विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आयुष मंत्रालय के अंतर्गत हैदराबाद में स्थित राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान (NIIMH) को पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान के लिए WHO सहयोगी केंद्र (CC) के रूप में नामित किया है। NIIMH आयुष की विभिन्न डिजिटल पहलों में अग्रणी रहा है। यह मान्यता चार साल की अवधि के लिए दी गई है, जिससे NIIMH ऐसा सम्मान पाने वाला तीसरा भारतीय संस्थान बन गया है। NIIMH ने अमर पोर्टल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो 16,000 आयुष पांडुलिपियों को सूचीबद्ध करता है, जिसमें 4,249 डिजिटाइज्ड पांडुलिपियाँ, 1,224 दुर्लभ पुस्तकें, 14,126 कैटलॉग और 4,114 पत्रिकाएँ शामिल हैं