चूंकि ये सभी केंद्रीय उप-योजनाएं हैं, इसलिए इन योजनाओं के लिए राज्यवार आंकड़े नहीं रखे जाते हैं।
श्रेयस के तहत उप-योजनाओं का पिछले 9 वर्षों यानी 2014-15 से अब तक के आवंटन, व्यय और लाभार्थियों की संख्या आदि का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:एससी एवं ओबीसी छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग योजना: इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए अच्छी गुणवत्ता की कोचिंग सुविधा प्रदान करना है ताकि वे सार्वजनिक/ निजी क्षेत्र में उचित रोजगार हासिल करने अथवा प्रतिष्ठित तकनीकी एवं व्यावसायिक उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए प्रतियोगिता एवं प्रवेश परीक्षाओं में शामिल हो सकें। एससी छात्रों के लिए टॉप क्लास शिक्षा: इस योजना का उद्देश्य पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस योजना के लाभार्थियों में 12वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति के छात्र होंगे। एससी के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना: इस योजना के तहत अनुसूचित जाति (115 स्लॉट), गैर-अधिसूचित, घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू जनजातियां (6 स्लॉट), भूमिहीन खेतिहर मजदूर एवं पारंपरिक कारीगर (4 स्लॉट) से चयनित छात्रों को विदेश में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी स्तर की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
एससी छात्रों के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप: इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/ संस्थानों/ कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान में एम. फिल/ पीएचडी डिग्री की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फेलोशिप प्रदान की जाती है।