हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women (NCW)) ने राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट और महिला सुरक्षा सूचकांक (नारी) 2025 (National Annual Report and Women Safety Index (NARI) 2025) जारी किया है| जिसमें 31 शहरों की 12,770 महिलाओं का सर्वेक्षण किया गया और राष्ट्रीय सुरक्षा स्कोर (national safety score) 65% रहा| लगभग 60% महिलाओं ने सुरक्षित महसूस करने की बात कही, जबकि 40% ने स्वीकार किया कि वे "कम सुरक्षित" या पूरी तरह असुरक्षित महसूस करती हैं| उत्पीड़न की 3 में से केवल 1 पीड़िता ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, केवल 22% ही औपचारिक रूप से दर्ज की जाती हैं, और उनमें से केवल 16% मामलों में ही कार्रवाई की जाती है|उत्पीड़न के 38% मामले आस-पड़ोस में और 29% सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में होते हैं| 53% महिलाओं को यह स्पष्ट नहीं है कि उनके कार्यस्थल पर POSH (यौन उत्पीड़न निवारण) नीति (POSH (Prevention of Sexual Harassment) Policy) है या नहीं, जो कानूनन अनिवार्य है| भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष सबसे सुरक्षित शहर: कोहिमा (नागालैंड) , विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) , भुवनेश्वर (ओडिशा) , आइज़ोल (मिज़ोरम) , गंगटोक (सिक्किम) , ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) और मुंबई (महाराष्ट्र) हैं | महिलाओं के लिए सबसे कम सुरक्षित शहर: रांची , श्रीनगर, कोलकाता , दिल्ली , फरीदाबाद , पटना , जयपुर हैं |