिला- समाज और महिला-संगठनों की भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएं, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और समाधान।
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज के अर्थ व्यवस्था, राज्य व्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव।
- सामाजिक सशक्तीकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
- विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- जल,मिट्टियॉ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में)।
- भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएं- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाए, चक्रवात, समुद्री जल धाराएं, पवन एवं हिम सरिताएं।
- भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता।
- मानव प्रवास- विश्व की शरणार्थी समस्या- भारत- उपमहाद्वीप के संदर्भ में।
- सीमान्त तथा सीमाएं- भारत उप- महाद्वीप के संदर्भ में।
- जनसंख्या एवं अधिवास- प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण,र्मार्ट नगर एवं र्मार्ट ग्राम।
सामान्य अध्ययन 2
- भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना। संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका।
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
- केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में वित्त आयोग की भूमिका।
- शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएं। वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रो का उदय एवं उनका प्रयोग।
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना।
- संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियॉ एवं विशेषाधिकार तथा संबंधित विषय।
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक / अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। जनहित याचिका (पी०आई0एल0)।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियॉ, कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व।
- सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत- उनकी विशेषताएं एवं कार्यभाग।
- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के मुद्दे एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आई0सी०टी०)।
- विकास प्रक्रियाएं-गैर सरकारी सगंठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह, विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता, सहायतार्थ संस्थाएं, संस्थागत एवं अन्य अंशधारक।
- केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गो के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य- निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गो की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबधित विषय।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय।
- लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका।
- भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके संबंध।
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और /अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
- भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्य भाग।
- क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक घटनाक्रम।
सामान्य अध्ययन—Ш
- भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियॉ, नीति (एन0आई०टी०आई0) आयोग की भूमिका, सतत विकास के लक्ष्य (एस0डी0जी०)।
- गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास।
- सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली।
- प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भंडारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता हेतु ई-तकनीकी।
- अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि अनुदान तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली-उद्देश्य, क्रियान्वयन, परिसीमाएं, सुदृढ़ीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भण्डार, कृषि में तकनीकी अभियान।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण व संबंधित उद्योग-कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
- भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् भूमि सुधार।
- भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक विकास पर प्रभाव।
- आधारभूत संरचनाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में, भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति का दैनिक जीवन मेंअनुप्रयोग।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण। नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तान्तरण, द्विअनुप्रयोगी एवं तकनीकि उपयोगी प्रौद्योगिकियॉ।
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंम्प्यूटर, ऊर्जा स्त्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता। बौद्धिक सम्पदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बन्धित मुद्दे।
- पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय संघात आंकलन।
- आपदा: गैर-पारम्परिक सुरक्षा एवं संरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा शमन एवं प्रबन्धन।
- अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ : आणुविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तन्त्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा के आधार, मनी लाउन्डरिंग तथा मानव तस्करी।
- भारत की आन्तरिक सुरक्षा की चुनौतियांः आतंकवाद, भ्रष्टाचार, बगावत तथा संगठित अपराध।
- सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन।
- कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे।
सामान्य अध्ययन- IV
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय अन्त: सम्बन्ध, मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्व, इसके निर्धारक और परिणाम : नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र।
मानवीय मूल्य-महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका। - अभिवृत्तिः अंर्तवस्तु (कंटेन्ट), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।
- सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर- तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करूणा।
- संवेगात्मक बुद्धिः अवधारणाएं तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान।
- लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र : स्थिति तथा समस्याएं, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्त्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथानिधि व्यवस्था (फंडिग) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक-निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां।
- उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)।
सामान्य अध्ययन- V
- उ0प्र0 का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति एवं प्राचीन नगर।
- उ०प्र0 की वास्तुकला, उसकी महत्ता एवं रख-रखाव, संग्रहालय, अभिलेखागार एवं पुरातत्व।
- भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में 1857 से पहले एवं बाद में उ०प्र० का योगदान।
- उ०प्र० के सुविख्यात स्वतन्त्रता सेनानी एवं व्यक्तित्व।
- उ०प्र0 में ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्दे: सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, संगीत, लोकनृत्य, भाषा एवं साहित्य / बोली, सामाजिक प्रथाएं एवं पर्यटन।
- उ०प्र० की राजव्यवस्था-शासन प्रणाली, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, विधान सभा एवं विधान परिषद, केन्द्र-राज्य सम्बन्ध।
- उ0प्र0 में लोक सेवाएँ, लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षा, महान्यायवादी, उच्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र।
- उ०प्र0-विशेष राज्य चयन मानदण्ड, राजभाषा, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनीतिक दल एवं राज्य निर्वाचन आयोग।
- उ०प्र0 में स्थानीय स्वशासनः शहरी एवं पंचायती राज, लोकनीति, अधिकार सम्बन्धी मुद्दे।
- उ०प्र०-सुशासन, भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेस, सूचना का अधिकार, समाधान योजना।
- उ0प्र0 में भूमि सुधार एवं इसका प्रभाव।
12.उ0प्र0 में सुरक्षा से जुड़े मुद्दे:-
(i) उग्रवाद के प्रसार एवं विकास के बीच सम्बन्ध।
(ii) बाह्य, राज्य एवं अन्तर राज्यीय सक्रियकों से आन्तरिक सुरक्षा के लिये चुनौतियाँ पैदा करने में संचार नेटवर्कों, मीडिया एवं सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भूमिका।
(iii) साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियम, कालेधन को वैध बनाना एवं इसकी रोकथाम।
(iv) विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियाँ और उनके शासनादेश / अधिकार-पत्र।
(v) सीमावर्ती क्षेत्रों में सरक्षा चनौतियाँ एवं उनका प्रबन्धन, संगठित अपराधों का आंतकवाद से संबंध। - उ०प्र0 में कानून व्यवस्था एवं नागरिक अधिकार सुरक्षा।
- उ०प्र० में स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय मुद्दे।
- उ०प्र० में शिक्षा प्रणाली।
- भारत के विकास में उ०प्र० की भूमिका।
- उ०प्र० की समसामयिक घटनाएं।
- जल शक्ति मिशन एवं अन्य केन्द्रीय योजनायें एवं उनका क्रियान्वयन।
- उ0प्र० में गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.): मुद्दे, योगदान एवं प्रभाव।
- उ०प्र० में पर्यटनः मुद्दे एवं सम्भावनायें।
- उ0प्र0 में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारः इसके मुद्दे एवं इसका समाज में रोजगार एवं सामाजिक-आर्थिक विकास पर प्रभाव।
- उ0प्र0 के जलवायु परिवर्तन एवं मौसम पूर्वानुमान से सम्बन्धित मुद्दे।
- उ0प्र० के सन्दर्भ में अधिवास पारिस्थितिकी तंत्र-संरचना एवं कार्य, समायोजन, जीव-जन्तु एवं वनस्पतियां।
- उ०प्र० में विज्ञान एवं तकनीक के मुद्दे, प्रसार एवं प्रयत्न।
- उ०प्र० में मत्स्य, अंगूर, रेशम, फूल, बागवानी एवं पौध उत्पादन तथा उ०प्र० के विकास में इनका प्रभाव।
- उ0प्र० के विकास में सार्वजनिक एवं निजी साझेदारी को प्रोत्साहित करना।
UPPSC Recruitment 2025 : Rwa Updates
UPPSC Exam 2025 की तैयारी करने वाले अभियार्थी रोजगार विद अंकित के यूट्यूब चैनल से जुड़ सकते हैं, जहां आपको भारत के टॉप मोस्ट टीचर्स के द्वारा UPPSC Exam 2025 की तैयारी के लिए गाइडेंस दी जाएगी। इसके अलावा यदि अभियार्थी अपनी तैयारी को और भी ज्यादा मजबूत करना चाहते हैं तो रोजगार विद अंकित के एप्लीकेशन पर UPPSC Exam 2025 के लिए स्पेशल बैच से जुड़ सकते हैं, जहां आपको अनुभवी शिक्षकों के ऑनलाइन क्लास दिए जाएंगे, जहां आपको हर एक टॉपिक को बड़ी खूबसूरती से एक्सप्लेन किया जाएगा। इसके साथ ही क्लास के पीडीएफ भी दी जाएगी। Special batch से जुड़कर आप अपनी तैयारी को सशक्त कर सकते हैं साथ ही इस बैच को तैयारी करने वाले बच्चों की सुविधा के लिए अफॉर्डेबल मूल्य में तैयार किया गया है।
UPPSC Recruitment 2025 : Admit Card
UPPSC द्वारा परीक्षा से एक सप्ताह पहले उम्मीदवारों की Admit card आयोग के आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी जाती है। निम्नलिखित चरणों का पालन करके Admit Card को डाउनलोड किया जा सकता है
- सबसे पहले UPPSC के आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
- इसके बाद Admit Card section पर Click करें
- जहां UPPSC 2025 Admit Card का Option नजर आएगा उस पर Click करें
- Admit Card रजिस्ट्रेशन नंबर या डेट ऑफ बर्थ और नाम डालकर डाउनलोड किया जा सकता है।
Admit Card से जुड़ी कोई भी latest update जानने के लिए आप हमारे इस प्लेटफार्म से निरंतर जुड़े रहे
UPPSC Recruitment 2025 : Result
परीक्षा लिए जाने के 1 से 2 माह के बाद रिजल्ट जारी कर दिए जाते हैं। रिजल्ट देखने के लिए UPPSC के आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करते रहना होगा। रिजल्ट डाउनलोड करने के लिए follow करें –
- सबसे पहले UPPSC के आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
- इसके बाद Result Section पर क्लिक करें
- जहां ‘UPPSC 2025 Result’ का Option नजर आएगा उस पर Click करें.
- उम्मीदवार अपना रोल नंबर डालकर रिजल्ट को डाउनलोड कर सकेंगे।
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