DSSSB TGT PART-1 (09 June 2024)

Question 1:

इनमें से एक शब्द 'मछली' का पर्यायवाची नहीं है : 

  • शफरी 

  • मत्स्य

  • जलोदरी 

  • मीन

Question 2:

'पर्वत की तलहटी' को क्या कहते है ?

  • द्रोण 

  • घाटी 

  • उपत्यका 

  • बेसिन 

Question 3:

नवोन्मेष का सही संधि-विच्छेद कौन-सा है? 

 

 

  • नवो+नमेष 

  • नव+उन्मेष 

  • नवो+उन्मेष 

  • नवा+उन्मेष 

Question 4:

पुरुषोत्तम में कौन सा समास है? 

  • अव्ययीभाव

  • द्विगु 

  • तत्पुरुष 

  • द्वन्द्व 

Question 5:

निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य है : 

  • यह रूमाल अच्छी है। 

  • कई हाथियां जा रही हैं। 

  • उसकी दही खट्टी है । 

  • उसका मकान बहुत अच्छा है। 

Question 6:

निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए । 

ईर्ष्या का काम जलाना है; मगर, सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है। आप भी ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जो ईर्ष्या और द्वेष की साकार मूर्ति हैं, जो बराबर इस फिक्र में लगे रहते हैं कि कहाँ सुनने वाले मिलें कि अपने दिल का गुबार निकालने का मौका मिले। श्रोता मिलते ही उनका ग्रामोफोन बजने लगता है और वे बड़े ही होशियारी के साथ एक-एक काण्ड इस ढंग से सुनाते हैं, मानों विश्व कल्याण को छोड़कर उनका और कोई ध्येय नहीं हो । मगर, जरा उनके अपने इतिहास को भी देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि जबसे उन्होंने इस सुकर्म का आरंभ किया है, तबसे वे अपने क्षेत्र में आगे बढ़े हैं या पीछे हटे हैं। यह भी कि अगर वे निंदा करने में समय और शक्ति का अपव्यय नहीं करते तो आज उनका स्थान कहाँ होता । 

ईर्ष्या का काम है: 

  • हँसाना 

  • नचाना

  • रूलाना 

  • जलाना

Question 7:

निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए ।
ईर्ष्या का काम जलाना है; मगर, सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है। आप भी ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जो ईर्ष्या और द्वेष की साकार मूर्ति हैं, जो बराबर इस फिक्र में लगे रहते हैं कि कहाँ सुनने वाले मिलें कि अपने दिल का गुबार निकालने का मौका मिले। श्रोता मिलते ही उनका ग्रामोफोन बजने लगता है और वे बड़े ही होशियारी के साथ एक-एक काण्ड इस ढंग से सुनाते हैं, मानों विश्व कल्याण को छोड़कर उनका और कोई ध्येय नहीं हो । मगर, जरा उनके अपने इतिहास को भी देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि जबसे उन्होंने इस सुकर्म का आरंभ किया है, तबसे वे अपने क्षेत्र में आगे बढ़े हैं या पीछे हटे हैं। यह भी कि अगर वे निंदा करने में समय और शक्ति का अपव्यय नहीं करते तो आज उनका स्थान कहाँ होता ।

गद्यांश में प्रयुक्त 'ध्येय' का क्या अर्थ है ? 

  • इच्छा 

  • आदर्श  

  • लक्ष्य 

  • मूल्य 

Question 8:

निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए ।
ईर्ष्या का काम जलाना है; मगर, सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है। आप भी ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जो ईर्ष्या और द्वेष की साकार मूर्ति हैं, जो बराबर इस फिक्र में लगे रहते हैं कि कहाँ सुनने वाले मिलें कि अपने दिल का गुबार निकालने का मौका मिले। श्रोता मिलते ही उनका ग्रामोफोन बजने लगता है और वे बड़े ही होशियारी के साथ एक-एक काण्ड इस ढंग से सुनाते हैं, मानों विश्व कल्याण को छोड़कर उनका और कोई ध्येय नहीं हो । मगर, जरा उनके अपने इतिहास को भी देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि जबसे उन्होंने इस सुकर्म का आरंभ किया है, तबसे वे अपने क्षेत्र में आगे बढ़े हैं या पीछे हटे हैं। यह भी कि अगर वे निंदा करने में समय और शक्ति का अपव्यय नहीं करते तो आज उनका स्थान कहाँ होता ।

गद्यांश में ईर्ष्यालु व्यक्तियों कीः 

  • स्तुति की गई हैं 

  • प्रशंसा की गई है। 

  • उपासना की गई है। 

  • खिल्ली उड़ाई गई है 

Question 9:

निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए ।
ईर्ष्या का काम जलाना है; मगर, सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है। आप भी ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जो ईर्ष्या और द्वेष की साकार मूर्ति हैं, जो बराबर इस फिक्र में लगे रहते हैं कि कहाँ सुनने वाले मिलें कि अपने दिल का गुबार निकालने का मौका मिले। श्रोता मिलते ही उनका ग्रामोफोन बजने लगता है और वे बड़े ही होशियारी के साथ एक-एक काण्ड इस ढंग से सुनाते हैं, मानों विश्व कल्याण को छोड़कर उनका और कोई ध्येय नहीं हो । मगर, जरा उनके अपने इतिहास को भी देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि जबसे उन्होंने इस सुकर्म का आरंभ किया है, तबसे वे अपने क्षेत्र में आगे बढ़े हैं या पीछे हटे हैं। यह भी कि अगर वे निंदा करने में समय और शक्ति का अपव्यय नहीं करते तो आज उनका स्थान कहाँ होता ।

अपव्यय' का क्या अर्थ होता है?

  • फिजूल खर्च 

  • खर्च 

  • अधिक खर्च 

  • कम खर्च 

Question 10:

निर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दिजिए ।
ईर्ष्या का काम जलाना है; मगर, सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है। आप भी ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जो ईर्ष्या और द्वेष की साकार मूर्ति हैं, जो बराबर इस फिक्र में लगे रहते हैं कि कहाँ सुनने वाले मिलें कि अपने दिल का गुबार निकालने का मौका मिले। श्रोता मिलते ही उनका ग्रामोफोन बजने लगता है और वे बड़े ही होशियारी के साथ एक-एक काण्ड इस ढंग से सुनाते हैं, मानों विश्व कल्याण को छोड़कर उनका और कोई ध्येय नहीं हो । मगर, जरा उनके अपने इतिहास को भी देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि जबसे उन्होंने इस सुकर्म का आरंभ किया है, तबसे वे अपने क्षेत्र में आगे बढ़े हैं या पीछे हटे हैं। यह भी कि अगर वे निंदा करने में समय और शक्ति का अपव्यय नहीं करते तो आज उनका स्थान कहाँ होता ।

गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा ? 

  • निंदा 

  • ईर्ष्या से लाभ 

  • ईर्ष्या 

  • अपव्यय 

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