आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा पर आधारित रोगों को परिभाषित करने वाली शब्दावली को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के रोग अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण (आईसीडी) के 11वें संशोधन में शामिल किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आईसीडी 11, पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल 2 के जारी होने के साथ, इसके कार्यान्वयन की तैयारी शुरू हो गई है। आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा पर आधारित रोगों से संबंधित डेटा और शब्दावली को विश्व स्वास्थ्य संगठन आईसीडी-11 वर्गीकरण में शामिल किया गया है।
इस प्रयास से, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में रोगों को परिभाषित करने वाली शब्दावली को एक कोड के रूप में अनुक्रमित किया गया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन रोग वर्गीकरण श्रृंखला आईसीडी-11 में सम्मिलित किया गया है। आयुष मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से आईसीडी-11 श्रृंखला के टीएम-2 मॉड्यूल के अंतर्गत आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी प्रणालियों में उपयोग की जाने वाली बीमारियों का वर्गीकरण तैयार किया है। इस वर्गीकरण के लिए पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन और आयुष मंत्रालय के बीच एक दानकर्त्ता समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए थे। यह प्रयास भारत की स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली, अनुसंधान, आयुष बीमा कवरेज, अनुसंधान एवं विकास, नीति निर्माण प्रणाली को और मजबूत और विस्तारित करेगा। इसके अलावा, इन कोड का उपयोग समाज में विभिन्न बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए भविष्य की रणनीति बनाने के लिए भी किया जा सकता है।