UP Police Previous Year 8(सामान्य हिंदी)
निम्नलिखित में से कौन-से शब्द में ‘ऋ’ की मात्रा का उपयोग हुआ है?
उपर्युक्त विकल्पों में से ‘वृष्टि’ शब्द में ‘ऋ’ की मात्रा का उपयोग हुआ है। व्यंजन के निचले भाग में प्रयुक्त ‘ऋ’, ह्रस्व स्वर है।
‘श’ का उच्चारण स्थान है –
‘श’ का उच्चारण स्थान है—तालु/इ, ई, च वर्ग और श इत्यादि तालु और जीभ के संयुक्त प्रयास से बोले जाने वाले वर्ण हैं।
कौन-से शब्द में ‘ र’ व्यंजन नहीं है?
उपर्युक्त विकल्पों में से ‘मातृभूमि’ को छोड़कर शेष सभी में ‘र’ व्यंजन का प्रयोग हुआ है। ‘मातृभूमि’ में ‘ऋ’ का प्रयोग हुआ है
‘संज्ञा’ का भेद नहीं होता
सामान्यतः संज्ञा के पाँच भेद माने जाते हैं-
(1) व्यक्तिवाचक
(2) जातिवाचक
(3) भाववाचक
(4) समूहवाचक
(5) द्रव्यवाचक
यद्यपि हिन्दी भाषा के विद्वानों का संज्ञा के भेदों के संबंध में अलग-अलग मत है।
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द पुल्लिंग है?
प्रस्तुत विकल्पों में से ‘वचन’ के अतिरिक्त शेष सभी स्त्रीलिंग हैं। पुल्लिग शब्द वे शब्द हैं, जिनसे ‘पुरुष’ जाति का बोध होता है।
सदा ही बहुवचन में प्रयुक्त होने वाला शब्द है-
दर्शन, प्राण, हस्ताक्षर इत्यादि शब्द सदैव बहुवचन रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
‘हरि मोहन अपनी बहन को पुस्तक देता है’ वाक्य में रेखांकित पद में कारक है-
दिए गए वाक्य में रेखांकित वाक्यांश ‘बहन’ को पुस्तक देता है में सम्प्रदान कारक है। सम्प्रदान
कारक के अन्तर्गत कर्त्ता द्वारा किसी संज्ञा के लिए कोई कार्य किया जाता है, उसे कुछ दिया जाता है।
क्या आप घर भी जाएँगे? वाक्य में रेखांकित पद है
जो सर्वनाम उसके लिए प्रयुक्त होते हैं, जिससे बात की जाए, वे ‘मध्यम पुरुष सर्वनाम’ कहलाते हैं। जैसे—आप, तुम, तू।
वह बहुत धार्मिक व्यक्ति है, वाक्य में रेखांकित पद है-
‘धर्म’ शब्द में प्रत्यय लगाकर ‘धार्मिक’ विशेषण बनाया जाता है। विशेषण वे शब्द हैं, जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं।
निम्नलिखित में से ‘तद्भव’ शब्द छाँटिए
तद्भव शब्द ‘कपूर’ का तत्सम है- ‘कर्पूर’। अन्य तत्सम-तद्भव युग्म इस प्रकार हैं-मयूर-मोर, पक्ष-पंख।