संसद के मानसून सत्र की शुरुआत में, लोकसभा (Lok Sabha) के 145 और राज्यसभा (Rajya Sabha) के 63 सदस्यों ने दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा, जो वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कार्यरत हैं, को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव (impeachment motions) पेश किए हैं| न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 (Articles 124, 217 and 218 of the Constitution) के तहत की गई| सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा गठित एक पैनल ने 14 मार्च को उनके आधिकारिक आवास पर आग लगने के दौरान नोटों की गड्डियाँ पाए जाने के आरोपों को विश्वसनीय पाया| न्यायाधीश (जांच अधिनियम, 1968 Judges (Inquiry Act, 1968)) के तहत, किसी न्यायाधीश को बर्खास्त करने के प्रस्ताव पर लोकसभा के कम से कम 100 सांसदों और राज्यसभा के कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर आवश्यक हैं| इसके बाद सदन के अध्यक्ष या सभापति (Speaker or Chairman of the House) को प्रस्ताव को स्वीकृत या अस्वीकृत करने का अधिकार होता है|