- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसे स्पेन के प्रधानमंत्री के रूप में फिर से चुने जाने पर बधाई दी? पेड्रो सांचेज
- अमरीका और चीन के बीच सैन्य-से-सैन्य संचार को फिर से शुरू करने का निर्णय किस बारे में है? तनाव कम करने के प्रयास
- हाल ही में, मॉलदीव के आठवें राष्ट्रपति के रूप में किसने शपथ ली है? डॉक्टर मोहम्मद मुइजु
- पॉपुलर वीडियो कॉलिंग वेबसाइट, Omegle ने कितने साल बाद अपनी सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है? 14 साल बाद
- कौन सी सुविधा नमो भारत ट्रेनों में यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू की गई है? वन-टैप टिकटिंग
- विदेश मंत्रालय ने गुयाना में किसे अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है?अमित शिवकुमार तेलंग
- निम्नलिखित में से कौन ऊर्जा क्षेत्र में मीथेन उत्सर्जन में कटौती करने पर सहमत हुआ? यूरोपीय संघ
- हाल ही में किस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने ‘सी-बकथॉर्न’ के लिए जीआई टैग हासिल किया है? लद्दाख
- बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और आसपास के क्षेत्र में आये चक्रवाती तूफान ‘मिढ़िली’ को किस देश के द्वरा नाम दिया गया है? मालदीव
- NISAR मिशन, नासा और किस के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है? ISRO
20 November Current Affairs Rojgar with Ankit
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एरोस्पेस और विमानन विषय पर वर्ष 2047 में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में वर्ष 2047 में एरोस्पेस और विमानन विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि एरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया वैमानिकी उत्कृष्टता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
उद्घाटन सत्र में भारत में एयरोस्पेस और विमानन यात्रा के 75 वर्षों पर एक सार-संग्रह के साथ-साथ विज़न दस्तावेज़ 2047 का विमोचन भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में पिछले 75 वर्षों में इस क्षेत्र में भारत की प्रगति यात्रा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
जिसमें उपलब्धियों, तकनीकी प्रगति और दूरदर्शी लोगों की भूमिका का प्रदर्शन होगा। इसमें गणमान्य व्यक्तियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप और छात्रों सहित करीब डेढ हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे।
75 से अधिक स्टार्ट-अप सहित लगभग 200 उद्योग और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम प्रदर्शनी में स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने वायस ऑफ़ ग्लोबल साउथ समिट आयोजन का नेतृत्त्व किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वॉयस ऑफ़ ग्लोबल साउथ 21वीं सदी में बदलते विश्व का प्रतिनिधित्व करने वाला अनोखा मंच है।
वॉयस ऑफ़ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के आरंभिक सत्र में वर्चुअल माध्यम से श्री मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ यानी दक्षिणी गोलार्ध के सभी राष्ट्रों के समन्वित प्रयासों के कारण इस क्षेत्र की आवाज को सही महत्व मिला है।
उन्होंने कहा कि दक्षिणी गोलार्ध की 100 से अधिक देशों की प्राथिमकताएं एकसमान हैं।
प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से दक्षिणी गोलार्ध उत्कृष्टता केन्द्र- दक्षिण का भी उद्घाटन किया।
विकास और ज्ञान साझा करने की पहल- दक्षिण केन्द्र दक्षिणी गोलार्ध के समक्ष विकासात्मक चुनौतियों पर अनुसंधान करेगा और इन चुनौतियों के व्यावहारिक समाधान तलाशेगा।
भारत ने वर्चुअल प्रारूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है। ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित देशों के रूप में जाना जाता है।
ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं। इनमें से कई देश 1960 और 1970 के दशक तक पश्चिमी यूरोपीय औपनिवेशिक का हिस्सा रह चुके हैं।
ग्लोबल साउथ दुनिया की 85 फीसदी से अधिक आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 40 फीसदी का प्रतिनिधित्व
करता है
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पेड्रो सांचेज स्पेन के प्रधानमंत्री के रूप में फिर से चुने जाने पर बधाई
स्पेन के कार्यवाहक प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज गुरुवार को संसदीय मतदान में बहुमत से दोबारा प्रधानमंत्री चुन लिए गए।
इसके साथ ही उनके लिए नई वामपंथी गठबंधन सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
समाजवादी सांचेज को संसद के 350 सीट वाले निचले सदन में 179 सांसदों का समर्थन प्राप्त है
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अमरीका और चीन के बीच सैन्य-से-सैन्य संचार को फिर से शुरू करने का निर्णय तनाव कम करने के प्रयास है
अमरीका और चीन बढ़ते तनाव को कम करने के प्रयास में सैन्य-से-सैन्य संचार फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कैलिफोर्निया में चीन के राष्ट्रपति षी जिनपिंग से मुलाकात के बाद यह घोषणा की ।
श्री बाइडेन ने यह भी कहा कि दोनों नेता एक दूसरे के साथ सीधा संचार स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
पिछले साल तत्कालीन अमरीकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य-से-सैन्य संचार बंद कर दिया गयाथा।
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मॉलदीव के आठवें राष्ट्रपति के रूप में डॉक्टर मोहम्मद मुइजु शपथ ली है
डॉक्टर मोहम्मद मुइजु ने माले में आयोजित कार्यक्रम में मॉलदीव के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
उप-राष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ ने भी अपने पद की शपथ ली।
मॉलदीव के मुख्य न्यायाधीश अहमद मुथासिम अदनान ने दोनों को शपथ दिलाई।
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OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने इस्तीफा दे दिया है, उनकी जगह मीरा मुराती नए अंतरिम CEO बनेंगे
चैटजीपीटी को बनाने वाली कंपनी OpenAI ने को-फाउंडर और CEO सैम ऑल्टमैन को पद से हटा दिया है।
OpenAI ने इसकी जानकारी दी। ऑल्टमैन के बाहर निकलने के साथ, चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) मीरा मुराती अंतरिम CEO की भूमिका निभाएंगी। कंपनी परमानेंट CEO की सर्च भी जारी रखेगी।
इसके अलावा, ओपनएआई के प्रेसिडेंट ग्रेग ब्रॉकमैन बोर्ड के चेयरमैन के रूप में पद छोड़ देंगे।
सैन फ्रांसिस्को बेस्ड ओपनएआई एक प्राइवेट रिसर्च लैब है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेवलप करती है।
इसकी स्थापना 2015 में ऑल्टमैन, एलन मस्क (जो अब ओपनएआई के बोर्ड में नहीं हैं) और अन्य लोगों ने एक नॉन-प्रॉफिट आर्गनाइजेशन के रूप मेंकी थी।
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संस्कृति मंत्रालय भारत कला, वास्तुकला और डिजाइन बीएनेल कार्यक्रम का आयोजन लाल किले में कर रहा
संस्कृति मंत्रालय लाल किले पर भारत कला, वास्तुकला और डिजाइन बीएनेल 2023 का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्घाटन 8 दिसंबर 2023 को किया जाएगा।
इसका उद्देश्य कला और कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करना है।
उद्घाटन और वीआईपी पूर्वावलोकन के बाद, 9 दिसंबर से 15 दिसंबर तक पैनल चर्चा, कार्यशालाएं और कला बाजार के साथ प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी और यह जनता के लिए खुली रहेंगी।
अंतरराष्ट्रीय कलाकारों, वास्तुकारों और डिजाइनरों के मुख्य भाषण, सार्वजनिक कला प्रतिष्ठान, कला बाजार और सांस्कृतिक कार्यक्रम बीएनेल के प्रमुख आकर्षण हैं।
बीएनेल के अंतर्गत लगने वाले मंडप 31 मार्च 2024 तक प्रदर्शित रहेंगे।
इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो और फेस्टीवल ऑफ लाइब्रेरीज जैसे पिछले कार्यक्रमों की सफलता के आधार पर, बीएनेल एक प्रमुख वैश्विक सांस्कृतिक कार्यक्रम सृजित करने का इच्छुक है, जिसकी तुलना वेनिस, साओ पाउलो और दुबई के कार्यक्रमों से होसके।
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आईएनएस सुमेधा ने अटलांटिक महासागर समुद्री क्षेत्र में गिनी समुद्री डकैती रोधी गश्ती का संचालन किया है
भारतीय नौसेना पोत सुमेधा एक विस्तारित तैनाती पर है और वर्तमान में अफ्रीका के पश्चिमी तट के साथ अटलांटिक महासागर में काम कर रहा है।
इस अवधि के दौरान, आईएनएस सुमेधा ने गिनी की खाड़ी (जीओजी) में 31 दिनों की समुद्री डकैती रोधी गश्त का संचालन किया।
इस महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र में भारतीय नौसेना की यह दूसरी गश्त है। सितंबर-अक्टूबर 2022 में भारतीय नौसेना पोत तरकश ने गिनी की खाड़ी में पहली समुद्री डकैती रोधी गश्त शुरू की थी।
यह क्षेत्र भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए एक महत्वपूर्ण है।
सुमेधा की तैनाती से सेनेगल, घाना, टोगो, नाइजीरिया, अंगोला और नामीबिया सहित क्षेत्रीय नौसेनाओं के साथ द्विपक्षीय संपर्क बनाना सुनिश्चित हुआ।
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'नेस्ट' क्या है और इसका एक पर्यावरण-अनुकूल रेटिंग और प्रमाणन पहल मुख्य उद्देश्य है
घरेलू आवास क्षेत्र में टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय उद्योग परिसंघ का एक हिस्सा, इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) ने ‘नेस्ट’ नामक एक नई रेटिंग और प्रमाणन पहल शुरू की है।
IGBC चेन्नई चैप्टर के अध्यक्ष अजीत कुमार चोरडिया ने वार्षिक सम्मेलन की घोषणा के दौरान पर्यावरण-अनुकूल रेटिंग और प्रमाणन पहल ‘नेस्ट’ का अनावरण किया।
यह सम्मेलन 23 से 25 नवंबर तक चेन्नई ट्रेड सेंटर, नंदमबक्कम में होने वाला है।
वार्षिक IGBC ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2023, जो एक दशक के बाद चेन्नई लौट रही है, शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के उद्देश्य से एक टिकाऊ भवन वातावरण बनाने में सहयोग करने के लिए निर्माण उद्योग में हितधारकों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी।
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गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड दुनिया का पहला शिप-टू-शिप एलएनजी ट्रांसफर पूरा किया
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने शिपिंग लागत को कम करने और उत्सर्जन में उल्लेखनीय कटौती करने के लिए दुनिया के पहले जहाज-से-जहाज तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) हस्तांतरण को सफलतापूर्वक निष्पादित किया है।
गेल ने अमरीका से एलएनजी लाने के लिए हाल ही में कैस्टिलो डि सैंटिस्टेबन जहाज से समझौता किया था।
इन जहाज ने जिब्राल्टर में ही एलएनजी को कतरगैस के अल गराफा जहाज पर ट्रांसफर कर दिया और वापस अमेरिका लौट गया.
वहां से अल गराफा एलएनजी को गुजरात के दाहेज पोर्ट पर लेकर आया। इस नए सिस्टम ने करीब 8736 नॉटिकल मील यात्रा और 7000 टन CO2 उत्सर्जन की बचत की।
साथ ही गैस भी भारत में 54 के बजाय सिर्फ 27 दिन में आ गई और गेल इंडिया को भी लगभग 1 मिलियन डॉलर की बचत हुई।
गेल ने कुछ महीनों पहले ही वाराणसी में गंगा नदी पर तैरता हुआ सीएनजी स्टेशन बनाया था।
यह स्टेशन सीएनजी से चलने वाली नावों में फ्यूल भर सकता है। इस नवीन प्रयोग के लिए कंपनी को ‘इनोवेशन अवॉर्ड- इंडिया एंड मिडस्ट्रीम प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर’ पुरस्कार दियागया था।
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