Up Police Previous Year 12 (सामान्य हिन्दी)

(!) कोष्ठक में दिए गए विराम चिह्न का नाम है-

  • विस्मयबोधक
  • पूर्ण विराम
  • अल्प विराम
  • प्रश्नवाचक
हिन्दी में विराम चिन्हों का विशिष्ट स्थान है जिनके प्रयोग से भाषा में स्पष्टता तथा भावों का बोध होता है। जैसे- (!) विस्मयबोधक-हर्ष, विवाद, घृणा (?) प्रश्नवाचक-प्रश्न, संशय, अस्पष्टता

बाल की खाल निकालना-मुहावरे का अर्थ है-

  • बहुत मीनमेख निकालना।
  • मुश्किल काम करना।
  • गुण-दोष की परख करना।
  • बढ़ा-चढ़ा कर बात कहना।
मुहावरों को माध्यम से भाव से लपबद्धता तथा आकर्षण का भाव उत्पन्न किया जाता है। जैसे- बाल की खाल निकालना-बहुत मीन मेख निकलना। अगार उगलना-क्रोध से भला-बुरा कहना। अँगूठा दिखाना-समय पर इनकार कर देना। अँधेरे घर का उजाला-इकलौता बेटा।

‘चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात’-लोकोक्ति का अर्थ है-

  • थोड़े दिन का सुख
  • चार दिन चाँद दिखना
  • सुख ही सुख होना
  • चाँद ना दिखाई देना
थोड़े दिन का सुख

साहित्य में रस का अर्थ होता है?

  • साहित्य से मिलने वाली आनन्दानुभूति
  • किसी फल का स्वाद
  • किसी रस का आनन्द
  • साहित्य की मिठास
श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनंद प्राप्त होता है, वही काव्य में साहित्य रस कहलाता है। रस के जिस भाव से यह अनुभूति होती है कि वह रस है उसे स्थायी भाव होता है।

दोहा छन्द में कितने चरण होते हैं?

  • चार
  • तीन
  • छ:
  • दो
जिस शब्द-योजना में वर्णों या मात्राओं और यति-गति का विशेष नियम हो उसे छन्द कहते हैं। दोहा अर्द्धस्म मात्रिक छन्द है। इसके चार चरण होते है। इसके प्रथम व तृतीय चरण में 13-13 मात्राए व द्वितीय तथा चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राए होती है।

भाषा शब्द में शब्द और अर्थ की दृष्टि से सौन्दर्य उत्पन्न करता है-

  • अलंकार
  • छन्द
  • गुण
  • रस
अलंकार का शाब्दिक अर्थ-‘आभूषण’ होता है। जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। भारतीय साहित्य में अनुप्रास,उपमा, रूपक, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति आदि प्रमुख अलंकार है।

य, र, ल, व किस प्रकार के व्यंजन हैं?

  • अन्तःस्थ
  • अयोगवाह
  • स्पर्श
  • ऊष्म
अन्तःस्थ व्यंजन अंतःकरण को उच्चारित होने वाले व्यंजनों को कहा जाता है। जैसे-य, व, र, ल ऊष्म व्यंजन में उच्चारण के समय गर्म वायु निकलती हैं श, ष, स, ह (4) ऊष्म व्यंजन है। ऐसे वर्ण जिनमें स्वर एवं व्यंजन दोनों के गुण पाये जाते है अयोगवाह कहलाते है। जैसे-अं, अ:।

निम्नलिखित में से कौन-सा स्त्रीलिंग है?

  • कृपा
  • त्योहार
  • कार्य
  • मित्र
जिस संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते है। जैसे-हंसिनी लकड़ी, झोपड़ी आदि।

वचन किसका बोध कराता है?

  • प्राणी या वस्तु के एक या अनेक होने का
  • प्राणी या वस्तु के एक होने का
  • प्राणी या वस्तु के लिंग का
  • प्राणी या वस्तु के अनेक होने का
संज्ञा , सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है। अर्थात् जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु के एक या एक से अधिक होने का पता चलता है, उसे वचन कहते है।

‘उसने टेढ़ी चाल चली’-वाक्य में कौन-सा कारक है?

  • कर्ता कारक
  • अधिकरण कारक
  • सम्बन्ध कारक
  • कर्म कारक
वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसका क्रिया के साथ प्रत्यक्ष संबंध स्थापित होता है उसे कारक कहते हैं। कारक के मुख्यतः आठ भेद होते हैं-कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, आपादान, संबंध, अधिकरण, संबोधन कारक। उपर्युक्त वाक्य में कर्ता कारक का प्रयोग हुआ है जिस विभक्ति चिन्ह ‘ने’ होता है।
✅ BPSC 70वीं RE EXAM DATE. Indian Navy Civilian Recruitment INCET 01/2024 Answer Key Notice Assistant Engineer ke 604 Posts Par Aj Se Kar Sakte h Apply.