UP Police Previous Year 7(हिंदी)
निम्न में से कौन-सा शब्द स्त्रीलिंग है?
रचना के अतिरिक्त, शेष सभी पुल्लिंग हैं।
निम्न में से कौन-सा शब्द पुल्लिंग है?
राष्ट्र को छोड़कर शेष सभी स्त्रीलिंग हैं।
किस शब्द का प्रयोग सदा बहुवचन में होता है?
लड़का, घोड़ा एवं वधू का बहुवचन क्रमश: लड़के, घोड़े, एवं बधुएँ हैं। जबकि ‘प्राण’ शब्द सदैव बहुवचन के रूप में प्रयुक्त होता है।
‘ने’ किस कारक का चिह्न है?
क्रिया को सम्पादित करने वाला कारक, कर्ता कहलाता है। कर्ता कारक का विभक्ति चिह्न ‘ने’ होता है। कर्म-को, करण-से एवं द्वारा तथा सम्प्रदान-को, के लिए, हेतु विभक्ति चिह्न से संबंधित हैं।
निम्नलिखित में सर्वनाम है-
निजवाचक सर्वनाम ‘आप’ स्वयं में कर्ता नहीं है परन्तु कर्ता के विषय में वर्णन करता है।
निम्नलिखित में विशेषण है-
संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। विशेषण के मुख्य रूप से चार भेद हैं-गुणवाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक और संख्यावाचक। ‘शांत’ शब्द गुणवाचक विशेषण है।
प्रेरणार्थक क्रिया है-
जब कर्ता के द्वारा कार्य न किया जाए बल्कि वह किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, तो ऐसी क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। मूल धातु के अन्त में ‘ना’ जोड़ने से पहली प्रेरणार्थक तथा ‘वाना’ जोड़ने से दुसरी प्रेरणार्थक क्रिया बनती है। उदाहरण के लिए सुनना (मूल धातु) में प्रथम प्रेरणार्थ क्रिया का रूप ‘सुनाना’ तथा द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया ‘सुनवाना’ बनेगी।
लड़के ने पुस्तक पढ़ी है। वाक्य का काल है-
दिए गए वाक्य का संबंध ‘पूर्ण वर्तमान काल’ से है जब वाक्य में मुख्य क्रिया के होने या करने की पूर्णता का बोध होता है तब उसे ‘पूर्ण वर्तमान काल’ कहते हैं।
‘बीजक’ किसकी रचनाओं का संग्रह है?
‘बीजक’ कबीर द्वारा रचित रचनाओं का संग्रह है। सूरदास ने सूरसागर तथा साहित्य लहरी की रचना की है। तुलसीदास, रामचरित मानस, दोहावली, गीतावली इत्यादि के रचनाकार हैं। जायसी ने पद्मावत की रचना की है।
‘अंधेर-नगरी’ नाटक के रचयिता हैं-
‘अंधेर-नगरी’ नाटक के रचयिता हैं-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र। इनके अन्य नाटक हैं-भारत-दुर्दशा, भारत जननी, वैदिक हिंसा हिंसा न भवति, कर्पूर-मंजरी आदि।
‘कामायनी’ के रचनाकार हैं-
कामायनी के रचनाकार—जयशंकर प्रसाद की अन्य रचनाएँ हैं-ध्रुवस्वामिनी, कंकाल, तितली, चन्द्रगुप्त, स्कंदगुप्त, तन मिलन इत्यादि।
‘गोदान’ किसका उपन्यास है?
‘गोदान’ के उपन्यासकार हैं-मुंशी प्रेमचन्द। मुंशी जी के अन्य उपन्यास हैं-गबन, निर्मला, रंगभूमि, सेवा-सदन, कर्मभूमि इतयादि।