इंटरपोल (Interpol) ने भारत सरकार के अनुरोध पर पहली बार 'सिल्वर नोटिस (Silver Notice)' जारी किया है, जिसका उद्देश्य आर्थिक अपराधियों की अवैध संपत्तियों (illegal assets of economic offenders) का वैश्विक स्तर पर पता लगाना है|
दो सिल्वर नोटिस जारी किए हैं-
पहला अनुरोध 23 मई को दिल्ली में फ्रांसीसी दूतावास (French Embassy) में कार्मिक वीजा और स्थानीय कानून अधिकारी (Personnel Visa and Local Law Officer) शुभम शोकीन के खिलाफ जारी किया गया, जो वीज़ा धोखाधड़ी के मामले में वांछित हैं|
CBI के अनुसार उन्होनें सितंबर 2019 से मई 2022 तक अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची और प्रत्येक आवेदक से 15 लाख रुपये से लेकर 45 लाख रुपये तक की अवैध रिश्वत लेकर शेंगेन वीजा (Schengen visas) जारी करने में मदद की|
दूसरा 26 मई को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा वांछित अमित मदनलाल लखनपाल के खिलाफ किया गया था. उन्होनें कथित तौर पर अपने वित्तीय लाभ के लिए MTC नाम की एक क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बनाई, जिसे भारत में मान्यता प्राप्त नहीं है. निवेशकों से लगभग 113.10 करोड़ रुपये की धनराशि एकत्र की|
सिल्वर नोटिस इंटरपोल द्वारा जनवरी 2025 में शुरू किया गया एक नया रंग-कोडित नोटिस है, जो अवैध संपत्तियों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए उपयोग किया जाता है| भारत इस पायलट परियोजना में भाग लेने वाले 52 देशों में से एक है| पहला सिल्वर नोटिस इटली (Italy) के अनुरोध पर जारी किया गया था| पायलट चरण के हिस्से के रूप में, प्रत्येक देश नौ सिल्वर नोटिस प्रकाशित करवा सकता है| इंटरपोल नौ तरह के रंग-कोडित नोटिस जारी करता है, जिनमें से प्रत्येक का उद्देश्य दुनिया भर के सदस्य देशों से विशिष्ट जानकारी प्राप्त करना है. जैसे की लाल रंग किसी भगोड़े को हिरासत में लेने के लिए, नीला रंग अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए, काला रंग अज्ञात शवों के लिए और पीला रंग लापता व्यक्तियों के लिए होता है|