रेलवे सुरक्षा बल यानी RPF (Railway Protection Force) ने 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' ('Operation Nanhe Farishte') के तहत पिछले 7 सालों में स्टेशनों और ट्रेनों में खतरे में पड़े या खतरे में पड़ने से 84,119 बच्चों को बचाया है। बचाए गए अधिकांश बच्चे विभिन्न कारणों से अपने घरों से भागे हुए थे। इनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। यह आंकड़ा साल 2018 से मई 2024 तक का है। रेलवे स्टेशन परिसर के भीतर खतरे में पड़े या खतरे में पड़ने वाले बच्चों की देखभाल के लिए RPF ने 2018 में ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते शुरूआत की थी। यह उन बच्चों को बचाने पर फोकस्ड है, जो घर से भागे हैं, परिवारों द्वारा छोड़ दिए गए हैं, गरीब हैं, विकलांग हैं या अपहरण के शिकार हैं। RPF इन बच्चों को छुड़ाकर जिला बाल कल्याण समिति को सौंपती है। फिर जिला बाल कल्याण समिति इन बच्चों के माता-पिता को ढूंढती है और बच्चे को उन्हें सौंप देती है। पिछले 7 सालों में बचाए गए बच्चों की सबसे ज्यादा संख्या 2022 में थी, जब 17,756 बच्चों को बचाया गया था।