भारत ने पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक के 46वें सत्र (46th session of the World Heritage Committee) की मेजबानी की। नई दिल्ली के भारत मंडपम (Bharat Mandapam, New Delhi) में आयोजित यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम 1977 में आरंभ हुए विश्व धरोहर सम्मेलन के साथ भारत की दीर्घकालिक सहभागिता की दिशा में एक उपलब्धि साबित हुआ है। विश्व धरोहर सम्मेलन के 46वें सत्र में 24 नए विश्व धरोहर स्थलों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें 19 सांस्कृतिक(cultural), 4 प्राकृतिक(Natural),और 1 मिश्रित (miscellaneous) संपत्ति शामिल हैं। असम का मोईदाम्स (Moidams of Assam) भारत का 43वां विश्व धरोहर स्थल बन गया, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह असम का पहला ऐसा सांस्कृतिक स्थल है जिसे यह मान्यता मिली है। चराईदेव जिले में स्थित, मोईदाम्स अहोम राजवंश के दफनाने वाले पवित्र टीले हैं, जो छह शताब्दियों के सांस्कृतिक और स्थापत्य विकास को दर्शाते हैं।