प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में “विकासशील भारत विकास पूर्वोत्तर कार्यक्रम” में अरुणाचल प्रदेश की निचली दिबांग घाटी जिले में एनएचपीसी लिमिटेड की 2,880 मेगावाट की दिबांग बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में लगभग 55,600 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।इन विकास परियोजनाओं में अन्य के अलावा रेल, सड़क, स्वास्थ्य, आवास, शिक्षा, सीमा अवसंरचना, आईटी, बिजली, तेल एवं गैस जैसे क्षेत्र शामिल हैं।दिबांग परियोजना की लागत 31,875 करोड़ रुपये से ज्यादा है और यह देश का सबसे ऊंचा बांध होगा। यह विद्युत उत्पन्न करेगा, बाढ़ नियंत्रण में मदद करेगा और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर और सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। 2,880 मेगावाट की दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना अरुणाचल प्रदेश के निचली दिबांग घाटी जिले में मुनली गांव के समीप बनेगी। यह बांध 278 मीटर ऊंचा बांध है, जो भारत का सबसे ऊंचा कंक्रीट-ग्रेविटी बांध होगा। बांध का निर्माण रोलर कॉम्पैक्टेड कंक्रीट (आरसीसी) तकनीक से किया जाएगा और यह दुनिया का सबसे ऊंचा आरसीसी बांध होगा। दिबांग बांध का लक्ष्य एक महीने में 5 लाख क्यूबिक मीटर से ज्यादा कंक्रीट का शिखर स्थापित करना है, जो दुनिया में पहली बार होगा।