बिठूर उत्तर प्रदेश में कानपुर से 24 किमी. दूर गंगा के किनारे पर बसा है। इसे प्राचीनकाल में ब्रह्मवर्त तीर्थ कहा जाता था। रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का आश्रम यहीं पर स्थित है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई कुछ काल तक यहीं रही। कार्तिक मास में यहाँ पर एक मेला लगता है। कालपी (जालौन) में ही व्यास व नरसिंह टीले हैं। ऐसी मान्यता है कि व्यास टीले के स्थान पर ऋषि व्यास का आश्रम था तथा नरसिंह टीले के स्थान पर राजा हिरण्यकश्यप का महल था, जहाँ प्रहलाद की रक्षा करने हेतु भगवान नरसिंह प्रकट हुए थे । श्रावस्ती - जैनियों के कुछ आश्रम हैं। भगवान बुद्ध भी इस स्थान पर कुछ समय तक रहे थे।