बेंगलुरु ने भारत की 'तेंदुए की राजधानी (India's 'leopard capital')' का खिताब हासिल किया है, जिसने एक प्रमुख शहरी केंद्र (urban centre) के पास सबसे अधिक संख्या में स्वतंत्र रूप से घूमने वाले तेंदुओं की मेजबानी करते हुए मुंबई को पीछे छोड़ दिया है| होलेमट्टी नेचर फाउंडेशन (Holematti Nature Foundation (HNF)) द्वारा संरक्षण जीवविज्ञानी डॉ. संजय गुब्बी के नेतृत्व में एक साल 2024-2025 तक चलाए गए कैमरा-ट्रैप सर्वेक्षण (camera-trap survey conducted) से पता चला है कि बेंगलुरु के आसपास के जंगलों और झाड़ियों में अनुमानित 80-85 जंगली तेंदुए हैं| टीम ने 282 वर्ग किलोमीटर के मिश्रित आवास में 250 से अधिक कैमरा ट्रैप लगाए - तुराहल्ली, तुराहल्ली गुड्डा, बी.एम. कवल, यू.एम. कवल, रोरिक एस्टेट, गोल्लाहल्ली गुड्डा, सुलिकेरे, हेसरघट्टा, मारसंद्रा, मंडुरु और आसपास की सरकारी और निजी भूमि - साथ ही पूरे बीएनपी में|सर्वेक्षण में बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान (Bannerghatta National Park (BNP) के अंदर 54 तेंदुए देखे गए| लगभग 30 महानगरीय परिधि (metropolitan periphery) में फैले आरक्षित, माने जाने वाले और निजी जंगलों में घूमते हुए देखे गए| तेंदुओं के अलावा, 34 स्तनपायी प्रजातियों (mammal species) की तस्वीरें खींची गईं, जिनमें से चार लुप्तप्राय (endangered) और चार आईयूसीएन रेड लिस्ट में खतरे के करीब (near threatened on the IUCN Red List) हैं| मुंबई में लगभग 54 तेंदुओं की आबादी है|