केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minority Affairs Minister Kiren Rijiju) ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) पेश किया। इस बिल का कांग्रेस, सपा, NCP (शरद पवार), AIMIM, TMC, CPI (M), IUML, DMK, RSP ने विरोध किया। वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपना नहीं बता सकेगा। अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है। अगर यह बिल पास होता है तो जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना होगा और इससे बोर्ड की मनमानी पर रोक लगेगी। बोर्ड के पुनर्गठन से बोर्ड में सभी वर्गों समेत महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी। मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं, शिया और बोहरा जैसे समूह लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग कर रहे हैं। 1992 में जब बाबरी विध्वंस हुआ तो देश का माहौल खराब हो गया। उसके बाद केंद्र में बनी पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने मुसलमानों को एक बेहतर संदेश देने के लिए वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव किए। साल 1995 में वक्फ बोर्ड की शक्तियां बढ़ाई गईं और इसे जमीन अधिग्रहण करने के लिए असीमित अधिकार दे दिए।