बच्चों और युवाओं में अंतरिक्ष और ब्रह्मांड के प्रति आकर्षण होता है। वे बहुत जिज्ञासु होते हैं और सभी खगोलीय प्रक्रियाओं के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं। युवा मन की इस प्रबल जिज्ञासा के संबोधन के लिए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) स्कूली बच्चों के लिए "यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम" "युवा विज्ञानी कार्यक्रम" (युविका) नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीन रुझानों में युवा छात्रों के लिए अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करना है।
इसरो ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा "युवाओं को जोड़ो" प्रतीक के साथ तैयार की गई है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए क्रमशः 111, 153 और 337 छात्रों की भागीदारी के साथ वर्ष 2019, वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में सफलतापूर्वक किया गया था। छात्रों को भौगोलिक स्थानों के आधार पर पांच बैचों में विभाजित किया गया और इन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), यूआर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी), अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एसएसी), राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी), उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एनईएसएसी), सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार और भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) में प्रशिक्षण दिया गया। इसरो ने युविका-2024 की घोषणा की है। युविका-2024 के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 20 फरवरी से 20 मार्च 2024 तक आयोजित की जाएगी।