रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव के उद्घाटन के दौरान 'प्रोजेक्ट यूडीबीएचएवी' लॉन्च किया।
इस अवसर पर थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसजे सिंह, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू, भारत सरकार के एकीकृत सेवा संस्थान (यूएसआई) के महानिदेशक मेजर जनरल बीके शर्मा (सेवानिवृत्त) और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 'उद्भव', जिसका अर्थ 'उत्पत्ति' है, हमारे राष्ट्र के पुराने धर्मग्रंथों और लेखों को स्वीकार करता है, जो सदियों पुराने हैं और इनमें गहन ज्ञान शामिल है, जो आधुनिक सैन्य रणनीतियों को लाभ पहुंचा सकता है।
इस परियोजना का उद्देश्य आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक अद्वितीय और समग्र दृष्टिकोण तैयार करते हुए समकालीन सैन्य प्रथाओं के साथ प्राचीन ज्ञान का इस्तेमाल करना है।
यह भारतीय सेना की एक दूरदर्शी पहल है जो सदियों पुराने ज्ञान को समकालीन सैन्य शिक्षाशास्त्र के साथ एकीकृत करना चाहती है।
प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली 5000 साल पुरानी सभ्यतागत विरासत का हिस्सा है, जिसने ज्ञान को बहुत महत्व दिया है।
यह बौद्धिक ग्रंथों के आश्चर्यजनक रूप से विशाल संग्रह, ज्ञान के कई क्षेत्रों में पांडुलिपियों, विचारकों और मतों के दुनिया के सबसे बड़े संग्रह का गवाह है।
प्रोजेक्ट यूडीबीएचएवी हमारी ज्ञान प्रणालियों और दर्शन की गहन समझ की सुविधा प्रदान करेगा और आधुनिक समय में उनके स्थायी जुड़ाव, प्रासंगिकता और प्रयोज्यता को समझने का भी लक्ष्य रखेगा
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